भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं? इसके उदाहरण क्या है?

भाववाचक संज्ञा

दोस्तों आज हम आपको भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं? इसके उदाहरण क्या है? के बारे में बताएंगे. हिंदी व्याकरण में संज्ञा के मुख्य तीन भेद है, जिस में भाववाचक संज्ञा एक महत्वपूर्ण संज्ञा के भेद है, जो वाक्य में भाव को दर्शाती है. हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक विशेष महत्वपूर्ण सवाल होता है. यहां पर हम भाववाचक को जानेंगे. इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े.

भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं?

जो शब्द किसी पदार्थ की अव्स्था या चीज़ ,दशा या भाव का बोध कराते हों, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहा जाता हैं. अर्थात जिन शब्दों से भावना का बोध होता हो, उन शब्दों को भाव वाचक संज्ञा कहा जाता है.
या -जिस संज्ञा शब्द से पदार्थों की अवस्था, गुण-दोष, धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं.
जैसे – मिठास, खटास, धर्म, थकावट, जवानी, मोटापा, मित्रता, सुन्दरता, बचपन, परायापन, अपनापन, बुढ़ापा, प्यास, भूख, मानवता, मुस्कुराहट, नीचता, क्रोध, चढाई, उचाई, चोरी आदि.

भाववाचक संज्ञा के उदाहरण

1.ईमानदारी से बड़ा कोई धर्म नहीं.
यहां पर ईमानदारी शब्द एक भावना प्रकट कर रहा है, इसलिए यहां पर ईमानदारी भाववाचक का उदाहरण है.

2.मैं तुम्हे बहुत प्रेम से रखूँगा.
यहां पर प्रेम शब्द हमारे भाव का बोध करा रहा है, इसलिए यहां पर प्रेम में भाववाचक है.

3.मैं बहुत गुस्सा हूँ.
यहां पर मेरे गुस्सा होने का बोध हो रहा है, अतः यहां पर गुस्सा भाववाचक का उदाहरण है.

4.मेरी लम्बाई मेरे दोस्त से अधिक है.
यहां पर मेरे लम्बे होने का बोध हो रहा है, इसलिए यहां पर लम्बाई में भाववाचक संज्ञा है.

भाववाचक संज्ञा के भेद

भाववाचक संज्ञा के दो भेद हैं

1-समुदायवाचक संज्ञा
2-द्रव्यवाचक संज्ञा

समुदायवाचक संज्ञा-

वह शब्द जिनसे किसी वस्तु या व्यक्ति के समूह होने का बोध होता हो, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहा जाता है.
जैसे – झुंड, मेला, परिवार, दल, सेना, कक्षा, मेला, भीड़, टुकड़ी, पुस्तकालय आदि शब्दों में समूह होने का बोध होता है.

उदाहरण-
आज मेरी कक्षा नहीं लगेगी.

द्रव्यवाचक संज्ञा-

जो शब्द किसी तरल, ठोस, अधातु, धातु, पदार्थ, द्रव्य आदि का बोध कराते हैं, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहा जाता है.
पानी, घी, तेल, कोयला, चाँदी, सोना, फल, सब्जी, हिरा, लोहा, चीनी, आदि द्रव्य द्रव्यवाचक संज्ञा में आते है.क्योंकि इन्हें गिना नहीं बल्कि मापा या फिर तोला जाता है.
उदाहरण-
मैं सब्जी लेकर आया हूँ.
यहां पर सब्जी शब्द से हमें द्रव्य होने का बोध हो रहा है, इसलिए यहां पर सब्जी एक द्रव्यवाचक संज्ञा है.
चाँदी के आभूषण बहुत सुंदर होते हैं.
यहां पर चाँदी से हमें द्रव्य होने का बोध हो रहा है, इसलिए यहां पर चाँदी एक द्रव्यवाचक संज्ञा है.

नियम

जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय में ता, आस, पा, अ, पन, ई, आव, वट, य, हट, त्व आदि लगाकर भाववाचक संज्ञा में बदल दिया जाता है.

आगे हम आपको जातिवाचक संज्ञा, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय से भाववाचक में बनाना सीखाएंगे. जिससे आपको समझने में आसानी होगी.
1.जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
2.सर्वनाम से भाववाचक बनाना
3.संज्ञा से भाववाचक बनाना
4.क्रिया से भाववाचक बनाना
5.विशेषण से भाववाचक बनाना
6.अव्यय से भाववाचक बनाना

जातिवाचक से भाववाचक बनाना
युवक – यौवन
इंसान – इंसानियत
राष्ट्र – राष्ट्रीयता
ब्राह्मण – ब्राह्मणत्व
घर – घरेलू

सर्वनाम से भाववाचक बनाना
पराया – परायापन
मम – ममत्व/ममता
सर्व – सर्वस्व
आप – आपा
पराया – परायापन

संज्ञा से भाववाचक बनाना
पंडित – पांडित्य
राष्ट्र – राष्ट्रीयता
भार – भारीपन
माता – मातृत्व
गुरु – गुरुता

क्रिया से भाववाचक बनाना

भिड़ना – भिडंत
लुटाना – लूट
लिखना – लिखावट
सींचना – सिंचाई
मरना – मरण

और पढ़े: विकारी शब्द किसे कहते हैं, परिभाषा एवं उदाहरण

विशेषण से भाववाचक बनाना
गंभीर – गंभीरता
गोरा – गोरापन
सम – समता
हिंसक – हिंसकता
बेईमान – बेईमानी

अव्यय से भाववाचक बनाना
दूर – दुरी
निकट – नैकट्य
धिक् – धिक्कार
मना – मनाही
पूर्ण – पूर्णता

उदाहरण

1. यह छात्रावास अपनी सख्ती के लिए जाना जाता है.
2. प्रेम बिना एक शब्द के अपने राज्य पर राज करता है.
3. ऐसी दयालुता मानव स्वभाव में आपके विश्वास को पुनर्स्थापित करती है.
4. अहंकार सफलता का सबसे बड़ा दुश्मन है.
5. उन्होंने खेल के प्रति अपना उत्साह खो दिया है.

आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया ट्विटर पर हमसे जुड़े.

Exit mobile version