बिपिन सिंह रावत भारतीय सेना के ऐसे जाबांज़ सिपाही थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। उनकी शहादत ने देश के आम जनमानस को ग़मगीन कर दिया है। दरअसल, जब से Chief of Defence Staff स्टाफ बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित 11 सेना के जवानों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मृत्यु से देश भर में शोक की भावनाएं उमड़ पड़ी हैं। वहीं, कुछ कट्टरपंथियों और उदारवादियों ने CDS बिपिन रावत की मृत्यु पर जश्न मानाने की शर्मशार करने वाली घटना को अंजाम दिया है, जिसके बाद देश की जनता ने इन्हें मुहतोड़ जवाब देने की कोशिश की है।
तमिलनाडु वासियों का बहादुर दिलों को सलाम
बिपिन रावत की मृत्यु की खबर आते हीं तमिलनाडु की जनता ने पूरे देश का दिल जीत लिया है। बिपिन रावत के पार्थिव शरीर को जब मिलेट्री विमान से दिल्ली लाया जा रहा था तब तमिलनाडु के कोयंबटूर में स्थानीय लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए और दोनों पक्षों ने हाथ जोड़कर सड़कों पर CDS बिपिन रावत और अन्य सुरक्षा अधिकारियों के नश्वर अवशेषों को ले जाने वाले वाहनों पर फूलों की वर्षा की। इस बीच देश के वीर जवानों के लिए कुछ स्थानीय लोगों को आंसू बहाते हुए देखा गया, जबकि अन्य लोगों ने अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की कोशिश करने की कोशिश की।
हालांकि, वहां बसे स्थानीय लोगों ने इस घटना में शहीद हए जवानों के प्रति अपनी भावना को व्यक्त करते हुए इसे ‘वीरा वनक्कम’ का नारा दिया, जिसका अर्थ है- ‘बहादुर दिलों को सलाम।’ वहीं, समाचार एजेंसी ANI द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, सैकड़ों स्थानीय लोगों को बहादुर दिलों को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करते देखा जा सकता है।
#WATCH | Tamil Nadu: Locals shower flower petals as ambulances carrying the mortal remains of CDS Bipin Rawat, his wife and other personnel who died in the Coonoor Helicopter Crash, leave for Sulur airbase from Madras Regimental Centre in Nilgiris district pic.twitter.com/dWhw9kG3l9
— ANI (@ANI) December 9, 2021
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शहादत पर राजकीय शोक हुआ घोषित
Chief of Defence Staff जनरल बिपिन रावत की दुखद मौत पर शोक व्यक्त करते हुए, तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के दुकानदारों ने घोषणा करते हुए कहा कि “इस क्षेत्र की सभी दुकानें शुक्रवार, 10 दिसंबर को बंद रहेंगी।” वहीं, नीलगिरी जिले के व्यापारी संघों के संघ ने घोषणा की कि “जिले की एक-एक दुकान सुबह छह से शाम छह बजे तक रहेगी।” बंद इस खबर के आने के बाद तमिलनाडू के लोगों की जमकर प्रशंसा हो रही है। इस तरह के भावुक दृश्य ने बताया कि एक ऐसे व्यक्ति के लिए अपना दिल रोया है, जिसने भारत की सीमाओं को चार दशकों तक दुश्मनों से सुरक्षित रखा। एक ओर, वीरगति को प्राप्त हुए CDS बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी और सभी 11 सैनिकों के लिए जनसैलाब उबड़ पड़ा है, आखिरी विदाई को लेकर देश के तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी बिपिन रावत के मृत्यु पर शोक जताया है।
वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड सरकार ने बीते गुरुवार को राज्य में 9 से 12 दिसंबर तक राजकीय शोक घोषित किया। बता दें कि जनरल बिपिन रावत राज्य के पौड़ी जिले के साइना गांव के रहने वाले थे। कथित तौर पर बिपिन रावत आर्मी से सेवानिवृत्ति के बाद अपनी जड़ों यानि अपने गृह राज्य में एक घर बनाने की योजना बना रहा थे।
गौरतलब है कि कि 63 वर्षीय बिपिन सिंह रावत ने जनवरी 2019 में भारत के पहले CDS के रूप में कार्यभार संभाला। यह पद तीन सेवाओं – थल सेना, नौसेना और वायु सेना को एकत्रित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। इस दुर्घटना को लेकर अब भारतीय वायु सेना ने जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, कैबिनेट सुरक्षा समिति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक आपातकालीन सत्र आयोजित किया गया। ऐसे में, जांच के बाद ही सब साफ हो पायेगा।