मुख्य बिंदु
- CM योगी आदित्यनाथ मथुरा से नहीं अपितु राम नगरी अयोध्या से लड़ सकते हैं चुनाव, पुरे देश में जायेगा हिंदुत्व का संदेश
- अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर का निर्माण और विकास कार्यों के आधार पर भाजपा लगा सकती योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर
- अवध की कुल 82 सीटों पर खेल पलट सकती है भाजपा
- CM योगी ने एक मीडिया न्यूज़ चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि यह चुनाव 80 बनाम 20 प्रतिशत का है।
कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता (दिल्ली) का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है और ये बात सत्ताधारी पार्टी भाजपा से बेहतर कोई नहीं जानता। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 10 फरवरी 2021 से शुरू होने वाला है और यह चुनाव कुल 7 चरणों में होगा। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी मैदान में उतरने वाले उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी शुरू कर दी है। वहीं, भाजपा की ओर से उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उम्मीदवारी को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही थी। दरअसल, कहा जा रहा था कि इस विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ मथुरा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे। हाल ही में, भाजपा की चुनाव समिति की बैठक में यह तय किया गया कि योगी आदित्यनाथ मथुरा से नहीं अपितु राम नगरी अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं।
राम की नगरी अयोध्या से चुनाव लड़ सकते हैं CM योगी
बता दें कि भाजपा ने एक तरफ अयोध्या की लड़ाई मात्र हिन्दू अस्मिता के लिए लड़ी थी लेकिन अब हालात यह है कि भाजपा के लिए अयोध्या एक विशाल किले के रूप में स्थापित हो गया है और सिर्फ अयोध्या के दम पर न जाने कितने वर्षों तक भाजपा सत्ता में रह सकती है। यह किला इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि वह धार्मिक स्थल है। यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि अयोध्या में जो विकास कार्य हो रहा है, वह अपने आप में एक अप्रतिम उपलब्धि है।
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हालांकि, भाजपा का यह निर्णय कई मायनों में अहम हो सकता है। भाजपा के सत्ता में आने बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में अयोध्या हमेशा से एक केंद्र बिंदु रहा है। वहीं, योगी आदित्यनाथ का भी पिछले पांच वर्षों में अयोध्या से उनका जुड़ाव बढ़ा है। वे लगभग अबतक 42 बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं। CM योगी के लिए लखनऊ के बाद अयोध्या राज्य में हुए विकास कार्यक्रमों का आयोजन स्थल रहा है। इसके साथ ही अयोध्या के आसपास कुल 82 विधानसभा सीटें हैं, जहां योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने से प्रभाव इन सीटों पर भाजपा खेल पलट सकती है।
वहीं, योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने को लेकर एक प्रस्ताव दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में रखा गया, जहां पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, राज्य प्रभारी स्वतंत्र देव सिंह एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद थे। भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने स्पष्ट कि अगर योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ते हैं तो पुरे देश में हिंदुत्व का सन्देश भी जायेगा।
CM योगी को लेकर खुश हैं अयोध्यावासी और संत समाज
वर्ष 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने जब श्री राम जन्मभूमि मामले पर अपना फैसला सुनाया था, तो किसी को नहीं मालूम था कि अयोध्या में इस स्तर पर भी विकास हो सकता है। राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या को पूर्ण रूप से बदलने के लिए सरकार कमर कस चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार की विस्तृत योजनाओं में रिसॉर्ट, एक पांच सितारा होटल, अंतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल और एक हवाई अड्डे का निर्माण शामिल है। इक्ष्वाकुपुरी विकास प्राधिकरण (IDA) की प्रस्तावित स्थापना के साथ अयोध्या शहर को नए दशक में एक नया विकास प्राधिकरण मिल सकता है। जब से श्रीराम मंदिर का निर्माण सुनिश्चित हुआ है, तब से अवध क्षेत्र का मानो कायाकल्प हो चुका है। इसका असर सांस्कृतिक ही नहीं, आर्थिक रूप से भी पड़ा है।
संत समाज और अयोध्या वासियों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ ही अयोध्या को पूरी तरह से विकसित कर सकते हैं। महंत राजकुमार दास ने कहा, “योगी जी संत हैं, हमारी संत विरादरी के हैं। पूरा संत समाज उनके लिए वोट मांगेगा। उन्होंने आगे कहा, मैं कभी किसी राजनीति पार्टी से नहीं जुड़ा पर योगी जी के लिए खुद वोट मांगने के लिए निकलूंगा।” संत वेदांती ने कहा कि “योगी आदित्यनाथ व बीजेपी जिस तरह से चुनावी सभाओं में राम मंदिर के मुद्दे को प्रमुखता से उठा कर सपा पर हमला कर रहे हैं। उससे लगता है कि सीएम के लिए सबसे उपयुक्त सीट अयोध्या की ही होगी।”
यूपी की जनता पर है CM योगी को पूरा भरोसा
बताते चलें कि प्रदेश में विकास की रफ्तार के आगे विपक्षी पार्टियों का टिकना मुश्किल हो गया है। चाहे वह 59 जनपदों में मेडिकल कॉलेज को क्रियाशील करना हो, मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो, एयरपोर्ट का शिलान्यास हो, एक्सप्रेस-वे हो या मुगल आक्रांताओं द्वारा क्षत-विक्षत किए गए हिंदू मंदिरों का पुनरुद्धार, योगी और मोदी की जोड़ी हर मामले में अव्वल है। अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।
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मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही CM योगी ने एक मीडिया न्यूज़ चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि यह चुनाव 80 बनाम 20 प्रतिशत का है। इसका अर्थ है 80 प्रतिशत हिन्दू और 20 प्रतिशत मुसलमान। अपने इस बयान के माध्यम से CM योगी ने स्पष्ट कर दिया कि उत्तर प्रदेश की जनता उनके साथ है और उन्हें पूरा भरोसा है। ऐसे मे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी से चुनाव लड़ा, तो किसी को विश्वास नहीं था कि वे लोकसभा चुनाव भी जीत सकते हैं परंतु उन्होंने असंभव को संभव सिद्ध कर दिखाया। वहीं, अब यह अवसर योगी आदित्यनाथ के पास होगा, जिसे वे कतई हाथ से नहीं जाने देना चाहेंगे!