‘यह हिन्दू आतंकियों ने किया’, खालिस्तानी समर्थक प्रीत गिल ने अमृतसर कांड के लिए हिंदुओं को ही दोषी ठहराया

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, हैं?

प्रीत गिल

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पिछले दिनों पंजाब में धर्म के नाम पर कट्टरता का घिनौना नजारा देखने को मिला, जब बेअदबी के आरोप में दो लोगों की लिंचिंग कर दी गयी। इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर भी बवाल मचा हुआ है। कई नेताओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। इसी क्रम में ब्रिटेन की एक सांसद प्रीत गिल ने तो हद पार करते हुए बेअदबी को लेकर हिंदुओं को दोषी ठहराने के लिए इस मामले को हिंदू आतंकवाद का नाम दे दिया।

दरअसल, पहले अमृतसर के श्री दरबार साहिब और फिर कपूरथला के गांव निजामपुर में गुरुद्वारा साहिब में बेअदबी की कोशिश किए जाने की खबरें सामने आई हैं। दोनों ही मामलों में सिख पंथ के लोगों द्वारा आरोपियों की बिना किसी जांच पड़ताल के लिंचिंग कर दी गयी। अमृतसर के दरबार साहिब में एक युवक ने गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने की कोशिश की और वहां रखी श्रीसाहिब (कृपाण) उठा ली थी।

इसके बाद लोगों ने उसे पकड़ लिया और पीट-पीटकर मार डाला। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आई। इसी बीच एक ट्वीट को quote करते हुए ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सांसद प्रीत गिल ने ट्वीट किया, “एक हिंदू आतंकी को सिखों के पवित्र स्थल हरमंदिर साहिब पर सिखों के खिलाफ हिंसा करने से रोका गया।”

हालांकि, प्रीत गिल ने तुरंत ही अपने इस हिंदू विरोधी ट्वीट को हटा लिया, लेकिन तब तक लोगों ने उनके द्वारा की गयी इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट ले लिया गया था और अब लोगों ने ब्रिटेन के सांसद प्रीत गिल को जम कर लताड़ लगाई है। राहुल पंडिता नामक एक प्रसिद्ध पत्रकार ने ब्रिटिश सांसद के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए ट्वीट किया और लिखा कि “नफरत और दुष्प्रचार की फैक्ट्रियां जोरों पर चल रही हैं।”

इसे लेकर Opinion Bakery नामक एक ट्विटर हैंडल से पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री को टैग करते हुए ट्वीट किया गया कि “डीयर नरेंद्र मोदी, डॉ एस जयशंकर, भारत कब स्वाभिमान जुटाएगा और यूके जैसे देशों के साथ खुलकर बातचीत करेगा, जिनके सांसद वर्षों से खतरनाक प्रोपेगेंडा को हवा दे रहे हैं? क्या हम अभी भी उनकी कॉलोनी हैं? अगर ऐसा है, तो हमारी नम्र चुप्पी का कोई मतलब नहीं होगा।”

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ब्रिटेन सरकार को लेना चाहिए सख्त एक्शन

हालांकि, प्रीत गिल के इस ट्वीट से यह पता चलता है कि उनके मन में हिंदुओं के लिए किस प्रकार की भावना है। घटना की आलोचना करने के बजाए, लिंचिंग को सही बताते हुए प्रीत गिल का इस तरह से समर्थन देना दिखाता है कि उनके भीतर यह घृणा कितनी अंदर तक बैठी हुई है। अगर व्यक्ति किसी ज़िम्मेदारी वाले पद पर बैठता है, तो उससे उम्मीद की जाती है कि वह किसी घटना की संवेदना को समझे और फिर अपनी प्रतिक्रिया दे।

परंतु, प्रीत गिल ने बिना किसी पुलिस कार्रवाई, बिना किसी जांच पड़ताल के हुई लिंचिंग को सही ठहराते हुए घटना के लिए हिंदू आतंकवाद के टैग के साथ हिंदुओं को जिम्मेदार बता दिया। आज तक यह किसी को पता नहीं है कि हिंदू आतंकवाद होता क्या है, लेकिन इन्हें ब्रिटेन में बैठ कर यह स्पष्ट पता है कि इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है।

इससे न सिर्फ सांसद प्रीत गिल की हिंदू विरोधी मानसिकता सामने आई, बल्कि यह भी पता चलता है कि ऐसे ही लोग शक्तिशाली पद पर बैठ कर हिंदू विरोध को मेनस्ट्रीम करने के साथ-साथ भारत और ब्रिटेन के बीच रिश्तों को भी खराब करने पर तुले हुए हैं। ब्रिटेन की सरकार को तुरंत ऐसे लोगों पर एक्शन लेना चाहिए जो इस तरह अपनी हरकतों से दो देशों के बीच संबंधों में कटुता लाने का प्रयास करते हैं। भारत सरकार को भी ब्रिटेन सरकार से स्पष्ट तौर पर ऐसे सांसदों के प्रोपेगेंडा के बारे में बातचीत करनी चाहिए।

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गौरतलब है कि जिस तरह से देश में अशांति फैलाने की मंशा के साथ पिछले वर्ष से ही खालिस्तान एक्टिव हुआ है, उसे देखते हुए मौजूदा समय में घटित हुई इन घटनाओं में उनकी संलिप्तता को नकारा नहीं जा सकता है। ब्रिटेन इन खालिस्तानियों के गतिविध का केंद्र बना हुआ है। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं के मद्देनजर सरकार को गहन जांच के आदेश देते हुए खालिस्तानी एंगल पर भी अन्वेषण के लिए ज़ोर देना चाहिए।

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