Formality Definition and Formula in Chemistry – Hindi

formality in chemistry

Formality Definition and Formula in Chemistry

Formality Definition in Chemistry: किसी भी विलेय के ग्राम सूत्र भार की संख्या जो एक लीटर विलायक में उपस्थित हो Formality (F) कहलाती है. यह उस विलयन में प्रयुक्त होती है, जहाँ विलेय का संगुणन होता है.

F = विलेय पदार्थ के ग्राम सूत्र भारों की संख्या * 1000/ विलयन का आयतन (ml)

Formality Formula in Chemistry

Formality = F = विलेय की मात्रा ग्राम में * 1000/ विलयन का आयतन (ml)

F = Wa * 1000 Fa * V (ML)
Fa= विलेय का ग्राम सूत्र भार

आयनिक यौगिक जैसे – CuSO4, NaCL , KNO3 आदि अणु के रुप नहीं होते है. अत: इनकी सूत्र इकाई के आधार पर, इनके अणुभार के स्थान पर सूत्रभार का प्रयोग किया जाता है. अत: NaCL का सूत्रभार 58.5 है न कि अणुभार 58.5 है.
लेकिन ज्यादातर इन सभी यौगिकों की सांद्रता को Formality के बजाय मोलरता ही लिखकर ही व्यक्त करते हैं.

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फार्मलता = विलेय पदार्थ के ग्राम सूत्र भारों की संख्या/ विलेय का आयतन

चूंकि हम जानते है कि पदार्थ का ग्राम सूत्र भार निम्म होता है-
ग्राम सूत्र भार = पदार्थ का ग्राम में भार/ पदार्थ का सूत्र भार
जब हम विलेय पदार्थ के ग्राम सूत्र भार को रखते हैं तो Formality formula in chemistry निम्न प्रकार प्राप्त होता है. अर्थात फार्मलता का मान निम्न सूत्र द्वारा भी ज्ञात कर सकते हैं-

Formality = विलेय पदार्थ की ग्रम में मात्रा/विलेय पदार्थ का सूत्र भार * विलयन का आयतन

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सामान्यतया Formality आयनिक ठोसों के लिए उपयोग किया जाता है. अर्थात पदार्थ आयनिक ठोस हो उस स्थिति में Formality के रुप में सांद्रता प्रदर्शित की जाती है.जो ठोस अणुओं के रुप में नहीं पाए जाते है. उनके लिए सूत्र भार ज्ञात किया जाता है और इसलिए ऐसे पदार्थों की सांद्रता को फॉर्मलता के रुप में व्यक्त किया जाता है.
जब किसी एक विलयन में विलेय पदार्थ की एक ग्राम सूत्र भार उपस्थित है तो ऐसे विलयन को Formality विलयन कहते हैं.

जब विलेय पदार्थ के लिए अणु भार और सूत्र भार का मान समान हो तो इस स्थिति में विलयन की फ़र्मलता का मान मोलरता के समान होता है.

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विभिन्न प्रकार के आयनिक यौगिक जैसे NaCL आदि अणु के रुप मे नहीं पाए जाते हैं इसलिए ऐसे आयनिक यौगिकों को अणुभार के रुप में व्यक्त नहीं कर सकते है इसलिए ऐसे यौगिकों को सूत्र भार के रुप में व्यक्त किया जाता है.

ऐसे विलेय पदार्थों को जब किसी विलायक में घोला जाता है तो ऐसे यौगिकों का संगुणन हो जाता है जिससे ये अणु द्वितियाणु या त्रितियाणु के रुप में बन जाते है जिससे इसका अणुभार उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि सूत्रभार उपयोग किया जाता है. ऐसे ही अन्य रोचक लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें.

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