महाभारत किसने लिखी है? एक रोचक कथा 

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महाभारत किसने लिखी है?

दोस्तों आपने महाभारत का नाम तो सुना ही होगा लेकिन क्या आपको पता है कि महाभारत किसने लिखी है? आज हम इसी सवालों की जवाब इस लेख के माध्म से प्राप्त करेगें। महाभारत को हिन्दू धर्म का एक पवित्र ग्रन्ध माना जाता है।इसमें महाभारत के युद्ध का सम्पूर्ण इतिहास लिखा हुआ है। इसमें पांडवो और कोरवो के बीच युद्ध कब और कहां हुआ इसकी सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

पांड्वो के साथ श्री कृष्ण थे तो कोरवो के साथ श्री कृष्ण द्वारा बनाई 10 लाख नारायणी सेना थी। लेकिन युद्ध के प्रत्येक क्षण में श्री कृष्ण ने पांड्वो को मार्गदर्शन दिया था । यह महाभारत युद्ध 18 दिनों तक चला था और इन 18 दिनों में पांडवो और कोरोवो की सेना को बहुत बड़ा नुक्सान झेलना पड़ा था और अंत: में पांडवो ने इस महाभारत युद्ध को जीत लिया था। इस युद्ध को विश्व का सबसे बड़ा युद्ध माना जाता है।

महाभारत किसने लिखी है? एक कथा

महाभारत किसने लिखी है? इस प्रश्न का उत्तर इस छोटी पर रोचक कथा में छिपा है और महाभारत को लिखने में गणेश जी का खास स्थान है। महाभारत में एक ऐसा वर्णन आता है कि वेदव्यास जी ने हिमालय की एक पवित्र गुफा में तपस्या में लीन तथा ध्यान योग में स्थित होकर महाभारत की घटनाओं का आदि से अन्त तक स्मरण कर मन ही मन में महाभारत की रचना कर ली।

इसके पश्चात वेद व्यास जी के सामने एक गंभीर समस्या आ खड़ी हुई कि इस काव्य के ज्ञान को सामान्य जन साधारण तक कैसे पहुंचाया जाये क्योंकि इसकी जटिलता और लम्बाई के कारण यह बहुत कठिन था कि कोई इसे बिना कोई गलती किए वैसा ही लिख दे जैसा कि वे बोलते जाएं। इसका उपाय जानने के लिए वेद व्यास जी ब्रह्मा जी के पास गए। ब्रह्मा जी के कहने पर व्यास गणेश जी के पास पहुंचे और उन्हें महाभारत लिखने के लिए गणेश जी से निवेदन किया।

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गणेश जी महाभारत लिखने के लिए तो मान गए मगर उन्होंने महर्षि वेदव्यास के सामने एक शर्त रखी कि वे अपना लेखन कार्य बीच में नहीं छोड़ेंगे। गणेश जी ने कहा कि जहां वेदव्यास जी ने अपना मन्त्रोच्चारण बन्द किया वहीं पर वह अपनी लेखनी को विराम दे देंगे तथा दोबारा वह लेखनी हाथ में नहीं लेंगे।

गणेश जी चाहते थे कि व्यास जी का श्लोक वाचन धारा प्रवाह होना चाहिए तथा उसमें रुकावट का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। यह प्रण कोई सामान्य प्रण नहीं था क्योंकि किसी भी श्लोक की रचना के लिए तो कुछ समय अवश्य लगता है परन्तु व्यास जी तो अनेकों ग्रंथों के ज्ञाता और महान ज्ञानी थे।

व्यास जी मालूम था कि यह शर्त बहुत कठनाईयां उत्पन्न कर सकती है। अतः उन्होंने भी अपनी चतुरता से एक शर्त रखी कि कोई भी श्लोक लिखने से पहले गणेश जी को उसका अर्थ समझना होगा। इस तरह व्यास जी बीच-बीच में कुछ कठिन श्लोकों को रच देते थे, तो जब गणेश उनके अर्थ पर विचार कर रहे होते उतने समय में ही व्यास जी कुछ और नये श्लोक रच देते।

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महाभारत को लिखने का समय

इस तरह ऋषि व्यास जी तथा गणेश जी ने मिलकर एक ऐसे ग्रन्थ का र्निमाण किया जिसमें एक लाख श्लोक हैं। सम्पूर्ण महाभारत 3 वर्षों के अन्तराल में लिखी गयी। इस प्रकार श्री गणेशजी ने ॐ कहकर स्वीक्रति प्रदान की और महाभारत को लिखना आरंभ किया।

दोस्तों यह वह कहानी है इससे आपको अच्छी तरह से पता लग गया होगा की महाभारत असल में किसने लिखी थी? अब हम महाभारत को लिखने के समय के बारे में जानेगे। दोस्तों वैसे तो महाभारत को लिखने का सही समय किसी को नही पता है पर माना जाता है की महाभारत 5000-3000 इसवी ईसा पूर्व या निश्चित तौर पर 1900 इसवी ईसा पूर्व रची गयी होगी, जो महाभारत मे वर्णित ज्योतिषिय तिथियो से मेल खाती है।

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