Tata Technologies ने Airbus के साथ मिलाया हाथ

TATA अब Make In India अभियान को बनाएगा सफल!

टाटा एयरबस

भारतीय व्यापारिक घरानों से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर यह है कि वैश्विक इंजीनियरिंग और उत्पाद विकास डिजिटल सेवा फर्म टाटा टेक्नोलॉजीज को यूरोपीय एयरोस्पेस प्रमुख एयरबस द्वारा एक रणनीतिक आपूर्तिकर्ता के रूप में चुना गया है। टाटा टेक्नोलॉजीज ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि “कंपनी एयरबस के लिए एक इंजीनियरिंग, विनिर्माण इंजीनियरिंग और सेवा रणनीतिक आपूर्तिकर्ता (EMES-3) बनने वाली है।” कंपनी की ओर से कहा गया कि “यह एक व्यापक सात महीने की लंबी बहु-चरणीय खरीद मूल्यांकन प्रक्रिया का परिणाम है, जिसमें इंजीनियरिंग, विनिर्माण इंजीनियरिंग और ग्राहक सेवा इंजीनियरिंग कार्यों में सभी एयरबस डिवीजनों, सहायक कंपनियों और सहयोगियों को शामिल किया गया है।” 

वहीं, टाटा टेक्नोलॉजीज के प्रबंध निदेशक और CEO वॉरेन हैरिस ने कहा, “हम एयरबस द्वारा एक इंजीनियरिंग, विनिर्माण इंजीनियरिंग और सेवा रणनीतिक आपूर्तिकर्ता (ईएमईएस 3) के रूप में चुने जाने पर प्रसन्न हैं और हम मास्टर आपूर्ति समझौते (MSA) के माध्यम से कई क्षेत्रों और भौगोलिक क्षेत्रों में उनके साथ सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।”

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Make In India, टाटा और एयरबस का अद्भुत संगम

उन्होंने आगे कहा कि, “हमें विश्वास है कि हमारी विनिर्माण इंजीनियरिंग क्षमताएं एयरबस को बेहतर उत्पाद विकसित करने और उनके व्यवसाय में दक्षता में सुधार करने में मदद करेंगी और हम अगले कुछ वर्षों में एयरबस के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” टाटा टेक्नोलॉजीज ने यह भी बताया कि MSA के माध्यम से, यह इंजीनियरिंग, ग्राहक सेवा इंजीनियरिंग और विनिर्माण इंजीनियरिंग क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी सेवाएं देने के साथ-साथ आने वाले वर्षों में टूलूज़ (फ्रांस), हैम्बर्ग (जर्मनी) और सेविले (स्पेन) में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रहा है।

ख़बरों की माने तो उत्तर प्रदेश में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बड़े निवेश की तैयारी चल रही है। दरअसल, यहां टाटा एयरबस का प्लांट लगेगा। जानकारी के मुताबिक इस सन्दर्भ में केंद्र से 22 हजार करोड़ रुपए की डील हो चुकी है। वहीं एक खबर के अनुसार, अब यूपी में ही टाटा ग्रुप सैन्य विमानों का निर्माण करेगा। बता दें कि टाटा ग्रुप देश की पहली निजी कंपनी होगी, जो मेक इन इंडिया के तहत सैन्य विमानों को बनाएगी। टाटा ग्रुप पहले इन सैन्य विमानों को हैदराबाद या बेंगलुरु में तैयार करने की योजना बना रहा था, लेकिन अब यह योजना उत्तर प्रदेश में ही पूरी होगी।

अब सैन्य विमानों का निर्माण करेगी टाटा एयरबस

वहीं, सैन्य परिवहन में इस्तेमाल होने वाले इन एयरबस को केंद्र सरकार ने अनुमति दे दी है। इस परियोजना के तहत इंडियन एयर फोर्स को 56 एयरबस मिलेंगे। केंद्र सरकार और टाटा ग्रुप के साथ हुए करार के तहत स्पेन से 48 महीने के अंदर 16 परिवहन विमान को भारत लाया जायेगा। ऐसे में, 60 दशक के बाद यह भारत का पहला यूरोपियन फर्म से रक्षा अनुबंध समझौता (Defence Contract Agreement) है। अगले 10 सालों में, 48 सैन्य विमानों का निर्माण टाटा कंसोर्टियम कंपनी मेक इन इंडिया अभियान के तहत करेगी।

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बताते चलें कि इसी साल सितंबर महीने में रक्षा मंत्रालय ने कुल 56 C-295 मध्यम परिवहन विमान खरीदने के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस ऑफ स्पेन के साथ लगभग 20,000 करोड़ का अनुबंध किया था। इस अनुबंध के तहत बनने वाले विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों की जगह लेंगे। वहीं, टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने इस अनुबंध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि, “C-295 के निर्माण के लिए एयरबस डिफेंस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम के बीच संयुक्त परियोजना की मंजूरी भारत में विमान और एवियोनिक्स परियोजनाओं को खोलने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

रोजगार और अर्थव्यवस्था की दिशा में सशक्त कदम

मालुम हो कि सौदे के तहत, अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 48 महीनों के भीतर एयरबस डिफेंस एंड स्पेस द्वारा 16 विमान उड़ान भरने की स्थिति में वितरित किए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि शेष 40 विमानों का निर्माण अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के 10 साल के भीतर एयरबस डिफेंस एंड स्पेस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TAASAL) द्वारा भारत में किया जाएगा।

ऐसे में, एयरबस और बोइंग दो ऐसी कम्पनियां है, जो विश्व के 99% हवाई विमानों का निर्माण करती हैं। इन कंपनियों का एकछत्र राज है। अंतत: यह कहा जा सकता है कि इन कंपनियों के साथ अनुबंध करके टाटा समूह और भारत सरकार ने रोजगार और बड़ी अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में सशक्त कदम बढ़ाया है।

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