क्राउडफंडिंग की अंधेरी दुनिया का रहस्य, जिस पर कोई बात नहीं करता

क्राउडफंडिंग के नाम पर लोगों को चूना लगाते हैं कथित एक्टिविस्ट!

क्राउडफंडिंग

Source- TFIPOST

पिछले कुछ दिनों से टीएमसी नेता साकेत गोखले सुर्खियों में हैं। इस बार उनके सुर्खियों में रहने का कारण उनकी जनहित याचिका और आरटीआई नहीं है, बल्कि उनका स्कैम है। क्राउडफंडिंग के जरिए मोदी विरोधियों को चूना लगाने वाले साकेत गोखले ने क्राउडफंडिंग से जुटाए गए धन का विवरण देने से पूरी तरह से इनकार कर दिया है। कई लोगों का मानना है कि गोखले लोगों से चंदा के नाम पर पैसे इकट्ठा कर उसका उपयोग अपने निजी खर्च के लिए करते हैं। गोखले के समान विचारधारा वाले हुसैन हैदरी ने दावा किया कि उन्होंने एक साल के अंतराल में लगभग 76 लाख जुटाए। क्राउडफंडिंग के नाम पर गोरखधंधे के मुद्दे पर साकेत गोखले को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।

दरअसल, ऐसे लोगों द्वारा चलाए जा रहे क्राउडफंडिंग अभियान अक्सर आपको भावुक कर देते हैं। वे आपको महसूस कराते हैं कि आप किसी बेहतरीन कारण के लिए योगदान दे रहे हैं और आप अपनी मेहनत की कमाई को दान करने से खुद को रोक नहीं पाते। हालांकि, ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या आप यह नहीं जानना चाहेंगे कि आपका पैसा जा कहां रहा है? क्राउडफंडिंग की दुनिया अंधेरी है और अक्सर ही कुछ लोगों द्वारा जनता को ठगा जाता है। साकेत गोखले का मामला पहला मामला नहीं है, जब क्राउडफंडिंग का गलत इस्तेमाल हुआ हैं। निम्नलिखित कुछ इसके प्रमुख उदाहरण हैं, जिसपर ध्यान देना जरुरी है।

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BLM के संस्थापक की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग

ब्लैक लाइव्स मैटर (BLM) सिर्फ एक आंदोलन नहीं था, बल्कि यह वैश्विक लेफ्ट ब्रिगेड कैसे काम करता है, उसका एक टेम्पलेट था। इस ब्रिगेड ने BLM से खूब पैसे कमाए और उसका इस्तेमाल उग्रवाद दंगा, आगजनी और लूटपाट के लिए किया। उन्होंने सामाजिक न्याय के अपने स्वयंभू संस्करण के प्रचार के साथ भिन्न विचार रखने वालों को कैंसल भी किया। BLM आंदोलन अपने सह-संस्थापक Patrisse Cullors की वजह से भी खबरों में था। 37 वर्षीय सह-संस्थापक जो एक स्व-घोषित ‘प्रशिक्षित मार्क्सवादी’ हैं, उन्होंने टोपंगा घाटी में तीन बेडरूम, तीन बाथरूम का घर खरीदा। यह $1.4 मिलियन का घर एक अलग गेस्ट हाउस और विशाल बैकयार्ड के साथ था।

लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या Patrisse Cullors को BLM द्वारा भुगतान किया गया था, क्योंकि इस आंदोलन का खाता अपारदर्शी है। इसके स्थानीय आयोजकों ने पोलिटिको को बताया कि उन्हें क्राउडफंड में रहने के लिए मजबूर किया गया था। कुछ आयोजक मुश्किल से अपने आने जाने या आवास का खर्च उठा पा रहे थे। ऐसे में यह सवाल उठता है कि बीएलएम दुनिया भर में काफी ज्यादा लोकप्रिय था, इसे खूब अंतरराष्ट्रीय दान भी मिला लेकिन सारा धन गया कहां?

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9 वर्षीयजलवायु एक्टिविस्टका मामला

इस साल की शुरुआत में 9 वर्षीय लिसीप्रिया कंगुजम के भगोड़े पिता कनरजीत कंगुजम (डॉ के के सिंह) को दिल्ली और मणिपुर पुलिस द्वारा एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था। बच्ची के पिता पर एक लाख रुपये का इनाम था, मणिपुर पुलिस सक्रिय रूप से पूरे देश में उसकी तलाश कर रही थी। अंतरराष्ट्रीय युवा समिति (IYC) के नाम पर, सिंह ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय छात्रों से धन की मांग करके उनके साथ धोखाधड़ी की थी। अपनी 9 साल की बेटी को एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ‘जलवायु सक्रियता’ अभियान के चेहरे के रूप में पेश करके, कनरजीत कंगुजम ने एक्टिविजम की आड़ में 12 देशों के लगभग 100 बच्चों को ठगा। केवल छात्रों से एकत्र की गई फीस से धोखाधड़ी की राशि लगभग 44,685 डॉलर होने का अनुमान है।

ISIS के संदिग्धों ने क्राउडफंडिंग का सहारा लिया

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आपकी चिंता केवल आपके द्वारा जुटाए गए धन के उपयोग तक सीमित नहीं होनी चाहिए। हमारा मतलब है कि अगर आपका पैसा सीरिया में एक आतंकवादी समूह के हाथों में चला गया तो क्या होगा? यह कोई मजाक नहीं है, ऐसा एक मामला हुआ भी है। इंडिपेंडेंट की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया में हिरासत में ली गई महिलाओं ने एक ऑनलाइन क्राउडफंडिंग अभियान के माध्यम से हजारों पाउंड जुटाए। अभियान को “जस्टिस फॉर सिस्टर्स” कहा गया, जिसे एक जर्मन मध्यस्थ की मदद से शुरू किया गया था। इसने यूरोप में सहानुभूति रखने वालों से दान मांगा था।

जनवरी 2019 में उत्तरी सीरिया के इदलिब में स्थित अल-कायदा समर्थकों द्वारा भी इसी तरह का एक अभियान शुरू किया गया था। “फ्री द फीमेल प्रिजनर्स” का उद्देश्य स्पष्ट रूप से महिलाओं को एक शरणार्थी शिविर से मुक्त करना और उन्हें विद्रोही-कब्जे वाले क्षेत्रों में तस्करी करना था। ऐसे में क्राउडफंडिंग अभियान में पैसा दान करते समय आपको हमेशा सावधान रहना चाहिए। आपका पैसा किसे जा रहा है, उसका वास्तविक उद्देश्य क्या है, उसके पीछे का कारण क्या है, जैसे प्रश्नों के उत्तर आपको पता होने चाहिए। जब किसी विशेष मुद्दे को लेकर खूब प्रचार प्रसार किया जाता है और उसके पक्ष में प्रोपेगेंडा फैलाया जाता है, तब ऐसे में यह पता लगा पाना कठिन हो जाता हैं। लेकिन आखिरकार यह आपका पैसा है और आपको ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह आपके साथ धोखाधड़ी न हो जाए!

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