‘पूरे दिन फालतू की शायरी…’, बड़बोली RJ सायमा को वक्फ बोर्ड के अधिकारी ने दिखाया आईना

झूठ बोलो और कट्टरपंथ फैलाओ, इनका बस यही काम है ....

गुरुग्राम में पिछले कुछ हफ़्तों से हिन्दू समुदाय द्वारा खुले में सरकारी सम्पति पर नमाज़ पढ़ने का विरोध किया जा रहा था। आपको बताते चलें कि सितंबर से हिंदुत्व समूहों द्वारा मुसलमानों को सार्वजनिक स्थानों पर प्रार्थना करने से रोका जा रहा है। विरोध के लिए शुरू किए गए एक अभियान के दौरान गुरुद्वारों द्वारा बहुप्रतीक्षित पेशकश की गई थी। वो फैसला भी पलट गया।

खुले मैदान, सड़क, पार्क आदि सार्वजनिक जगहों पर जुमे की नमाज़ के जरिये कट्टरपंथियों द्वारा अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया था। इसपर हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह कहा कि खुले में नमाज़ स्वीकार्य है।

अब सायमा के भीतर का कट्टर मुसलमान बाहर आना ही था। आ भी गया। कल इस खबर को ट्वीट करते हुए सैयमा ने लिखा, “वक्फ बोर्ड और (जिला) प्रशासन लंबे समय से अतिक्रमणकारियों से वक्फ संपत्तियों को वापस पाने में असमर्थ रहा है। वक्फ बोर्ड पूरी तरह फेल!”

 

अब इनकी नफरत बाहर निकली तो जनता ने भी इन्हें जवाब देने का कार्य शुरू कर दिया। कुछ समर्थक थे, तो कुछ विरोधी। अब इनका मलयुद्ध चल ही रहा था कि रईस पठान ने सायमा को पाठ पढ़ा दिया। उन्होंने ट्वीट किया –

“प्रिय @_sayema, मैं वक्फ बोर्ड से हूं और आपकी जानकारी के लिए राज्य में 4272 मस्जिद हैं जो लोगों के लिए सभाओं में प्रार्थना करने के लिए पर्याप्त हैं। इसके अलावा, जब आप दूसरों को परेशान करते हुए प्रार्थना करते हैं तो अल्लाह प्रार्थना स्वीकार नहीं करता है। पूरे दिन फ़ालतू की शायरी मरने से अच्छा है थोड़ा पढ़ लिख लो।”

उदारवादिता के नशे में चूर रहने वाले भारतीय लोगों की यही समस्या है कि वह समझ और तार्किकता को अपने दिमाग में नहीं रखते हैं।शायद आपको पता न हो, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से न सही तो अप्रत्यक्ष रूप से पूर्वोत्तर दिल्ली के दंगे भड़काने में जितनी महत्वपूर्ण भूमिका स्वरा भास्कर, संयुक्ता बसु, हर्ष मंदर जैसे लोगों की थी, उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका आरजे सायमा की भी रही है! जब CAA लागू हुआ था, तो वामपंथियों ने ये अफवाह फैला दी थी कि ये अधिनियम मुसलमानों से उनकी नागरिकता छीन लेगा, जिसके विरोध में हजारों कट्टरपंथी एकत्रित हुए थे।

उसी बीच जब कट्टरपंथी मुसलमानों ने दिल्ली में अराजकता फैलाने का प्रयास किया था, तो दिल्ली पुलिस ने उनपर प्रतीकात्मक कार्रवाई भी की थी। जिसके विरोध में आरजे सायमा ने भड़काऊ ट्वीट्स किए थे, जिन्हें बाद में डिलीट भी करना पड़ा।

ऐसे जज्बाती कट्टरपंथियों से बचकर रहिए। ये वो हैं जो आपको मजबूर कर सकते हैं कि आप इनका आदर कीजिये, इन्हें अपने दिल में जगह दें ताकी इनके भीतर का जहर आप तक पहुंच सके।

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