हल्दी को इंग्लिश, उर्दू, मराठी और 9 अन्य भाषाओं में क्या कहते है?

हल्दी को इंग्लिश में क्या कहते है?

हल्दी को इंग्लिश में क्या कहते है?

हल्दी को इंग्लिश में क्या कहते है? यह प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षा या छोटे बच्चों द्वारा आम तौर पर पूछा जाता है और आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देने जा रहे है. सिर्फ इतना ही नहीं वरन हम आपको इंग्लिश के अलावा हल्दी को 9 अन्य भाषाओं में क्या कहते है यह भी बताने जा रहे है तो इस लेख को कृपया अंत तक अवश्य पढ़े.

आम बोलचाल में तो हम हल्दी को हल्दी के नाम से जानते है. वहीं इसे अंग्रेजी में TURMERIC के नाम से भी जाना जाता है. हर भाषा में हल्दी के अलग अलग नाम हैं.
हल्दी की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित चार प्रजातियों का प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है.

करकुमा लोंगा लिनन Curcuma longa : हल्दी की इस प्रजाति का उपयोग मुख्य रुप से मसालों और औषधियों के रूप में किया जाता है. इसके पौधे 60-90 सेमी तक ऊँचें होते हैं. इस हल्दी का रंग अंदर से लाल या पीला होता है. यही वह हल्दी है जिसका उपयोग हम अपने घरों में सब्जी बनाने में करते हैं.

जंगली हल्दी को इंग्लिश में क्या कहते है?

जंगली हल्दी को इंग्लिश में करकुमा एरोमेटिका Curcuma aromatica कहते है.

आमा हल्दी को इंग्लिश में क्या कहते है?

आमा हल्दी को इंग्लिश में Mango ginger या करकुमा आमदा (Curcuma amada) कहते है. इस हल्दी के कन्द और पत्तों में कपूर और आम जैसी महक होती है. इसी वजह से इसे आमाहल्दी (Mango ginger) कहा जाता है.

काली हल्दी को इंग्लिश में क्या कहते है?

काली हल्दी (ब्लैक टर्मरिक) करकुमा सीसिया (Curcuma caesia) कहते हैं. मान्यताओं के अनुसार इस हल्दी में चमत्कारिक गुण होते हैं. इस हल्दी का उपयोग ज्योतिष और तंत्र विद्या में ज्यादा होता है.

हल्दी क्या है?

हमने अपने बड़ों से सुना है कि हल्दी बहुत फायदेमंद होती है. यही कारण है कि हिंदू धर्म के सभी शुभ कार्य में हल्दी का प्रयोग किया जाता है. यहां तक की किसी चोट को जल्दी ठीक करने के लिए भी हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. इसी के साथ खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए भी हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. इस समय पूरी दुनिया में हल्दी के गुणों पर रिसर्च चल रहे हैं और कई रिसर्च आयुर्वेद में बताए गुणों कि पुष्टि करते हैं.

अन्य भाषाओं में हल्दी के नाम

हल्दी : Turmeric (टर्मेरिक्)
संस्कृत : हरिद्रा, काञ्चनी, पीता, निशाख्या, वरवर्णिनी, रजनी, रंजनी, कृमिघ्नी, योषित्प्रिया, हट्टविलासिनी, हलदी, गौरी, अनेष्टा, हरती
उर्दू: हलदी (Haladi)
असम: हलादी (haladhi)
गुजराती : हलदा (Halada)
तमिल : मंजल (Manjal)
बंगाली: हलुद (Halud), पितरस (Pitras)
पंजाबी : हलदी (Haldi), हलदर (Haldar)
मराठी : हलद (Halade), हलदर (Haldar)
अरबी: उरुकेस्सुफ (Urukessuf), कुरकुम (Kurkum)

हल्दी की किस्में-

हल्दी की उन्नत किस्मों में पूना, सोनिया, गौतम, रशिम, सुरोमा, रोमा, कृष्णा, गुन्टूर, मेघा, सुकर्ण, सुगंधन और सीओ-एक किस्में शामिल है.

भारत में हल्दी खेती कहां होती है?

हल्दी की सबसे ज्यादा खेती आंध्र प्रदेश में होती है. इसके अलावा ओडिशा, तमिलानाडु व महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मेघालय, असम में इसकी खेती की जाती है. अब तो उत्तरप्रदेश के बाराबंकी में भी इसकी खेती होने लगी है. आंध्र प्रदेश का देश के हल्दी उत्पादन में करीब 40 फीसदी का योगदान करता है. यहां कुल क्षेत्रफल का 38 से 58.5 प्रतिश उत्पादन होता है.

हल्दी की खेती

हल्दी खेती समुद्र टल से 1500 मीटर तक ऊंचाई वाले विभिन्न ट्रोपिकल क्षेत्रों में की जाती है. सिंचाई आधारित खेती करते समय वहां का तापमान 20- 35 डिग्री सेन्टीग्रेट और वार्षिक वर्षा 1500 मीटर मीटर या अधिक होनी चाहिए. इसकी खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी जैसे रेतीली, मटियार, दुमट मिटटी में की जाती है. मिट्टी का पी.एच. मान 4.5 से 7.5 होना चाहिए. मई के आखिरी सप्ताह में हल्दी की बुवाई की जाती है इसके अलावा जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा है वो अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक हल्दी को लगा सकते हैं. जिनके पास सिंचाई सुविधा का अभाव है वे मानसून की बारिश शुरू होते ही हल्दी लगा सकते हैं.

इसकी खेती के लिए जमीन अच्छी तरह से तैयार करने के बाद 5-7 मीटर, लंबी तथा 2-3 मीटर चौड़ी क्यारियां बनाकर 30 से 45 सेमी कतार से कतार और 20-25 सेमी पौध से पौध की दूरी रखते हुए चार-पांच सेमी गहराई पर कंदों को लगाना चाहिए. हल्दी की बुवाई करने के लिए 2,500 किलोग्राम / हेक्टेयर प्रकन्द बीज की आवश्यकता होती है.

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हल्दी के फायदे और सेवन का तरीका

हल्दी हमारे शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है जिस वजह से तमाम तरह की संक्रामक बीमारियों से बचाव होता है. हल्दी में वात कफ दोषों को कम करने वाले गुण होते हैं और यह शरीर में खून बढ़ाने में मदद करती है. डायबिटीज में हल्दी का सेवन बहुत ही उपयोगी माना जाता है. जुकाम में हल्दी को सूघंने से वह जल्दी ठीक होता है.,हल्दी सिर की फुंसियों से आराम दिलाती है, यदि किसा के दांतो में पायरिया लगा है तो उसे दांतो की हल्दी से मालिश करनी चाहिए. हल्दी का गुण पायरिया के लिए फायदेमंद होता है. वहीं अन्य प्रकार रे रोगों में हल्दी के फायेदे है.

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हल्दी की सामान्य ख़ुराक

आमतौर पर 1-2 ग्राम हल्दी का रोजाना सेवन करना सेहत के लिए उपयुक्त है. अगर आप किसी ख़ास बीमारी के लिए हल्दी का उपयोग करना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार करें.  आशा करते है की आपको आपके प्रश्न हल्दी को इंग्लिश में क्या कहते है? का उत्तर प्राप्त हो गया होगा और ऐसे ही अन्य रोचक लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमें ट्विटर फॉलो करें

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