WTA ने चीन में सभी टूर्नामेंट स्थगित कर दिए, अब भारत को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए

ऐसे अवसर बार-बार नहीं आते!

WTA चीन

वर्ल्ड टेनिस एसोसिएशन (WTA) ने चीन के विरुद्ध एक कड़ा रुख अपनाया है। पेंग शुआई चीन की प्रसिद्ध महिला टेनिस खिलाड़ी है, जिन्होंने कुछ दिनों पूर्व एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद ही वह गायब हो गई थी और किसी को उनकी कोई सूचना नहीं मिल रही थी। WTA उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गया था। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन के विरुद्ध माहौल बनने लगा तो पेंग शुआई दोबारा सार्वजनिक रूप से सामने आई और उन्होंने वर्ल्ड टेनिस एसोसिएशन के अधिकारियों से बात की।

चीन ने रद्द किए सभी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट

हालांकि, पेंग शुआई से बात के बाद भी WTA ने मामले को ठंडे बस्ते में नहीं जाने दिया और चीन के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए चीन में आयोजित होने वाले अपने सभी टूर्नामेंट स्थगित कर दिए। आपको बता दें कि TFI की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेंग शुआई ने पिछले महीने अपने सत्यापित Weibo खाते पर 1,500-शब्द का लेख लिखने के बाद यह सुझाव दिया था कि उसका एक पूर्व चीनी उप-प्रधानमंत्री के साथ वर्षों पुराना संबंध था।

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सर्वविदित है कि चीन विश्व के बड़े बाजारों में एक है और वर्ल्ड टेनिस एसोसिएशन के लिए भी चीन का इस प्रकार बहिष्कार कोई आसान काम नहीं था। आर्थिक जोखिम के बाद भी वर्ल्ड टेनिस एसोसिएशन ने यह साहसिक कदम उठाया है किंतु चीन और WTA के बीच खिंची तलवार भारत के लिए सुनहरा अवसर बन सकती है। जहां चीन में खेलों के आयोजन में बड़ी कठिनाई यह है कि वहां खिलाड़ियों की सुरक्षा दांव पर रहती है और यह खतरा आतंकवादियों-अलगाववादियों जैसे किसी नॉन स्टेट एक्टर्स के बजाए सरकारी तंत्र से ही रहता है।

भारत के पास ‘स्पोर्ट्स हब’ बनने का है बड़ा मौका

इसके विपरीत, भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सुरक्षा और विश्वास का माहौल है। ऐसे में भारत अपने यहां खेलों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना ले तो भारत वैश्विक स्तर पर खेलों का नया हब बन सकता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने ऐसे कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं, जिन्होंने खिलाड़ियों के खेल के स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। TOP स्कीम, खेलो इंडिया जैसी योजनाओं ने खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का मौका दिया है।

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गौरतलब है कि प्रतिभाओं के विकास के लिए तो कार्य हो रहा है लेकिन खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना भी जरूरी है। भारत में कॉमनवेल्थ खेलों के बाद अब तक कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया है। हालांकि जब कॉमनवेल्थ खेलों का आयोजन हुआ था तब खेलगांव में टूटे बाथरूम और सांप मिलने की घटनाओं ने भारत की वैश्विक स्तर पर बड़ी बेइज्जती करवाई थी। कॉमनवेल्थ खेल खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के साथ ही गगनचुंबी भ्रष्टाचार के लिए भी याद किया जाता है। ऐसे में मोदी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह भारत की छवि सुधार कर कांग्रेस द्वारा लगाए गए कॉमनवेल्थ के कलंक को धोने की कोशिश करे।

ऐसे में, भारत की छवि विश्व स्तर पर एक क्रमिक विकासशील राष्ट्र की है, जहां निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए भारत नए आयाम रच रहा है। यदि भारत में बेहतरीन स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कर दिया जाए तो भारत को खेल क्षेत्र में वैश्विक ताकत बनने से कोई नहीं रोक पाएगा।

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