भाजपा को जीत की अग्रिम बधाइयां देना शुरू कर दीजिए! उत्तरप्रदेश के साथ-साथ अब पंजाब में भी जोरदार वापसी के लिए तैयार है भाजपा। कांग्रेस, जो पहले ही पंजाब में हार मान चुकी है, अब इसी पार्टी ने अपने पैरों पर फिर से कुल्हाड़ी मार ली है। आज मशहूर खालिस्तानियों का समर्थक गायक, सिद्धू मूसे वाला ने आधिकारिक तौर पर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। अपने गीतों के वीडियो में बंदूकें और पुलिस मामलों को सम्मान बताने वाला विवादास्पद गायक, सिद्धू मूसे वाला अगले साल की शुरुआत में पंजाब चुनाव से पहले आज कांग्रेस में शामिल हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू दोनों ने सिद्धू मूसे वाला का स्वागत किया है। इस रैपर के अपने गृहनगर मानसा से चुनाव लड़ने की संभावना है।
सिद्धू मूसे वाला ने डूबती कांग्रेस का थामा दामन
सिद्धू ने संवाददाताओं से कहा, “आप उन मुद्दों के बारे में क्यों पूछ रहे हैं, जो विचाराधीन हैं? पंजाब के लोगों को उनके बारे में फैसला करने दें। मीडिया को फैसला नहीं करना चाहिए।” सिद्धू जब यह कह रहे थे तब मौके पर मौजूद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि, “उन्होंने सभी का दिल जीता है। वह एक किसान के बेटे हैं और उनके पिता एक पूर्व सेना अधिकारी हैं। मुझे यकीन है कि वह कांग्रेस पार्टी को गौरवान्वित करेंगे, मैं कांग्रेस की ओर से उनका स्वागत करता हूं।”
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आपको बता दें कि पंजाबी गायक और खालिस्तान से हमदर्दी रखने वाले सिद्धू मूसे वाला CM चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। पार्टी का सदस्य बनने के बाद, मीडिया को संबोधित करते हुए, मूसेवाला ने कहा कि वह “पंजाबियों की आवाज़ उठाने” के लिए यह बदलाव कर रहे हैं। सिद्धू मूसे वाला एक पंजाबी गायक है, जिसने हाल ही में किसानों के विरोध का समर्थन किया था, जिसके कारण कई बार क्रूर हिंसा हुई थी। वह एक खालिस्तानी हमदर्द भी हैं, जिसने खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले की प्रशंसा की थी।
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कांग्रेस अब खालिस्तानी समर्थकों की भर्ती कर रही है!
आपको बताते चलें कि गणतंत्र दिवस पर जब खालिस्तानी भीड़ ने लाल किले पर सिख झंडा फहराया तो ‘किसान विरोध’ का खालिस्तानी चेहरा खुलकर सामने आया था। किसानों के विरोध के दौरान मूसेवाला ने एक संगीत लॉन्च किया था, जहां उसने जरनैल सिंह भिंडरावाले की जय-जयकार की थी। ‘पंजाब‘ नामक गाने में मूसेवाला द्वारा इस्तेमाल किया गया भाषण अलगाववाद के बारे में खुलकर बात करता है। ‘राज दी गल क्यूं न करिए। अस्सी माला फड़ के हिंदुस्तान दे किसी मठ दे पुजारी नी बन्ना चौहंडे’ इसका मतलब यह है कि हम क्यों न स्वशासन की चर्चा करें? हम हिंदुस्तान में केवल प्रार्थना की माला बनकर नहीं रहना चाहते हैं। इस वीडियो में भिंडरांवाले कई मौकों पर नजर आता है।
गाने में मूसेवाला ने ‘दिल्ली’ को धमकी भी दी थी। गाने के बोल में कहा गया है, ‘मुड़ तो बड़े खिलाफ तू दिते ऑर्डर दिल्ली’ए नी, ओह भूली ना मैनु वी लगदे बॉर्डर दिल्ली’ए नी’ अर्थात आपने मेरे खिलाफ शुरू से ही आदेश दिए हैं, ओह दिल्ली। मुझे नजरअंदाज मत करो। मैं एक सीमावर्ती राज्य हूं।
ऐसे व्यक्ति को पार्टी में शामिल करके कांग्रेस ने अपने राजनीतिक जीवन का मुख्य उद्देश्य जगजाहिर कर दिया है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब वह राज्य है, जिसने भारत की ना जाने कितने बार सुरक्षा की है। अतः यह कहना गलत नहीं है कि कांग्रेस का भारत में हारना अब तय है और हो भी क्यों ना जब कन्हैया जैसे लोग पार्टी में होंगे तो यह होगा ही।