झूठ चाहे जितना भी अपने पांव पसार ले, सच के एक दांव के समक्ष वह चारों खाने चित्त हो जाता है। पिछले कुछ हफ्तों से हमने देखा है कि भारतीय टीम के वर्तमान टेस्ट कप्तान विराट कोहली कैसे अपने आप को निर्दोष सिद्ध करने पर तुले हुए हैं और BCCI, विशेषकर भारतीय क्रिकेट ऑफ कंट्रोल बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष सौरव गांगुली को झूठा सिद्ध करना चाहते हैं। परंतु, इस बार विराट के झूठ को उजागर करने के लिए स्वयं BCCI ने मोर्चा संभाल लिया है। टीम के प्रमुख चयनकर्ताओं में से एक चेतन शर्मा ने उजागर किया है कि विराट कोहली पर बीसीसीआई की ओर से कोई दबाव नहीं था, उलटे टी-20 की कप्तानी को लेकर स्वयं बीसीसीआई के अफसरों ने उन्हें अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा था।
चेतन शर्मा ने स्पष्ट रुप से कहा है कि जब विराट ने टी20 की कप्तानी छोड़ने का निर्णय लिया, तो सभी ने उन्हें अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा। इतना ही नहीं, विराट कोहली को वनडे की कप्तानी से हटाए जाने की सूचना उन्हें 8 दिसंबर को ही दे दी गई थी, न कि दक्षिण अफ्रीका दौरे से मात्र डेढ़ घंटे पहले, जैसा कि विराट ने दावा किया है। बता दें कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली ने दावा किया कि बीसीसीआई ने उन्हें कभी टी20 की कप्तानी छोड़ने पर पुनर्विचार करने को नहीं कहा था और साथ ही साथ उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्हें वनडे की कप्तानी से हटाए जाने की सूचना दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम की घोषणा से मात्र 90 मिनट पूर्व मिली।
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रोहित शर्मा को टीम से हटाने की तैयारी में थे विराट कोहली
लेकिन विराट कोहली का झूठ एक दिन भी नहीं टिक पाया। BCCI के अफसरों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर कई पत्रकारों को बताया कि विराट ने खुद ही रायता फैलाया और इसके बाद अपने आप को निर्दोष सिद्ध करने के लिए उन्होंने यह पूरा षड्यंत्र भी रचाl इसके अलावा बंगाली पत्रिका Sangbad Pratidin की रिपोर्ट के अनुसार ये भी दावा किया गया है कि विराट कोहली सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं कि उन्हें कप्तानी से हटाने की कोई सूचना नहीं दी गई थी। इस रिपोर्ट में ये भी उजागर किया गया है कि कैसे विराट कोहली रोहित शर्मा को टीम से हटाने के लिए उद्यत थे?
रोचक बात तो यह है कि Sangbad Pratidin की रिपोर्ट के मुताबिक उस दिन मीटिंग में सौरव गांगुली और जय शाह के अलावा चेतन शर्मा और रोहित शर्मा भी शामिल थे। अब जब चेतन शर्मा ने स्वयं इस बात की पुष्टि की है कि विराट कोहली पर टी20 की कप्तानी को छोड़ने हेतु किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया गया था, तो प्रश्न ये उठता है कि क्या वो झूठ बोल रहे थे? क्या विराट कोहली, सौरव गांगुली को वैसे ही नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे थे, जैसा उन्होंने पूर्व कोच अनिल कुंबले के साथ किया था?
कपिल देव ने भी दी थी प्रतिक्रिया
दक्षिण अफ्रीका के दौरे से पूर्व भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने इन मामलों को लेकर स्पष्ट रुप से कहा था कि विराट ने एक महत्वपूर्ण दौरे से पूर्व जिस प्रकार से बयान दिए, ये टीम इंडिया के लिए अच्छा सन्देश नहीं हैl जब देश के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटर तक आपके व्यव्हार से संतुष्ट न हो, तो समझ जाइए कि कुछ तो गड़बड़ हैl ऐसे में अब चेतन शर्मा की ओर से जो बातें स्पष्ट की गई है, उससे एक बात तो सिद्ध होती है कि यदि विराट कोहली निर्दोष हैं, तो अपनी अनावश्यक बयानबाजी से उन्होंने अपनी भद्द पिटवाई है। लेकिन यदि ऐसा नहीं है, तो फिर विराट कोहली ने अपने विनाश को निमंत्रण दिया है, जिसे वो अब चाहकर भी नहीं रोक पाएंगे!