भारत की संस्कृति में जो विविधता है वही सिक्किम की संस्कृति में भी देखने को मिलती है. सिक्किम ऊँचे ऊँचे पहाड़ो चारो तरफ फैली हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा एक राज्य है. जो बेहद खुबसुरत है. पूर्वोत्तर में स्थित सिक्किम सिर्फ एक राज्य नहीं बल्कि लाखो पर्यटकों की यादे है. सिक्किम राज्य में मुख्य रूप से भोटिया, लेपचा और नेपाली समुदायों के लोग हैं. यहां सारे पर्व मनाएं जाते हैं.
सिक्किम में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है जो हिंदू धर्म की परम्परा और बौद्ध धर्म के लेपचास के साथ मिश्रित होने से बनती है क्योंकि सिक्किम में बौद्ध धर्म का पालन किया जाता हैं, उनके त्योहार सरल, कम भरे हुए और अधिक रंगीन होते हैं सिक्किम के ज्यादातर स्थानों में बौद्ध उत्सव जैसे द्रुकप्रेसी, पांग लुबसोल, सागा दावा, लॉसोंग और दासैन को बड़े व्यापक रूप से मनाया जाता है.
सिक्किम की संस्कृति और इसकी पूरी जानकारी
राज्य में पर्यटन
सिक्किम की संस्कृति के साथ ही सिक्किम कई दर्शनीय स्थलों को अपने में समाये हुए है. सिक्किम अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए काफी प्रसिद्ध है.यहां की घाटियों और पर्वतमालाओं को अव्वल सांस्कृतिक धरोहर के रुप में जाना जाता है. यहां के लोग शांतिप्रिय के कारण यह राज्य पर्यटकों के लिए स्वर्ग है. राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन को अनेक सुविधाएं दे रही है. पर्यटन उद्योग की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार दक्षिण सिक्किम में चैमचेय गांव में हिमालयन सेंटर फॉर एडवेंचर दूरिज्म की स्थापना की है.
सिक्किम का ताशिदिंग मठ है. जो संभवत: 1700 ईसवी में स्थापित किया गया था.वहीं कुछ अन्य प्रसीद मठों में – फोडोंग, फेन्सांग, रुमटेक, नगाडक, तोलुंग, आहल्य, त्सुकलाखांग, रालोंग, लाचेन, एन्चेय. यहाँ का प्रमुख हिंदू मंदिर – गंगटोक के मध्य में स्थित जिसको ठाकुर बाड़ी के नाम से जानते है.
Also Read: Chora Chori kand kab hua tha or iska Mukadama?
सिक्किम के उत्सव
सिक्किम में लगभग सभी धर्मो के लोगो के त्योहार बड़े उत्साह से मनाये जाते है . सिक्किम के लोगों के लिए हिंदू धर्म एवं बौद्ध धर्म प्रमुख है.सिक्किम के प्रमुख त्यौहार में द्रुकप्रेसी, पांग लुबसोल, ल्हाबाब ,ड्युचेन, ड्रुपका, सागा दावा, लॉसोंग और दासैन को बौद्ध धर्म में मनाया जाता है .सिक्किम के महत्वपूर्ण त्योहारों में माघे संक्रांति,चैत्र दसाई/राम नवमी, दसई त्योहार, सोनम लोसूंग, नामसूंग, तेन्दोग हलो रूम फाट (तेन्दोंग पर्वत की पूजा), लोसर उत्सव,होली,राम नवमी,दुर्गा पूजा,दशहरा,दिवाली,क्रिसमस डे और नववर्ष प्रमुख है .
सिक्किम की भाषा
नेपाली सिक्किम की प्राथमिक भाषा है जबकि लेपचा और सिक्किम (भूटिया) भी इस उत्तर-पूर्वी प्रांत के कुछ हिस्से में बोली जाती हैं. सिक्किम के लोगों द्वारा भी अंग्रेजी बोली जाती है. अन्य भाषाओं में काफले, लिंबू, मझवार, यखा, तमांग, तिब्बती और शेरपा शामिल हैं.
सिक्किम की वेशभूषा
सिक्किम में लेप्चा, भूटिया और नेपाल के तीनों समुदाय अलग-अलग वेशभूषा पायी जाती है. सिक्किम की संस्कृति में वेशभूषा का भी बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है. पुरुषों की वेशभूसा- लेप्चा पुरुषों की पारम्परिक वेशभूषा थोकोरो-दम होती है जिसमें एक सफेद पाजामा येन्हत्से, एक लेपचा शर्ट और शंबो, टोपी आदि शामिल है. इस पोशाक की बनावट खुरदरी और लंबे समय तक चलती है . जबकि भूटिया पुरुषो की पारंपरिक वेशभूषा में खो शामिल होता है. जिसे बाखू भी कहा जाता है.
इसी के साथ सिक्किम के एक अन्य समूह नेपाली पुरुष में चूड़ीदार पायजामा, एक शर्ट, जो कि दउरा शामिल होता है. जो शूरवल के ऊपर खुद को पहनते हैं. यह आसकोट, कलाई कोट और उनकी बेल्ट से जुड़ा होता है जिसको पटुकी भी कहा जाता है.
वहीं महिलाओं की वेशभूषा की बात करें तो लेप्चा महिलाओं की पोशाक डमवम या डुमिडम है.जिसमें महिलाओं द्वारा गहने , प्रवेश, बालियां, नामचोक, लयक एक हार, ग्यार, एक कंगन आदि पहना जाता है . भूटिया महिला की सामान्य वेशभूषा में खो या बाखू, हंजु, एक रेशमी फुल-स्लीव्स वाला ब्लाउज, कुशेन, एक जैकेट, टोपी का एक अलग पैटर्न, शंबो और शबचू आदि पहना जाता हैं.
जबकि विवाहित भूटिया महिलाओं में पैंगडन, धारीदार एप्रन, विवाहित भूटिया महिलाओं का पहनावा होता है.अगर बात नेपाली महिलाओं की करे तो पचौरी, कपड़े का एक रंगीन टुकड़ा, सिर से कमर तक निलंबित, नृत्य प्रदर्शन के दौरान अलंकरण उपयोग होता है.
और पढ़े: सिक्किम की जलवायु- प्रत्येक मौसम का संक्षिप्त वर्णन
सिक्किम की संगीत और नृत्य संस्कृति
लोक गीत और नृत्य सिक्किम की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. अधिकांश आदिवासी नृत्य फसल के मौसम का चित्रण करते हैं. सिक्किम के नृत्य पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ होते हैं, जप करते हैं, और नर्तकियां चमकीली वेशभूषा और पारंपरिक मुखौटे पहनती हैं. कुछ सबसे प्रसिद्ध नृत्य रूप हैं रेचुंग्मा, गाह टू किटो, ची रम्मू, बी यू मिस्टा, ताशी जलधा, एनची चाम, लू खंगथामो, गुनुंगमाला ज्ञानुघे और काग्येद नृत्य शामिल है.
सिक्किम की कला और शिल्प संस्कृति
सिक्किम में बहुत सारे कला और शिल्प रूप हैं.इसका बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से है. सिक्किम की सबसे लोकप्रिय हस्तशिल्प वस्तुओं में से एक में चोकसी टेबल, ऊनी कालीन, कैनवास की दीवार लटकना, शामिल है. साथ ही, सिक्किम में कुटीर उद्योगों के बेहतर विकास के लिए सरकार ने दक्षिण जिले में कुटीर उद्योग का एक संस्थान स्थापित किया है. राज्य में बेंत और बांस के उत्पादों के रूप में विभिन्न हस्तशिल्प हैं. मल्लि, गंगटोक, और नामची हथकरघा उत्पादों और कुटीर उद्योगों के लिए सिक्किम के बहुत लोकप्रिय स्थान हैं. आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा एवं ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमारा ट्विटर पेज फॉलो करें.