भीख मांगने भी एक कला है। कुछ आपसे आकर सीधे भीख मांग लेंगे। आने के बाद उनका सीधा कहना होगा कि “भैया कुछ दे दीजिए”, दूसरी ओर कोई आकर यह भी बोल सकता है, “भैया मुझे तो बंगाल जाना है, मेरी जेब कट गई है, प्लीज कुछ पैसे दे दीजिए।” दूसरे तरीके से काम करने वालों को भिखारी से अच्छा ठग कहना सही होगा।
ममता बनर्जी ने इस समय देश का राजनीतिक कूड़ाघर TMC को बना रखा है। यह बात सबको मालूम है। देखा जाए तो आजकल देश के सभी मक्कार नेताओं के लिए भर्ती अभियान चल रहा है और हालत को देखते हुए माननीय बनने का अवसर सिर्फ एक ही राजनीतिक दल दे भी रही है, जिसका नाम तृणमूल कांग्रेस है। भर्ती का आधार एकदम सरल है, अगर आप किसी राजनीतिक दल पर बोझ बनकर बैठे हैं तो आपका स्वागत है TMC में!
लेकिन ममता बनर्जी ऐसा क्यों कर रही है? क्योंकि बनर्जी जी को देश का प्रधानमंत्री बनना है। खैर, ये सही भी है कि किसी की हसरतों के चलते किसी को दाना पानी मिल रहा है। इसी के चलते मुंबई में ममता बनर्जी के दरबार में एक रोजगार मेला लगा।
लगा मुम्बई में राजनीतिक रोजगार मेला-
ममता बनर्जी तीन दिनों के मुम्बई दौरे पर हैं और ऐसे ही नकारो के लिए इस समय रोजगार मेला चला रही हैं। देश के सस्ते क्रांतिकारी इस समय इस मेले का आनंद उठा रहे हैं। कीर्ति आजाद, लिएंडर पेस, बाबुल सुप्रियो समेत तमाम लोग इसी रोजगार मेला के तहत TMC के सदस्य बने हैं और भविष्य में शायद सुब्रमण्यम स्वामी भी वही जा सकते हैं।
TMC रोजगार मेला की तस्वीरों को बाहर करते हुए शोभा डे जैसे स्वघोषित नारीवादियों ने लिखा, “@MamataOfficial . के लिए मुंबई में भरा हुआ हॉल, हमारे समय की निशानी..?”
Packed hall in Mumbai for @MamataOfficial
Sign of our times…? pic.twitter.com/YazEmR5D8G— Shobhaa De (@DeShobhaa) December 1, 2021
क्या लगाना शायद शोभा डे भूल गई थी और अगर ऐसी बात है तो हम शोभा डे को बताना चाहते है कि ना! आपके समय की निशानी नहीं है यह सब! यह बस बेरोजगारों का मेला है!
स्वरा भास्कर का नया छलावा-
बुधवार को मुंबई में ममता बनर्जी के साथ बातचीत के दौरान, स्वरा भास्कर ने कहा कि “देशद्रोह कानून और UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) प्रावधानों को भगवान से प्रसाद की तरह वितरित किया जा रहा है और हम ऐसे भगवान की प्रार्थना नहीं करना चाहते हैं।”
स्वरा भास्कर ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत के दौरान कहा कि सरकार अंधाधुंध तरीके से राजद्रोह कानून और यूएपीए के प्रावधानों का इस्तेमाल कर रही है और इसके चलते कलाकारों का “कहानियां बताना” मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने ममता बनर्जी के सामने यह टिप्पणी की है, जो मुंबई की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। ममता बनर्जी जहां उस समय नागरिक समाज के सदस्यों के साथ बातचीत कर रही थी।
सोशल मीडिया पर सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रहने वाली स्वरा भास्कर ने कहा, “एक राज्य है जो यूएपीए और देशद्रोह के आरोपों को भगवान से ‘प्रसाद’ की तरह बांट रहा है।”
उन्होंने कहा, “कलाकारों को आज कहानियों को कहने के लिए बहुत प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने प्रतिरोध को जीवित रखने के लिए अपनी आजीविका और करियर को जोखिम में डाल दिया है।”
स्वरा ने आगे कहा जोर देकर कहा कि दक्षिणपंथी समूहों ने मुनव्वर फारूकी, अदिति मित्तल, अग्रिमा जोशुआ जैसे हास्य कलाकारों को हाल ही के दिनों में निशाना बनाया है। फारूकी ने एक महीना जेल में बिताया है। भास्कर ने कहा कि कुछ हास्य कलाकारों की मेजबानी के लिए तय आयोजन स्थल में तोड़फोड़ करने की घटना तमाम घटनाओं में से एक है। स्वरा ने यह भी आरोप लगाया कि आम नागरिकों को एक “गैर जिम्मेदाराना भीड़” का सामना करना पड़ रहा है, जिसका इस्तेमाल सत्तारूढ़ सरकार द्वारा किया जा रहा है और पुलिस और राज्य द्वारा इसे खुली छूट दे रहे हैं।
वैसे ये सब और कुछ नहीं, केवल बेरोजगार होने पर अपनी कुंठा बाहर निकालने का एक तरीका है।