अब महिला कमांडो को भी Z+ सुरक्षा में किया जाएगा तैनात

'महिला सशक्तिकरण' की दिशा में सबसे बड़ा परिवर्तन!

महिला कमांडो VIP

भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। अब महिलाओं को कमांडो के तौर पर VIP सुरक्षा में शामिल किया जा सकेगा। रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), VIP सुरक्षा संभालता है और यह जल्द ही 32 महिला कमांडो को VIP नेताओं की सुरक्षा में तैनात करेगा। यह पहली बार है जब CRPF VIP सुरक्षा के लिए महिला कमांडो तैनात करेगा। इन महिला कमांडो को Z+ सुरक्षा प्राप्त लोगों के आवास पर तैनात किया जाएगा। महिला कमांडो के पहले बैच में 32 महिलाओं को शामिल किया गया है। एक अधिकारी ने बताया, “MHA ने सितंबर में हमें VIP ड्यूटी के लिए महिला सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने की अनुमति दी थी।”

अब VIP सुरक्षा में तैनात होंगी महिला कमांडो

वहीं, इस कदम का मतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर की सुरक्षा में निजी सुरक्षा अधिकारी के तौर पर महिलाओं को तैनात किया जाएगा। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है, “2019 में, हमने एक VIP सुरक्षा विंग शुरू की और शुरुआत में इसमें केवल पुरुष थे। हालांकि, हमने महिलाओं को टीम का हिस्सा बनने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है और अब महिलाओं को जनवरी के दूसरे सप्ताह तक VIP के साथ तैनात कर दिया जाएगा।”

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बता दें कि 2019 में VIP सुरक्षा के लिए SPG कानून में बदलाव किया गया था। संशोधित बिल के अनुसार सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके परिवार (जो उनके साथ आधिकारिक निवास पर रहते हो) को SPG सुरक्षा देने का प्रावधान है। प्रधानमंत्री के अलावा किसी भी विशेष व्यक्ति को ये सुरक्षा नहीं दी जाती है। इस नए संशोधन के बाद पीएम पद से हटने के पांच साल बाद उनसे भी यह सुरक्षा वापस ले ली जाएगी। बिल में संशोधन के बाद कानूनी तौर पर गांधी परिवार के किसी भी सदस्य को SPG सुरक्षा नहीं मिली है।

महिला कमांडो ने पूरा किया अपना प्रशिक्षण

वहीं, दो साल पहले जब प्रियंका गांधी से SPG सुरक्षा हटा दी गई थी, तब कांग्रेस ने इसे क्षुद्र राजनीति के रूप में देखा था। वहीं,  अब इन महिला कमांडों को उनकी सुरक्षा में तैनात किया जा सकेगा। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार प्रवक्ता ने पुष्टि की कि महिला कर्मियों को ‘जरूरत के आधार पर’ तैनात किया जाएगा लेकिन उन्हें अन्य Z+ श्रेणी की सुरक्षा के तहत ही तैनात किया जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, महिला कमांडो ने अभी-अभी VIP सुरक्षा कर्तव्यों, Unarmed Combat, शरीर की तलाशी और विशेष हथियारों से फायरिंग में अपना 10 सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा किया है और अब उन्हें जनवरी में किसी समय तैनात किया जा सकता है। बता दें कि Z+ सुरक्षा प्राप्त लोगों को उनके उच्च जोखिम वाले प्रोफाइल के कारण एक उन्नत सुरक्षा संपर्क प्रोटोकॉल प्रदान किया जाता है। प्रत्येक VIP सुरक्षा वाले के पास पांच से सात गार्ड होते हैं और इसलिए इस चुनावी मौसम में महिलाओं को उनकी सुरक्षा में शामिल किया जा सकता है।

महिलाओं के प्रति व्याप्त असमानता होगी कम

NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, महिला कमांडो को इन VIP की गृह सुरक्षा टीम के हिस्से के रूप में तैनात किया जाएगा और वे उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान, यदि आवश्यक हो तो चुनावी प्रचार के दौरान वे नेताओं के साथ जा सकती हैं। घर की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाने पर ये महिला कमांडो आगंतुकों की तलाशी लेंगी और दौरे के दौरान VIP के घर के समग्र सुरक्षा विवरण का हिस्सा होंगी। महिला कमांडो, अपने पुरुष समकक्षों की तरह, काम पर आवश्यकतानुसार हथियार, बैलिस्टिक सुरक्षा और अन्य गैजेट ले जाएंगी।

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ध्यान रहे कि मोदी सरकार ने पिछले वर्ष ही भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के सन्दर्भ में एक आदेश जारी किया था। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया था कि “सरकारी आदेश से सेना में बड़ी भूमिकाओं में महिला अधिकारियों की भागीदारी का रास्ता साफ हो गया है।” ऐसे में, स्पष्ट होता है कि इस तरह से सेना और अर्धसैनिक बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक सकारात्मक समाचार है। इससे न सिर्फ अगली पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी बल्कि महिलाओं के प्रति व्याप्त असमानता भी कम होगी।

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