AAP और शिवसेना ने परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देने पर भाजपा को निशाने पर लिया

इस चुनाव में गोवा होगा 'भगवामय'!

उत्पल पर्रिकर

Source- TFIPOST

भारत की राजनीतिक पार्टियों ने परिवारवाद को जमकर बढ़ावा दिया है, जिसके कारण कई पार्टियां पतन की ओर अग्रसर हो चुकी हैं। कई राजनीतिक दलों पर परिवारवाद को लेकर प्रहार भी किया जाता है, किंतु भाजपा एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है, जिस पर विपक्षी दलों द्वारा इसलिए प्रहार हो रहा है क्योंकि यह पार्टी परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा नहीं दे रही है। जी हां! यह बात शत-प्रतिशत सत्य है और गोवा में कुछ ऐसा ही चल रहा है! गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री रह चुके स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर के पुत्र उत्पल पर्रिकर का नाम गोवा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची में नहीं है।

उत्पल पर्रिकर अपने पिता की पारंपरिक सीट रही, पणजी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, किंतु भाजपा ने वहां से वर्तमान विधायक को टिकट दिया है। हालांकि, गोवा चुनाव के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने उत्पल पर्रिकर से बातचीत की। खबरों की मानें तो उन्हें अन्य सीट से टिकट देने की बात भी कही गई, लेकिन पणजी निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा करने के बाद उन्होंने अब भाजपा का दामन छोड़ दिया है। इस खींचतान ने आम आदमी पार्टी एवं शिवसेना सहित विपक्षी दलों को भाजपा को घेरने का मौका दे दिया है।

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विपक्षी पार्टियों ने दी प्रतिक्रियाएं

शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि उत्पल पर्रिकर चुनाव जीतें। वही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता माजिद मेनन ने उत्पल दत्त के साथ हो रहे कथित दुर्व्यवहार को भाजपा का कठोर रवैया बताया है। इन सबके बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी खुलकर सामने आए हैं और उन्होंने ट्विटर के माध्यम से उत्पल पर्रिकर को आम आदमी पार्टी में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।

अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, “गोवावासियों को बहुत दुख होता है कि भाजपा ने पर्रिकर परिवार के साथ भी यूज एंड थ्रो की नीति अपनाई है। मैंने हमेशा मनोहर पर्रिकर जी का सम्मान किया है।  उत्पल पर्रिकर जी का आप के टिकट पर चुनाव में शामिल होने और लड़ने के लिए स्वागत है।”

हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि आज जो अरविंद केजरीवाल मनोहर पर्रिकर के सम्मान की बात कर रहे हैं, उसी अरविंद केजरीवाल ने कभी मनोहर पर्रिकर के विरुद्ध झूठी खबरों के आधार पर ED द्वारा कार्रवाई करने की मांग की थी, जिस पर जमकर बवाल भी मचा था। स्वयं कुमार विश्वास से लेकर योगेंद्र यादव तक हर व्यक्ति का इस्तेमाल कर, उन्हें पार्टी के बाहर फेंकने वाले अरविंद केजरीवाल भाजपा को नसीहत दे रहे हैं। दिल्ली के बाहर पार्टी विस्तार के लिए परेशान आम आदमी पार्टी गोवा चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाना चाहती है। किंतु भाजपा द्वारा पिछले 10 वर्षों में गोवा में किए गए विकास कार्यों के कारण भाजपा की शासन में पुनः वापसी तय है।

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भाजपा ने मनाने की पूरी कोशिश की

बताते चलें कि पिछले दिनों उत्पल पर्रिकर ने पणजी निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की थी। भाजपा द्वारा कई दिनों से उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन वह पार्टी द्वारा पणजी से टिकट न मिलने से नाखुश थे और उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। पणजी सीट से भाजपा के उम्मीदवार अतानासियो मोनसेरेट ने बीते दिन शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का अनुरोध कर मनाने की पूरी कोशिश की। मोनसेरेट ने कहा कि पार्टी ने उन्हें समझाने की हर कोशिश की। उन्होंने कहा कि ‘मुझे यकीन है कि अगर उनके पिता मनोहर पर्रिकर जिंदा होते तो ये बात कभी नहीं होने देते।’ गौरतलब है कि गोवा के 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होने वाले हैं, जिसके नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।

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