भारत का 21 वर्ष बाद Miss Universe जीतना संयोग नहीं, सब ‘बाज़ारवाद’ का खेल है

पैसों का चक्कर बाबू भैया, पैसों का चक्कर!

मिस यूनिवर्स भारत

हाल ही में, इजराएल में संपन्न हुए मिस यूनिवर्स 2021 प्रतियोगिता में भारत की हरनाज़ कौर संधू ने मिस यूनिवर्स का मुकुट अपने नाम कर इतिहास रच दिया है। चंडीगढ़ से नाता रखने वाली इस 21 वर्षीय हरनाज़ ने एक लंबे अन्तराल के बाद भारत को यह सम्मान दिलाया है। वहीं, यह सम्मान 21 वर्ष पूर्व 1994 एवं 2000 में भारत को मिला था, जब सुष्मिता सेन और लारा दत्ता को यह सम्मान प्रदान किया गया था। वहीं, 2017 में मानुषी छिल्लर को मिस वर्ल्ड के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

यहां एक बात सोचने वाली है कि अचानक से भारत के लिए संसार के मन में इतना प्रेम कैसे उमड़ पड़ा? क्या 21 वर्षों के अन्तराल में भारत के पास सौंदर्य और परिपक्वता की कमी थी? असल में, ये खेल काफी जटिल है, जिसकी वास्तविकता से बहुत ही कम लोग परिचित है। यूं समझ लीजिये, प्रॉफिट दिखता है, तो हर कोई झुकता है। वो कैसे? कभी सोचा है कि कोई सौंदर्य प्रतियोगिता कैसे काम करती है? यहां पर केवल सौंदर्य ही एक पैमाना नहीं होता, व्यक्तित्व, और उक्त देश से सम्बंधित कई पैमाने होते हैं, जिनके बारे में न हमें पता होता है, न दुनिया को।

भारत अब सौंदर्य उद्योग की जगत में कर रहा है वापसी 

एक समय पर वेनेज़ुएला से अधिक संख्या में मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स निकलती थीं, परन्तु वर्ष 2014 के बाद लगभग सब बंद हो गया। ऐसा क्यों? इसका एक उत्तर है, उपभोक्तावाद (Consumerism)। यदि उदाहरण के तौर पर कहें तो Schindler’s List मूवी में मुख्य किरदार कहता है, “मुझे इस बात से वास्ता है कि मेरा उत्पाद दिखता कैसा है, इसमें मैं निपुण हूँ, काम में नहीं, प्रेजेंटेशन  में!”

बता दें कि 90 के दशक में, भारत को भी काफी मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स की उपाधि मिलती थी, जब भारत ने आर्थिक उदारीकरण का रस चखा था। भारत में उत्पादों की मांग कभी ख़त्म नहीं हो सकती थी, लेकिन जैसे ही मांग थोड़ी स्थिर होने लगी तो वर्ष 2000 के पश्चात मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स से भारत का नाता धीरे-धीरे टूटने लगा।

वहीं, वर्ष 2017 के बाद भारत ने इस जगत में पुन वापसी का संकल्प लिया और यह मुकुट उसी का परिणाम है। भारत एक युवा देश है, जिसकी औसत आबादी 30 वर्ष से कम भी है। ऐसे में, सौंदर्य उद्योग फूले फले भी नहीं, ऐसा हो ही नहीं सकता। इसके अलावा भारत का सौंदर्य उद्योग एक और कारण से भी बढ़ेगा, क्योंकि जहां कोविड के कारण चीन का विनाश निश्चित है, वहीं भारत का उत्थान सुनिश्चित है। जब वैश्विक कॉस्मेटिक मार्किट में ही भारत कुलांचे मारने के लिए तैयार हो, तो मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड के उपाधियों की वर्षा तय समझिए। 

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