देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश राज्य का अहम स्थान है। केंद्र की सत्ता तक पहुंचने का रास्ता इसी प्रदेश से होकर जाता है। इसी बीच उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर बिगुल बज चुका है और राज्य की विभिन्न पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट गई हैं। वर्तमान में, उत्तर प्रदेश की सत्ता भाजपा के पास है और पिछले पांच वर्षों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने हर मोर्चे पर राज्य के प्रगति के लिए कार्य किया है। वहीं, सरकार ने बहुत सारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाया है। ये योगी सरकार द्वारा प्रदेश और जनता के हित में किये गए कार्यों का परिणाम है कि वहां विपक्ष धराशाही होता दिख रहा है।
CM योगी के बोल ‘देश को रामराज्य की जरुरत है’
हाल ही में, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार में जुटे योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) पर तंज कसते हुए कहा है कि “देश को ‘रामराज्य’ की जरूरत है, न कि ‘समाजवाद’ या ‘साम्यवाद’ की।” योगी ने कहा कि ‘रामराज्य का अर्थ है जो अनन्त, सार्वभौमिक और शाश्वत है।’ बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर उनके जिन्ना समर्थित टिप्पणियों के लिए राजनीतिक तंज कसा है। योगी ने सपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “पहले समाजवाद सबसे बड़ा सिद्धांत था पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने समाजवाद की परिभाषा को बदलकर पारिवारवादी माफियावादी (माफिया समाजवाद), अराजकतावादी समाजवाद) दंगावादी (दंगा समाजवाद) और आतंकवादी समाजवाद कर दिया है।” इतना ही यही नहीं उन्होंने सपा पर चुटकी लेते हुए आगे कहा ‘अब तो लोग समाजवाद को लाल चेतावनी के रूप में देखते हैं।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में आगे कहा कि “समाजवाद के वास्तविक मूल्यों के तौर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असल समाजवादी राम मनोहर लोहिया के सपनों को महसूस किया था, इसलिए उन्होंने गांव में रह रहे गरीब लोगों के लिए शौचालय बनाए।” उन्होंने स्पष्ट रूप से ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत केंद्र में बीजेपी द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र किया जिसमें उज्ज्वला योजना सबसे प्रमुख है।
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योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी पार्टियों की लगाई क्लास
योगी ने एक और प्रखर समाजवादी नेता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की तारीफ़ करते हुए कहा कि “असली समाजवादी के पुरोधा चंद्रशेखरजी (पूर्व प्रधानमंत्री) ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में किसी भी तरह से अपने बेटों को राजनीति में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी थी”, जिससे यह साफ कहा जा सकता है कि उनका इशारा समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर था। सपा सरकार के समय गुंडागर्दी को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर खूब राजनीतिक प्रहार किया।
आपको बता दें कि अपने दो घंटे के लंबे भाषण में योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस में अपनी सरकार और अपने अधिकारियों की उपलब्धियों का विवरण दिया और उसके साथ ही सपा पर अपने हमले को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी को युवाओं के जीवन के साथ खेलने की स्वतंत्रता नहीं है। मालूम हो कि प्रदेश के युवाओं ने अधिकारियों पर भर्ती में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन को समाप्त करते हुए कहा कि “राज्य अब पहले के मुकाबले बहुत तरक्की कर रहा है और आने वाले समय में उत्तर प्रदेश नए उद्योग का हब होगा।” ऐसे में, जिस तरह से अपने भाषण में योगी सपा को धो रहे थे, उससे कहा जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ के तरफ से यह एक विजयी चुनावी भाषण था!