आखिर क्यों पीएम मोदी को मिला भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

भूटान के साथ हर परिस्थिति में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है भारत

भूटान सर्वोच्च नागरिक सम्मान

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भूटान ने अपने राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूटान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार Order of the Druk Gyalpo के पहले ऑर्डर से सम्मानित किया। भूटान के प्रधानमंत्री Lotay Tshering ने सोशल मीडिया पर तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि महामहिम से भूटान साम्राज्य के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सुनकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने लिखा, भूटान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से पीएम मोदी को सम्मानित किए जाने के फैसले से हम काफी खुश हैं। कोरोना महामारी के दौरान और विगत सालों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान को जो सहयोग व समर्थन दिया है, वह बेजोड़ है। आप इस सम्मान के हकदार हैं। भूटान के लोगों की तरफ से आपको बहुत बधाई।”

भूटान द्वारा इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिये जाने के बाद पीएम मोदी ने भूटान के राजा को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत हमेशा अपने सबसे करीबी दोस्तों और पड़ोसियों में से एक के रूप में भूटान को संजोएगा। उन्होंने कहा कि भारत भूटान को विकास यात्रा में हर संभावित तरीके से समर्थन देना जारी रखेगा। पीएम मोदी ने कहा, “मैं भूटान का वहां के विकास के अनूठे मॉडल और गहन आध्यात्मिक जीवन शैली के लिए उसकी प्रशंसा करता हूं।”

पीएम बनने के बाद सबसे पहले भूटान पहुंचे थे मोदी

जब से पीएम मोदी ने सत्ता संभाली है, वो अपने पड़ोसी देशों पर खास ध्यान दे रहे हैं। इन पड़ोसी देशों में भूटान एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और वर्ष 2014 से ही उन्होंने भूटान के विकास के साथ-साथ सुरक्षा का ध्यान भी रखा है। यही कारण है कि बीते दिन शुक्रवार को भूटान ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी वर्ष 2008 से आरंभ हुए सर्वोच्च नागरिक सम्मान को पाने वाले पहले गैर भूटानी नेता हैं। जब वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला था, तब उन्होंने भूटान को अपने पहले विदेशी गंतव्य के रूप में चुना था। वर्ष 2019 में अपने पुन: निर्वाचित होने के कुछ समय बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17-18 अगस्त 2019 को भूटान की राजकीय यात्रा की थी, जिसके दौरान उन्होंने राजा और उनकी रानी से भेंट की। उसके बाद उन्होंने भूटान के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध की व्यापक समीक्षा की थी।

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2015-19 में दोनों देशों के बीच व्यापार में हुई है 50% की वृद्धि

इन राजनीतिक जुड़ावों और अन्य घटनाक्रमों ने वास्तव में पिछले पांच वर्षों में भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक नए चरण की शुरुआत की है। आर्थिक क्षेत्र इस बदलाव का एक महत्वपूर्ण पहलू है कि पिछले पांच वर्षों (2015-19) में, भूटान के साथ भारत का व्यापार 2015-16 में 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 1,144 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो भूटान के कुल व्यापार का 85% से अधिक है। पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच वित्तीय लेनदेन को आसान बनाने के लिए RuPay कार्ड लॉन्च किया था। नवंबर 2020 में RuPay कार्ड के दूसरे चरण का वर्चुअल लॉन्च हुआ, जिससे भूटानी बैंकों को RuPay कार्ड जारी करने की अनुमति मिल गयी।

कोरोना महामारी में भूटान के साथ खड़ा था भारत

यही नहीं, पीएम मोदी ने वैक्सीन मैत्री पहल के तहत मेड इन इंडिया कोविशील्ड टीकों को सबसे पहले भूटान भिजवाया। 150,000 टीकों की पहली खेप 20 जनवरी, 2021 को उपहार स्वरुप दी गई थी। दोनों देशों के बीच विशिष्ट रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को ध्यान में रखते हुए भूटान की शाही सरकार (RGoB) को मोदी सरकार ने दूसरी खेप में ‘मेड इन इंडिया’ COVID-19 वैक्सीन की 4,00,000 खुराक भेजी।

भारत सरकार ने COVID-19 महामारी के खिलाफ भूटान की लड़ाई को मजबूत करने के लिए वैक्सीन की खेप के अलावा चिकित्सा आपूर्ति की कुल 13 खेप, एक पोर्टेबल एक्स-रे मशीन, आवश्यक दवाएं और चिकित्सा उपकरण सौंपे थे। यही नहीं, दोनों देशों के बीच पीएम मोदी के नेतृत्व में हाइड्रो पावर के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ा है। यह पीएम मोदी का ही प्रयास था कि ISRO ने भूटान के साथ मिलकर उसके लिए एक छोटे सैटेलाइट विकसित करने वाले MoU पर हस्ताक्षर किया।

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भारत ने भूटान को चीनी चंगुल से बचाया

वर्ष 2014 से ही पीएम मोदी ने भारत-भूटान द्विपक्षीय संबंध पर प्रतिकूल प्रभाव डालने और चीन की भूमिका को कम करने के प्रयास किए हैं। वर्ष 2017 में भारत और चीन के बीच डोकलाम संकट के दौरान यह और अधिक स्पष्ट हो गया, जब भूटान ने भारत के रुख का पूरा समर्थन किया और चीन से आर्थिक सहायता के रूप में $10 बिलियन के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

वर्ष 2017 में चीन ने भूटान के डोकलाम क्षेत्र में घुसपैठ कर इस छोटे दक्षिण एशियाई देश पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश की थी, जिसके बाद भारत की सेना ने वहां हस्तक्षेप कर 73 दिनों के गतिरोध के बाद चीन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। वो पीएम मोदी ही थे, जिन्होंने चीन की आक्रामकता का जवाब भी उसी आक्रामकता से दिया और भूटान की भूमि पर चीन के बढ़ते कदम को रोका। इससे भूटान में एक मजबूत संदेश गया कि भारत के पीएम मोदी भूटान की हरसंभव मदद करेंगे।

पीएम मोदी के प्रयासों के कारण ही भूटान में चीनी हस्तक्षेप कम हुआ है। जिस तरह से पीएम मोदी ने भूटान को भारत के अनुज के रूप में सहयोग बढ़ाया है और चीनी चंगुल से दूर होने में मदद की है, उससे उनका योगदान महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी योगदान को सम्मानित करते हुए भूटान ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है।

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