कुंडली में इन 6 योग से करेगें राजनीति में प्रवेश

best leadership qualities in hindi

आज के समय को राजनीति युग कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। आज प्रत्येक व्यक्ति राजनीति करना चाहता है। सम्पूर्ण संसार का भविष्य राजनीतिज्ञों के हाथ में है। राजनीतिज्ञ चाहे तो कि किसी को भी सफलता एवं यश के आकाश पर चमका दें और चाहें तो उसे असफलता, अपयश के पाताल की गहराइयों में दफन कर दें।  वहीं राजनीति करना हर किसा के बस की बात नहीं होती। विश्व में कहीं न कहीं किसी न किसी भाग में चुनाव होते ही रहते हैं पर उनमे कुछ ही भाग्यशाली लोग होते हैं जो चुनावों में सफल हो पाते हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार राजनीति में भाग्य का खेल अत्यंत महत्वपूर्ण है, कुंडली में योग बनने से ही राजनीति जीवन की राह आसान होती है।

अन्य व्यवसाय और करियर की भांति ही राजनीति में प्रवेश करने वालों की कुंडली में भी ज्योतिष योग होते हैं। राजनीति में सफल रहे व्यक्तियों की कुंडली में विशेष संयोग देखा गया है।

कुंडली में महत्वपूर्ण राजनीति योग

कमलयोग

इस योग में जन्म लेने वाला जातक राजनीति के क्षेत्र में यशस्वी, विजयी और धनी होता है। वह अपने जीवन में मंत्री या राज्यपाल बनता है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक शासनाधिकारी अवश्य बनता है वह सभी पर शासन करता है एवं बड़े-बड़े लोग उससे सलाह लेने आते हैं। यह योग तब बनता है जब समस्त शुभ एवं अशुभ ग्रह केवल केंद्र भावों में ही हों अर्थात समस्त ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव में हों तो यह कमल योग कहलाता है।

यूपयोग

यूप योग के प्रभाव से वह ग्राम पंचायत एवं नगरपालिका की राजनीति से जुड़े चुनावों में विजय प्राप्त करता है। वह ग्राम पंचायत का सदस्य या मुखिया होता है। उसे दूसरों के आपसी विवाद निपटाने में विशेष रुचि और दक्षता प्राप्त होती है। जन्म लग्र से लगातार चार स्थानों में सभी ग्रह हों तो यूप योग होता है।

मुसलयोग

जन्म कुंडली में समस्त ग्रह वृष, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि में हो तो मुसल योग होता है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक राजनीति के क्षेत्र के साथ राजमान्य, प्रसिद्ध, ज्ञानी, धनी, बहुत पुत्र वाला, एम.एल.ए. या शासनाधिकारी होता है।

नलयोग

इस योग में जन्मा जातक अति चतुर, धन संग्रहकारी, राजनीति में दक्ष और हर प्रकार के चुनावों में सफलता प्राप्त करने वाला होता है। जन्म कुंडली में समस्त ग्रह द्विस्वभाव राशियों में हो तो यह योग होता है।

और पढ़े: उपभोक्ता क्या है? उपभोक्ता और ग्राहक के बीच अंतर

मालायोग

बुध, गुरु और शुक्र चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव में हों तो माला योग होता है। इस योग वाला जातक धनी, वस्त्राभूषण युक्त, भोजनादि से सुख, अधिक स्त्रियों से प्रेम करने वाला एवं एम.पी. होता है। पंचायत के निर्वाचन में भी उसे पूर्ण सफलता मिलती है।

कूर्मयोग

शुभ ग्रह 5, 6, 7वें स्थान में अपने-अपने उच्च में हों तो कूर्म योग होता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में राज्यपाल, मंत्री और धर्मात्मा, मुखिया, गुणी, यशस्वी, उपकारी, सुखी और नेता होता है।

राजनीति यानि ऐसी नीति बनाना जिससे किसी भी पद पर बैठकर राज किया जा सके। राजनीति करना सबके बस की बात नहीं होती है। ज्योतिष की मदद से और कुंडली अध्ययन से मालूम हो सकता है कि व्यक्ति राजनीति में सफल हो पाएगा या नहीं।

और पढ़े: भारत का सबसे बड़ा राज्य – क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से

राजनीति के लिए कौन से ग्रह होते हैं जिम्मेदार

ज्योतिष विद्या के अनुसार 4 ग्रह किसी भी व्यक्ति को कुशल और चालाक राजनेता बना सकते हैं।

राहु
ज्योतिष में राहु को राजनीति का ग्रह माना गया है। यदि किसी की कुंडली में राहु का संबंध दशम भाव से हो या यह स्वयं दशम में हो तो व्यक्ति कुशल और प्रखर राजनेता बनता है।

गुरु

राजनीति का कारक दूसरा ग्रह गुरु होता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु उच्च हो और दशम से संबंध रखे तो व्यक्ति एक अच्छा राजनेता बनता है।

बुध

कुंडली में बुध मजबूत होने पर व्यक्ति एक अच्छा वक्ता होने के साथ उसके अंदर राजनीति की अच्छी समझ होती है।

सूर्य

सूर्य मान-सम्मान और यश का कारक है। सूर्य लग्न, चौथा, नवम या दशम में हो तो व्यक्ति राजनीति में उच्च पद प्राप्त करता है।

राजनीति में सफलता प्राप्ति के और भी अनेक योग हैं जिस जातक की कुंडली में इनमें से कोई भी योग होगा। उस जातक की राजनीति में रुचि अवश्य होगी और वह देर-सवेर राजनीति के क्षेत्र में अवश्य उतरता है जिस कुंडली में इनमें से जितने योग अधिक होंगे उसकी रुचि राजनीति में उतनी ही अधिक होगी और राजनीतिक क्षेत्र में उसे उतनी ही सफलता मिलेगी।

और पढ़े: Autobiography of a Tree in Hindi | वृक्ष की आत्मकथा हिंदी में

Exit mobile version