कपास को इंग्लिश में क्या कहते हैं? और इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

कपास को इंग्लिश में क्या कहते हैं

कपास को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

कपास को इंग्लिश में क्या कहते हैं? यह प्रश्न अक्सर छोटे बच्चे अपने अभिभावक से अवश्य करते है तो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कपास को इंग्लिश में cotton कहते हैं. पूरे देश में कपास की सबसे ज्यादा खेती महाराष्ट्र में ही होती है. कपास महाराष्ट्र की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसल है.महारष्ट्र के खानदेश, सोलापुर, सांगली, सतारा, जलगाँव जिलो में बड़े पैमाने पर कपास की खेती की जाती है.

भारत में 9.4 मिलियन हेक्टेयर की भूमि पर कपास की खेती की जाती हैं. इसके प्रत्येक हेक्टेयर क्षेत्र में 2 मिलियन टन कपास के डंठल अपशिष्ट के रूप में विद्यमान रहते हैं. महाराष्ट्र पूरे सीजन के दौरान राज्य में 33 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में कपास की फसल लगती है. कपास की खेती नगदी फसल के रूप में होती है. किसानों को इसकी खेती से अच्छा मुनाफा होता है. इसकी खेती भारत के कई राज्यों में भी की जाती है. बाजार में कपास की कई प्रजातियाँ आती हैं, जिनसे ज्यादा पैदावार मिलती है. इसकी ज्यादा पैदावार तटीय इलाकों में होती है. सबसे ज्यादा लम्बे रेशों वाली कपास को अच्छा माना जाता है.इसके बीज से तेल भी निकाला जाता है, बचा भाग पशुओं को खिलाया जाता है.

कपास की खेती के लिए सही मोसम

यदि पर्याप्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हैं तो कपास की फसल को मई माह में ही लगाया जा सकता है. कपास के लिए स्वच्छ, गर्म और शुष्क जलवायु अनुकूल होती है.फसल के उगने के लिए कम से कम 17 डिग्री सेंटीग्रेट और अंकुरण के लिए आदर्श तापमान 31 से 34 डिग्री सेंटीग्रेट होना उचित है. इसकी बढ़वार के लिए 21 से 27 डिग्री तापमान चाहिए. फलन लगते समय दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तथा रातें ठंडी होनी चाहिए. कपास के लिए कम से कम 50 सेंटीमीटर वर्षा का होना आवश्यक है. 125 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा का होना हानिकारक होता है.

कपास की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी

कपास के लिए सही मिट्टी का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कपास की फसल लगभग छह महीने तक खेत में रहती है. जिन क्षेत्रों में वर्षा कम होती है, वहां इसकी खेती अधिक जल-धारण क्षमता वाली मटियार भूमि में की जाती है. जहां सिंचाई की सुविधाएं उपलब्ध हों वहां बलुई एवं बलुईदोमटमिटटी में इसकी खेती की जा सकती है. कपास की खेती के लिए काली, मध्यम से गहरी (90 सेमी) और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करें. कपास को उथली, हल्की खारी और दोमट मिट्टी में लगाने से बचें. पोषक तत्वों की उपलब्धता और मिट्टी की सतह के बीच संबंध के कारण मिट्टी की सतह लगभग 6 से 8.5 होनी चाहिए.
यह हल्की अम्लीय एवं क्षारीय भूमि में उगाई जा सकती है. इसके लिए उपयुक्त पी एच मान 5.5 से 6.0 है. हालांकि इसकी खेती 8.5 पी एच मान तक वाली भूमि में भी की जा सकती है.

कपास की उन्नत खेती में खाद एवं उर्वरक का प्रयोग

बुवाई से तीन चार सप्ताह पहले 25 से 30 गाड़ी गोबर की खाद प्रति हैक्टेयर की दर से जुताई कर भूमि में अच्छी तरह मिलानी चाहिए.

कपास की उन्नत किस्में

देश में वर्तमान में बी.टी. कपास अधिक प्रचलित है. जिसकी किस्मों का चुनाव किसान भाई अपने क्षेत्र व परिस्थिति के अनुसार कर सकते हैं. लेकिन कुछ प्रमुख नरमा, देशी और संकर कपास की अनुमोदित किस्में क्षेत्रवार विवरण नीचे दिया गया है.

उत्तरी क्षेत्र के लिए अनुमोदित किस्में

अन्य प्रमुख प्रजातियां : पिछले 10 से 12 वर्षों में बीटी कपास की कई किस्में भारत के सभी क्षेत्रों में उगाई जाने लगी हैं. जिनमें मुख्य किस्में इस प्रकार से हैं, जैसे- आर सी एच- 308, आर सी एच- 314, आर सी एच- 134, आर सी एच- 317, एमआर सी- 6301, एमआर सी- 6304 आदि है.

आमतौर पर 1-2 ग्राम हल्दी का रोजाना सेवन करना सेहत के लिए उपयुक्त है. अगर आप किसी ख़ास बीमारी के लिए हल्दी का उपयोग करना चाहते हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार करें. आशा करते है की आपको आपके प्रश्न कपास को इंग्लिश में क्या कहते हैं? का उत्तर प्राप्त हो गया होगा और ऐसे ही अन्य रोचक लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें.

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