NDTV और कांग्रेस ने दिवंगत ब्रिगेडियर एल. एस. लिड्डर की बेटी के बारे में घिनौनी और झूठी ख़बरें फैलाई

कुछ तो लिहाज करो लिबरलों!

हर बार की तरह एक बार फिर कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम ने देश विरोधी तत्वों का बचाव करने के लिए फेक न्यूज़ का सहारा लिया है। इस बार भी लेफ्ट ब्रिगेड का टूलकिट पहले की तरह ही उसी पैटर्न पर था, जिसके तहत वे किसी भी एक मुद्दे पर झूठ फैलाकर दक्षिणपंथियों और मोदी समर्थकों को दोषी करार देते हैं। लिबरल ब्रिगेड ने अपने प्रोपेगेंडा में फैलाया कि ब्रिगेडियर लिड्डर की बेटी, आशना लिड्डर को दक्षिणपंथी द्वारा ‘दुर्व्यवहार’ और ‘बलात्कार’ की धमकी दी गई थी। इसलिए, उन्हें अपना ट्विटर अकाउंट निष्क्रिय करना पड़ा। हालांकि, इसमें कोई सच्चाई नहीं थी और न ही किसी ने उन्हें रेप की धमकी दी थी।

दक्षिणपंथियों को दोषी ठहराने पर तुला है लेफ्ट ब्रिगेड

दरअसल, बीते 8 दिसंबर को देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत सहित 12 अन्य सेना के अधिकारियों और जवानों की हेलिकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गई थी। इस हादसे में ब्रिगेडियर एल. एस. लिड्डर (Brigadier LS Lidder) की भी मृत्यु हो गई थी। इस घटना के दो दिन बाद ही उनकी बेटी आशना लिड्डर ने अपना ट्विटर अकाउंट deactivate कर दिया। उनके इस तरह से अपने अकाउंट को deactivate करने के बाद लेफ्ट ब्रिगेड ने यह प्रचार करना आरंभ किया कि उन्हें ‘दक्षिणपंथी’ और ‘मोदी भक्तों’ ने रेप की धमकियां दी, जिसके बाद आशना ने इस तरह का कदम उठाया।

वहीं, NDTV के एक पत्रकार ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा कि यही “दक्षिणपंथी / hate groups ने आज यही हासिल किया है। आशना लिड्डर ने अपना अकाउंट निष्क्रिय कर दिया है। More power to you आशना।”

विनोद कापड़ी ने ट्वीट किया, “जिस 16 साल की आशना ने 2 दिन पहले ही पिता को खोया, जिसने आज पिता को मुखाग्नि दी, उस बच्ची को IT CELL ने इस कदर परेशान किया कि उसे अपना ट्विटर हैंडल बंद करना पड़ा। वजह थी-आशना ने पिछले ट्वीटस में देश के हालात पर चिंता की थी और विपक्षी नेताओं के ट्वीट लाइक किए थे। ये घिनौना नया भारत है।” वहीं एक अन्य पत्रकार ने दावा किया कि दक्षिणपंथी गुंडो ने उनके ट्वीट के लिए उन पर हमला किया क्योंकि वे उनके अनुकूल नहीं थे।

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ट्विटर पर अपवाह फ़ैलाने का बाद लिया यू-टर्न

इसी तरह एक ने ट्वीट किया, “एक 16 वर्षीय बच्ची जिसने तुरंत अपने पिता का अंतिम संस्कार किया, एक नायक जिसने देश के लिए एक गोली खाई और हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनकी मृत्यु हुई, उसके ट्वीट के लिए जांच और हमला किया जा रहा है। क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं?”

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घोर मोदी विरोधी और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए ​​कहा कि ‘अंधभक्तों ने उन्हें बलात्कार की धमकी दी थी, जिसके कारण उन्होंने अपना खाता निष्क्रिय कर दिया।’ हालांकि, जब पूछताछ की गई, तो सिंह ने तुरंत यू-टर्न लिया और अपना ट्वीट हटा दिया।’ इस मामले में ऑल्टन्यूज कैसे पीछे रहता। फ़ैक्टचेकिंग के नाम पर प्रोपेगेंडा फैलाने वाले ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक जुबैर ने भी ट्वीट किया कि आशना को ‘हमलों’ के कारण अपना खाता निष्क्रिय करना पड़ा।

बता दें कि सोशल मीडिया पर यह झूठ तब आरंभ हुआ जब ‘संदीप चौधरी’ नामक एक ट्विटर अकाउंट ने दावा किया कि आशना को बलात्कार की धमकी मिली थी। हालांकि, जब कुछ लोगों ने उससे सबूत मांगना आरंभ किया तब वह अपनी बात से पलटे गए और उन्होंने दावा किया कि उसे बलात्कार की धमकी नहीं मिली थी। प्रारंभिक जांच से यही लगता है कि इसी अकाउंट से यह अफवाह फैलाया कि दक्षिणपंथी आशना लिड्डर को रेप धमकी दे रहे हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि यह वही हैंडल था, जिसने बाद में यह दावा करने के लिए यू-टर्न लिया था कि आशना लिड्डर को बलात्कार की कोई धमकी नहीं दी गई थी।

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ऐसे कृत्यों से बाज नहीं आएगा लेफ्ट ब्रिगेड

कई लोगों ने जब जांच आरंभ की और यह पता लगाने की कोशिश की आखिर कौन हैं, वो लोग जिन्होंने रेप की धमकी दी तो जांच में कुछ निकला ही नहीं। आशना के Mentions में ऐसा कोई भी एक ट्वीट नहीं था, जिसमें रेप की धमकी दी गई थी। एक ट्विटर यूजर ने बताया कि NDTV पत्रकार द्वारा उनके अकाउंट को निष्क्रिय करने के बारे में ट्वीट करने से पहले, उनके Mentions में केवल 17 ट्वीट थे और उनमें से कोई भी धमकी एवं हमले के सन्दर्भ में कोई ट्वीट नहीं था।

जब सबूत की मांग बढ़ी, तो लिबरल ब्रिगेड के पास सबूत के नाम पर एक दो स्क्रीनशॉट था, जिसमें आशना को “Woke” कहा गया था। NDTV के पत्रकार ने दो स्क्रीनशॉट शेयर किए जिसमें आशना लिडर को “Woke” कहा जा रहा था। उनके द्वारा साझा किए गए दोनों ट्वीट में कोई गाली या धमकी नहीं थी।

ऐसे में, यह शर्मनाक है कि NDTV और लिबरल ब्रिगेड मोदी समर्थकों और दक्षिणपंथियों को बदनाम करने के लिए एक ऐसे समय का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस समय पूरा देश CDS सहित 12 सैनिकों की मृत्यु पर गमगीन है। वहीं, एक बार फिर से यह साबित हो गया है कि लेफ्ट ब्रिगेड अपने एजेंडे के लिए किसी भी समय या किसी भी व्यक्तित्व का फायदा उठाने से नहीं चूकेगा।

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