बिहार की राजधानी
भारत के बिहार की राजधानी पटना एक ऐतिहासिक नगर है. यह बिहार का सबसे बड़ा नगर है. पटना का प्राचीन नाम पाटलिपुत्र, पुष्पपुरी और कुसुमपुर था. आर्यभट्ट हों या चाणक्य हों या कालीदास, सभी लोग पटना से ही थे, जिन्हे भारतीय इतिहास में ज्ञान के क्षेत्र में धुंरधर माना जाता है.
बिहार की राजधानी पटना शहर का ऐतिहासिक महत्व
पटना संसार के गिने-चुने प्राचीन नगरों में से एक है जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद है. प्राचीन बौद्ध और जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया और पावापुरी पटना शहर के आस पास ही स्थित हैं. पटना सिक्खों के लिये पवित्र स्थल में से एक है क्योंकि सिक्खों के 10वें तथा अंतिम गुरु गुरूगोविन्द सिंह का जन्म पटना में हीं हुआ था. प्रति वर्ष देश-विदेश से लाखों सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमन्दिर साहब के दर्शन करने आते हैं. ऐतिहासिक और प्रशासनिक महत्व के अलावा पटना शिक्षा, वाणिज्य, और चिकित्सा का भी एक प्रमुख केन्द्र है. दिवारों से घिरा नगर का पुराना क्षेत्र, पटना सिटी के नाम से जाना जाता है .
कहा जाता है कि पटना नाम पटन देवी से प्रचलित हुआ है. मौर्यकाल के यूनानी इतिहासकार मेगस्थनीज ने इस शहर को पालिबोथरा तथा चीनीयात्री फाहियान ने पालिनफू के नाम से संबोधित किया है. ऐसा समझा जाता है कि वर्तमान नाम शेरशाह सूरी के समय से प्रचलित हुआ. शेरशाह ने इसका नाम ‘पैठना’ रखा था जिसे शेर शाह के मृत्यु के पश्चात् अंतिम हिन्दु सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य ने पटना कर दिया.
बिहार की राजधानी का इतिहास
प्राचीन पटना सोन और गंगा नदी के संगम पर स्थित हुआ करता था. सोन नदी आज से दो हजार वर्ष पहले अगमकुँआ से आगे गंगा नदी में मिलती थी. पाटलिग्राम में गुलाब काफी मात्रा में उगाया जाता था. गुलाब के फूल से इत्र, दवा आदि बनाकर उनका व्यापार होता था इसलिए इसका नाम पाटलिग्राम हो गया. लोककथाओं के अनुसार, राजा पत्रक को पटना का जनक कहा जाता है. उसने अपनी रानी पाटलि के लिये जादू से इस नगर का निर्माण किया. इसी कारण नगर का नाम पाटलिग्राम पड़ा. पाटलिपुत्र नाम भी इसी के कारण पड़ा. संस्कृत में पुत्र का अर्थ बेटा तथा ग्राम का अर्थ गांव होता है.
बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध अपने अन्तिम दिनों में यहाँ से होकर गुजरे थे. उनकी यह भविष्यवाणी थी कि नगर का भविष्य उज्जवल होगा.वहीं आगे चल कर के महान नन्द शासकों के काल में इसका और भी विकास हुआ. उनके बाद आने वाले शासकों यथा मौर्य साम्राज्य के उत्कर्ष के बाद पाटलिपुत्र भारतीय उपमहाद्वीप में सत्ता का केन्द्र बन गया.
मुगल बादशाह अकबर की सेना 1574 ईसवी में अफ़गान सरगना दाउदख़ान को कुचलने पटना आया. अकबर के राज्य सचिव एवं आइने-अकबरी के लेखक अबुल फ़जल ने इस जगह को कागज, पत्थर तथा शीशे का सम्पन्न औद्योगिक केन्द्र के रूप में वर्णित किया है.मुगल साम्राज्य के पतन के साथ ही पटना बंगाल के नबाबों के शासनाधीन हो गया जिन्होंने इस क्षेत्र पर भारी कर लगाया पर इसे वाणिज्यिक केन्द्र बने रहने की छूट दी. 17वीं शताब्दी में पटना अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र बन गया. अंग्रेज़ों ने 1620 में रेशम तथा कैलिको के व्यापार के लिये यहाँ फैक्ट्री खोली.
सन 1912 में बंगाल विभाजन के बाद, पटना उड़ीसा तथा बिहार की राजधानी बना.वहीं सन 1935 में उड़ीसा बिहार से अलग कर एक राज्य बना दिया गया. पटना राज्य की राजधानी बना रहा.भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नगर की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका थी. नील की खेती के लिये 1917 में चम्पारणआन्दोलन तथा 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन के समय पटना की भूमिका उल्लेखनीय रही है. आजादी के बाद पटना बिहार की राजधानी बना रहा. सन 2000 में झारखंड राज्य के अलग होने के बाद पटना बिहार की राजधानी पूर्ववत बना रहा.
भाषा-
बिहार की राजधानी पटना में कई भाषाएँ तथा बोलियाँ बोली जाती हैं.जिसमें हिन्दी राज्य की आधिकारिक भाषा है तथा उर्दू द्वितीय राजभाषा है. अंग्रेजी का भी प्रयोग यहां होता है. मागधी अथवा मगही यहाँ की स्थानीय बोली है. अन्य भाषाएँ, अंगिका, भोजपुरी, बज्जिका और मैथिली प्रमुख हैं. जो कि बिहार के अन्य भागों से आए लोगों की मातृभाषा हैं. आंशिक प्रयोग में आनेवाली अन्य भाषाओं में बंगाली और उड़िया का नाम लिया जा सकता है.
पर्व-त्यौहार
दीवाली, दुर्गापूजा, होली,अनंत पूजा, छ्ठ पूजा, गंगा दशहारा, रामनवमी ,कृष्ण जन्माष्टमी,झूलन, गुरुगोविंद सिंह जयन्ती, विजयादशमी, महाशिवरात्रि, ईद, क्रिसमस, छठ, सोहराई, गोधन,रक्षाबंधन, कर्मा, गोवर्धन पूजा जीवित पुत्रिका व्रत तीज आदि लोकप्रिय पर्वो में से है. छठ पर्व पटना ही नहीं सारे बिहार का एक प्रमुख पर्वं है जो कि सूर्य देव की आराधना के लिए किया जाता है.
बिहार की राजधानी का खान-पान
पटना को केन्द्रीय बिहार के मिष्ठान्नों तथा मीठे पकवानों के लिए भी जाना जाता है. इनमें खाजा, मावे का लड्डू,मोतीचूर के लड्डू, काला जामुन, केसरिया पेड़ा, परवल की मिठाई, खुबी की लाई और चना मर्की एवं ठेकुआ आदि का नाम लिया जा सकता है. इन पकवानो का मूल इनके सम्बन्धित शहर हैं जो कि बिहार की राजधानी के निकट हैं .इनके अलावा दाल भात,लिट्ठी चोखा भी यहां का प्रमुख खान पान है.
सड़क परिवहन
दुनिया का सबसे लम्बा सड़क पुल पटना में स्थित है जो कि 5575 मीटर लम्बा है, इसे महात्मा गांधी सेतू के नाम से जाना जाता है. पटना से चार नदियां गुजरती हैं- गंगा, सोन, गंडक और पुनपुन नदी.वहीं पटना में स्थित सदाक़त आश्रम, हमारे देश रत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद की कर्मभूमि है. अब इसे एक पर्यटन स्थल बना दिया गया है. आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा एवं ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमारा ट्विटर पेज फॉलो करें.