आज के समय में भूमि प्रदूषण शहरी क्षेत्रों में एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रहा है. इस तरह के प्रदूषण को अन्य प्रकार के प्रदूषण जैसे वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण से कम घातक नहीं हैं. आज भूमि प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. यह ठोस कचरे के कारण बढ़ रहा है. यह बढ़ती आबादी के कारण दिन के साथ-साथ उद्योगों में वृद्धि के कारण बढ़ रहा है. वनों की कटाई भूमि प्रदूषण का कारण बनती है क्योंकि यह मिट्टी की गुणवत्ता को कम करती है. जनसंख्या में वृद्धि ने घरेलू कचरे को भी जन्म दिया है जिससे प्रदूषण बढ़ता है.
कुछ दिनों के लिए एक क्षेत्र में जमा अपशिष्ट उत्पाद दूषित हो जाते हैं और दुर्गंध पैदा करते हैं. ऐसे क्षेत्रों से गुजरना इस वजह से बेहद मुश्किल हो सकता है. आस-पास के डंपिंगग्राउंड वाले क्षेत्रों में रहना असंभव के बगल में लगता है. भूमि प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों से लोगों को डर लगता है. इसके अलावा, इन क्षेत्रों से जो दुर्गंधयुक्त गंध आती है वह लगातार एक बड़ा नुक्सान है.
भूमि प्रदूषण भी विभिन्न प्रकार के कैंसर एवं बीमारियों का कारण बनते है. विषाक्त पदार्थों से भरी हुई भूमि मच्छरों, मक्खियों, चूहों, कृन्तकों और ऐसे अन्य प्राणियों के लिए एक प्रजनन भूमि के तौर पर उबर कर सामने आती है. इन छोटे जीवों के कारण लोगों को किन किन रोगों का सामना करना पडता है यह सभी को ज्ञात हैं. विभिन्न प्रकार के बुखार और बीमारियाँ इनकी वजह से बढ़ रही हैं.
Also Read: Vigyan ke Chamatkar Nibandh for Class 5 to 8
भूमि प्रदूषण के कारण
भूमि प्रदूषण विभिन्न कारणों से होता है.-
ठोस अवशेष: घरों, अस्पतालों, स्कूलों और बाजारों से प्लास्टिक की मात्रा काफी निकलती है. ठोस अपशिष्ट की श्रेणी में प्लास्टिक कंटेनर, डिब्बे, प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि आते हैं. जिनमें से कुछ बायोडिग्रेडेबल होते हैं और अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल. इनका निपटारन करना कठिन होता है. यह गैर-बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट है जो बड़े भूमि प्रदूषण का कारण बनता है.
पॉली बैग के उपयोग से बचें. सरकार ने कई राज्यों में इन बैगों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, हालांकि लोग अभी भी इनका उपयोग करते हैं. पॉली बैग का निपटान करना मुश्किल है और भूमि प्रदूषण में बहुत योगदान देता है.
वनों की कटाई: मनुष्य अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जंगलों को तेज गति से काटा जा रहा है. मिट्टी के लिए पेड़ आवश्यक हैं क्योंकि वे विभिन्न आवश्यक पोषक तत्वों को बनाए रखने में मदद करते हैं. पर निरंतर पेड़ो की कटाई से भूमि कमजोर पढ़ती जा रही है. जो भूमि प्रदूषण का करण बनती है.
रसायन: विभिन्न प्रकार के रासायनिक अपशिष्ट का निपटान मुश्किल है. लोग इन कीटनाशकों और उर्वरकों से प्राप्त तरल पदार्थों को इन स्थानों पर फेंक देते हैं. यह मिट्टी को खराब करता है और भूमि प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं.
और पढ़े: प्रदुषण की समस्या पर निबंध कक्षा 6, 7, 8, 9 और 10
कृषि गतिविधियाँ: फसलों की अधिक उगाई के लिए किसान भाई कृषि में अन्य तकनीकों का उपयोग करते हैं. जैसे कि फसलों पर कीटनाशकों का अत्यधिक छिड़काव एवं उपयोग करना. इन कीटनाशकों के छिड़काव करने से यह मिट्टी का क्षरण करता है.वहीं यहां उगाए गए फल और सब्जियां भी स्वस्थ नहीं मानी जाती हैं. इसे एक प्रकार का भूमि प्रदूषण माना जाता है.
यह ठीक ही कहा गया है, “एक देश जो अपनी मिट्टी को नष्ट करता है वह खुद को नष्ट कर लेता है”. भूमि प्रदूषण, प्रदूषण के अन्य विभिन्न रूपों की तरह, पर्यावरण के लिए खतरा है. यह पृथ्वी पर जीवन की गुणवत्ता को नीचा दिखा रहा है. यह उच्च समय है जब हमें व्यक्तिगत स्तर पर जो भी प्रयास किया जा सकता है, उसे प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए हमें अपने कर्तव्य के रूप में लेना चाहिए. आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा एवं ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमारा ट्विटर पेज फॉलो करें.