‘अगर निज़ाम नहीं टिक पाए तो ओवैसी कौन है?’ ओवैसी और के.चंद्रशेखर राव को CM हिमंता ने दी स्पष्ट चेतावनी

निज़ामों की ढह गई औकात फिर ओवैसी की क्या बिसात?

हिमंता बिस्वा सरमा ओवैसी
मुख्य बिंदु

असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर हमला करते हुए कहा कि उनका नामोनिशान जल्द ही भारत से मिटा दिया जाएगा। तेलंगाना के वारंगल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता, खासकर ‘सांप्रदायिक राजनीति’ करने वाले तो बिलकुल नहीं। हिमंता बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि जिस तरह से तेलंगाना को निजामी शासन से आजादी मिली थी, ठीक उसी तरह भारत जल्द ही ओवैसी के नाम और पहचान का सफाया देखेगा। आपको बता दें कि पिछले साल भाजपा ने यह भी मांग की थी कि जिस दिन तेलंगाना और मराठवाड़ा और नांदेड़ के क्षेत्रों को निजामी शासन से स्वतंत्रता मिली थी, इस उपलक्ष्य में उस दिन को आधिकारिक तौर पर ‘तेलंगाना मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाया जाए।

हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने बयान में कहा, “भारत को कोई नहीं रोक सकता। जिस तरह से अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया, राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ, उसी तरह वह दिन भी बहुत दूर नहीं जब यहां भी निजाम और ओवैसी का नामोनिशान मिटा दिया जाएगा। भारत जाग गया है। यह अब छद्म धर्मनिरपेक्षता या सांप्रदायिक राजनीति करने वाले लोगों को स्वीकार नहीं करेगा।”

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CM हिमंता का ओवैसी पर कड़ा प्रहार

आज के परिदृश्य में ओवैसी आगामी चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ उनकी हालिया टिप्पणी की खूब आलोचना हुई है दरअसल उन्होंने जनता से पूछा था कि जब योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी सत्ता में नहीं होंगे तो लोगों को कौन बचाएगा? उनके इस सवाल के बाद मचे बवाल पर ओवैसी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “हम इन पुलिस अत्याचारों को याद रखेंगे। क्या यह आपत्तिजनक है? यह याद रखना आपत्तिजनक क्यों है कि पुलिस ने यूपी में मुसलमानों के साथ कैसा व्यवहार किया है?”

दरअसल, भाजपा ने पहली बार ओवैसी परिवार की तुलना निजाम से तब की थी, जब 2018 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव हुआ था। CM योगी आदित्यनाथ और ओवैसी के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया था, जब उनपर यह कहते हुए हमला किया गया था कि अगर भाजपा तेलंगाना में सरकार बनाती है, तो यह ओवैसी परिवार निजामों की तरह भाग जाएगा। योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी पर असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा पलटवार करते हुए कहा था कि “देश किसी के बाप की संपत्ति नहीं है।”

सरमा ने अपने सम्बोधन में कहा कि “मुझे यहां फिर से आना होगा। 2023 में जब तेलंगाना में भाजपा सत्ता में आएगी तो मैं फिर आऊंगा। लोगों को विश्वास है कि पीएम मोदी के समर्थन से वे नया तेलंगाना बनाएंगे। KCR गारू नौकरी देने का अपना वादा भूल गए हैं। KCR गारू (भाई) को सिर्फ अपने परिवार की चिंता है, तेलंगाना के लोगों की नहीं। मैं उनसे टेलीविजन पर देखने का आग्रह करूंगा कि 1 मई से 10 मई तक मैं 1 लाख सरकारी नौकरी दूंगा जैसा कि चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया गया था। क्या वह किसी राज्य या फार्महाउस पर शासन कर रहे हैं, मुझे इसपर संदेह है?”

सांप्रदायिक राजनीति और झूठा विकास नहीं चलेगा

उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को राज्य में लोगों को रोजगार नहीं देने के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि “मेरा राज्य एक छोटा राज्य है। तेलंगाना की GDP 9 लाख करोड़ और असम की GDP 3.5 लाख करोड़ है। लेकिन हम बहुत अधिक काम कर रहे हैं।” बता दें कि इस कार्यक्रम में तेलंगाना भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंडी संजय कुमार और ओबीसी मोर्चा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ के. लक्ष्मण समेत अन्य नेता भी मौजूद थे।

इस बीच, तेलंगाना भाजपा ने अगले कुछ दिनों में आदेश संख्या 317 के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। बता दें कि तेलंगाना सरकार के आदेश संख्या 317 में राज्य के कमर्चारियों और शिक्षकों को उनके तैनात किये गए जिले में उन्हें गैर-स्थानीय बनता है। वहीं, इस आदेश संख्या को लेकर कमर्चारियों और शिक्षकों का कहना है कि इससे केवल ऊची पहुंच वाले लोगों को फायदा होता है। ऐसे में, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा इस मुद्दे को लेकर राज्य में उतरे हैं, यही नहीं उनके महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के महबूबनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करने और TRS सरकार पर दबाव बनाने के लिए 11 जनवरी को तेलंगाना पहुंचने की भी संभावना है।

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ऐसे में, हिमंताा बिस्वा सरमा ने स्पष्ट कर दिया है कि सांप्रदायिक राजनीति की आड़ में सियासत का सपना देखने वाले असदुद्दीन ओवैसी और तेलंगाना में विकास की राजनीति का झूठा दावा पेश करने वाले के. चंद्रशेखर राव जल्द ही अपने सुख भरे दिन को अपने हाथों से फिसलता देखगें!

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