कैसे थॉमस अल्वा एडिसन ने Nikola Tesla के आविष्कारों को चुराकर टेस्ला को बर्बाद कर दिया

अदूरदर्शी और स्वार्थी एडिसन!

टेस्ला एडिसन

Source- TFIPOST

वर्ष 1884 में निकोला टेस्ला (Nikola Tesla) नामक एक 28 वर्षीय सर्बियाई युवक न्यूयॉर्क शहर आया और थॉमस अल्वा एडिसन (Thomas Edison) के साथ नौकरी करने लगा। थॉमस एडीसन ने 37 साल की उम्र में ही एक नए प्रकार के टेलीग्राफ का आविष्कार किया था, एक अग्रणी प्रयोगशाला बनाई और एडिसन इल्यूमिनेटिंग की स्थापना की, जिससे वो काफी लोकप्रिय थे। नौकरी के दौरान टेस्ला ने एडिसन को लैब उपकरण स्थापित करने, जेनरेटर की मरम्मत करने और नई मशीनों को डिजाइन करने में मदद की। एक साल बाद, टेस्ला ने अपनी नई इलेक्ट्रिक लाइटिंग कंपनी शुरू करने के लिए एडिसन के साथ काम करना छोड़ दिया। उन्होंने जिस नई प्रणाली का इस्तेमाल किया, वह प्रणाली मोटर्स के लिए वैकल्पिक धाराओं पर निर्भर थी, जिसने एडिसन के साथ उनके संघर्ष की शुरुआत कर दी।

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टेस्ला का AC प्रणाली और एडिसन का DC

यह विवाद और संघर्ष इस विषय पर केंद्रित था कि संयुक्त राज्य अमेरिका में किस प्रकार के विद्युत प्रवाह को सार्वभौमिक मानक बनना चाहिए। एडिसन ने डायरेक्ट करंट (DC) को प्राथमिकता दी, जिसका पहले से ही व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा था और जिसका एडिसन अपने पेटेंट के माध्यम से लाभ उठा रहे थे, जबकि टेस्ला ने अल्टरनेट करेंट (AC) को प्राथमिकता दी, लेकिन AC में एक महत्वपूर्ण कमी थी। AC करंट में बिजली संयंत्रों से कम वोल्टेज को उच्च-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों में परिवर्तित करना मुश्किल था, जो बिजली को लंबी दूरी तक ले जा सके। वहीं, दूसरी ओर एक डीसी सिस्टम को उपयोगकर्ताओं के करीब बनाए गए कई छोटे बिजली संयंत्रों की आवश्यकता थी।

टेस्ला के अल्टरनेटिंग करंट (AC) सिस्टम ने इस समस्या को ठीक कर दिया। इसमें ट्रांसफॉर्मर का उपयोग करके, वोल्टेज को बढ़ाया और कम किया जा सकता है, जिससे बिजली संयंत्रों को जहां कहीं भी बिजली का उपयोग किया जा रहा था, वहां से कई मील की दूरी ले जाना संभव हो सका। टेस्ला ने अपने पेटेंट जॉर्ज वेस्टिंगहाउस को बेंचे, जिसने एडिसन के विपरीत नए एसी सिस्टम को बढ़ावा दिया।

परिणामस्वरूप यह वैचारिक और वैज्ञानिक युद्ध एक वास्तविक प्रतिद्वंद्विता में बदल गया। थॉमस अल्वा एडिसन काफी धनी थे। DC करेंट के पेटेंट और उपयोग से एक वैज्ञानिक और व्यापारी के रूप में उन्हें काफी लाभ मिलता था, अतः उन्होंने डीसी को बढ़ावा देने के लिए एक प्रचार अभियान शुरू किया, जिसमें लाइव दर्शकों के सामने एसी इलेक्ट्रोक्यूशन के सार्वजनिक प्रदर्शन शामिल थे। लेकिन यह विवाद भी बहुत जल्दी समाप्त हो गया, क्योंकि एडिसन हार गए। हुआ यह कि वर्ष 1893 की शुरुआत में टेस्ला की कंपनी वेस्टिंगहाउस ने विश्व मेले का विद्युतीकरण करने का टेंडर जीता। वर्ष1896 तक, जनरल इलेक्ट्रिक ने भी टेस्ला के एसी करेंट के लिए एडिसन के डीसी करेंट को छोड़ दिया था, जो अंततः संयुक्त राज्य में प्रमुख विद्युत प्रणाली बन गई।

एडिसन ने किया था AC प्रणाली को खारिज 

न्यू जर्सी में थॉमस अल्वा एडिसन नेशनल हिस्टोरिकल पार्क के एक पुरालेखपाल और “एडिसन एंड” के लेखक लियोनार्ड डीग्राफ का कहना है कि “यद्यपि प्रकाश बल्ब, फोनोग्राफ और चलती तस्वीरों को एडिसन के सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों के रूप में जाना जाता है परन्तु, अन्य लोग भी पहले से ही इसी तरह की तकनीकों पर काम कर रहे थे। अगर एडिसन ने उन चीजों का आविष्कार नहीं किया होता, तो अन्य लोगों ने किया होता।”

परंतु, एक अदूरदर्शी, स्वार्थी और लालच भरे कदम में एडिसन ने टेस्ला के इलेक्ट्रिक पावर ट्रांसमिशन की एक वैकल्पिक AC प्रणाली के अद्भुत विचार को खारिज कर, इसके बजाय अपने सरल लेकिन कम कुशल DC प्रणाली को बढ़ावा दिया। इसके विपरीत, टेस्ला के विचार अक्सर अधिक विघटनकारी प्रौद्योगिकियां थे, जिनकी बाजार में मांग नहीं थी। जैसे- नियाग्रा फॉल्स में उनका अल्टरनेटिंग-करंट मोटर और हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट, जो अपनी तरह का पहला पावर प्लांट था, जिसमें वास्तव में दुनिया को विद्युतीकृत करने की क्षमता थी।

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टेस्ला ने आवाजों, छवियों और चलती तस्वीरों को वायरलेस रूप से प्रसारित करने के लिए डिज़ाइन की गई प्रणाली पर काम करते हुए वर्षों बिताए, जिसने उन्हें एक भविष्यवादी और रेडियो, टेलीफोन, सेल फोन तथा टेलीविजन का सच्चा पिता बना दिया। विज़ार्ड: द लाइफ एंड टाइम्स ऑफ़ निकोला टेस्ला के लेखक मार्क सेफ़र ने कहा कि “हमारी पूरी जन संचार प्रणाली टेस्ला की प्रणाली पर आधारित है।” दुर्भाग्य से, टेस्ला की भव्य योजना तब विफल हो गई, जब उनके वित्तीय सहायक जेपी मॉर्गन ने वर्षों की विफलता से तंग आकर उनका साथ छोड़ दिया।

टेस्ला भविष्य के एक महान वैज्ञानिक थे, जो लाभ-हानि से परे मानवता के उत्थान के लिए कार्यरत थे, जबकि एडिसन एक व्यापारी थे। वो अपने हर वैज्ञानिक प्रयोग में लाभ देखते थे, शायद इसीलिए उनके नाम पर 1360 पेटेंट थे, जबकि टेस्ला के नाम पर मात्र 300। पेटेंट से होने वाले फायदे ही एडिसन को दूसरे की महान खोज को बाधित करने के लिए प्रेरित करते थे, जिसके प्रथम शिकार टेस्ला हो गए। इसी तथ्य ने एडिसन को अरबपति जबकि टेस्ला को कंगाल बना दिया!

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