‘ये सब बकवास है,’ फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रॉन ने EU को Woke राह अपनाने पर धो डाला

फ्रांस अमेरिका द्वारा फैलाए गए इस विष के झांसे में नहीं आएगा!

Wokeism

फ्रांस के वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष इमैनुएल मैक्रॉन का अपने देश की संस्कृति के प्रति स्पष्ट रुख रहा है कि उससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए। कट्टरपंथ के विरुद्ध उन्होंने हमेशा से फ्रांस को एक सशक्त राह दिखाई है। परन्तु इमैनुएल मैक्रॉन इतने पर ही सीमित नहीं रहे। अभी वर्तमान में जब यूरोपीय संघ ने Wokeism को बढ़ावा देने का प्रयास किया, तो फ्रेंच राष्ट्रपति ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यूरोपीय संघ कृपया Wokeism थोपने का प्रयास न करे।

परन्तु विवाद आखिर किस बात पर उपजा? हाल ही में यूरोपीय संघ ने एक वार्तालाप दिशानिर्देश जारी किया है, जिसमें उन्होंने पूरे यूरोप पर Wokeism थोपने का प्रयास किया है। उदाहरण के लिए ‘Union of Equality’ नामक इस विवादस्पद डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि क्रिसमस के बजाये इसे ‘हॉलिडे पीरियड’ कहकर संबोधित करें, और वास्तविक समानता के लिए व्यक्तियों को ‘Mr’ या ‘Miss’ के रूप में संबोधित करने के बजाये ‘Ms’ जैसे ‘जेंडर न्यूट्रल टर्म्स’ को बढ़ावा दें।

इस निम्नस्तर दस्तावेज़ का पूरे यूरोप में वैटिकन से लेकर फ़्रांस तक विरोध किया गया है। स्वयं इमैनुएल मैक्रॉन ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि यूरोप को आर्थिक सुरक्षा, शक्ति एवं प्रगति पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहिए, और ऐसी फालतू बकवास में नहीं। फ्रेंच राष्ट्रपति के बयान के अनुसार, “जो यूरोप हमें यह बताये कि हमें क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं, वो मेरा यूरोप नहीं हो सकता। जो भी अभी हो रहा है, वो सब बकवास है।”

इसके साथ ही अपने बयान में मैक्रॉन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि यूरोपीय संघ अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आया, तो वे जनसमर्थन भी गंवा देंगे, और इनकी चेतावनी को यूरोपीय संघ द्वारा अनदेखा करना मज़ाक नहीं, क्योंकि फ्रांस 2022 में EU की अध्यक्षता संभालने वाला है। मैक्रॉन का सन्देश स्पष्ट है – यूरोप को Wokeism के विष से बचाइए अन्यथा सर्वनाश के लिए तैयार रहिये।

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यूं तो रूस ने पहले ही Wokeism के विरुद्ध झंडा बुलंद किया है, परन्तु इमैनुएल मैक्रॉन द्वारा यह कहना कि Wokeism बकवास है, अपने आप में इस बात का सूचक है कि फ्रांस अमेरिका द्वारा फैलाए इस विष के झांसे में नहीं आएगा। हालाँकि, यह प्रवृत्ति अभी से नहीं उत्पन्न हुई है। इससे पूर्व भी फ्रेंच सरकार ने वोक संस्कृति के विरुद्ध अपना नारा बुलंद किया है।

TFI के ही विश्लेषणात्मक पोस्ट के अनुसार,

“फ्रांस के शिक्षा मंत्री ने प्राचीन ग्रीक और लैटिन के शिक्षण को बढ़ावा देने की योजना की घोषणा की है, जिसे देश की युवा पीढ़ियों की संस्कृति को विकसित करने और वोक संस्कृति के प्रसार से लड़ने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। फ्रांस के “Woke” युद्ध में एक प्रमुख व्यक्ति और फ्रांस के शिक्षा मंत्री जीन-मिशेल ब्लैंकर ने सोमवार को कहा कि प्राचीन ग्रीक और लैटिन को अगलेसाल वोकेशनल पाठ्यक्रमों के छठे विषय के साथ-साथ मिडिल स्कूल के छात्रों के लिए उपलब्ध कर दिया जाएगा। ब्लैंकर चाहते हैं कि छात्रों को प्राचीन दार्शनिकों को पढ़कर अपनी संस्कृति को विकसित करने का अवसर मिले।”

ब्लैंकर ने ले पॉइंट को बताया कि क्लासिक्स की ऐसी व्याख्याएं ‘पूरी तरह से दिमागी कुंठित मानसिकता’ का प्रतीक है। उन्होंने कहा,दो सहस्राब्दियों से पहले के लेखन को एक समकालीन विश्व के दृष्टिकोण के साथ देखना बेतुकापन है।उन्होंने कहा आगे कहा कि पूर्वकालीन सभ्यताएं हमें खुलेपन और सार्वभौमिक खोजकी ओर लेकर आती हैं।”

ऐसे में फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने स्पष्ट किया है कि फ्रांस तो फ्रांस, यूरोप पर Wokeism का विष थोपने का प्रयास अब और नहीं चलेगा। उनके लिए राष्ट्र की संस्कृति के साथ यूरोप की अस्मिता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जिसकी रक्षा के लिए वे कुछ भी करने को तैयार है।

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