अलवर केस: 16 वर्षीय मूक-बधिर बच्ची के साथ बलात्कार पर चुप है कांग्रेस सरकार

लोगों ने किया विरोध, तो पुलिस ने कहा, "कोई रेप नहीं हुआ"

राजस्थान के अलवर में गैंगरेप का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 16 वर्ष की एक मूक बधिर बच्ची के साथ गैंगरेप किया गया। बच्ची को जयपुर के डॉक्टरों की टीम ने आठ घंटे तक ऑपरेशन कर के किसी तरह से बचा लिया है। पहले तो मामले को मीडिया कोई खास कवरेज नहीं मिली, लेकिन सोश्ल मीडिया पर मामला बढ्ने के बाद कांग्रेस पार्टी की चुप्पी पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने लगे। इस सबके बाद राज्य पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि नाबालिग के साथ बलात्कार नहीं किया गया था। पुलिस ने दावा किया कि कई जगहों के सीसीटीवी फुटेज में उस लड़की को शहर के कई इलाकों और पुल पर टहलते हुए देखा गया है, लेकिन किसी भी कैमरे ने उसे पुल पर अशांत और गंभीर अवस्था में नहीं पाया।

पुलिस ने कहा कि 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को स्कैन करने के बाद पता चला कि लड़की शहर के कई इलाकों में गई थी और एक वीडियो में वह फुटपाथ पर बैठी हुई थी। अलवर के एसपी ने कहा, “एक वीडियो में, वह पुल की ओर जाती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन पुल पर कोई कैमरा नहीं है, जहां वह संकटग्रस्त अवस्था में मिली थी।”

सीसीटीवी फुटेज और ऑटो चालक और आसपास के अन्य निवासियों के बयानों के अलावा, पुलिस का दावा है कि उन्होंने कुछ भी अजीब नहीं पाया है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, “अभी यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि पुल पर क्या हुआ था।” पुलिस वर्तमान में एक प्रश्नावली पर काम कर रही है जिसे पेशेवरों द्वारा प्रशासित किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि बलात्कार की संभावना बहुत कम है, जबकि जयपुर अस्पताल में एक सर्जन डॉ प्रमिला शर्मा, जहां लड़की भर्ती है, उन्होने कहा कि पेरिनेम पर “एक बहुत व्यापक घाव था।”

अलवर के एसपी ने भी बताया कि एसआईटी टीम, विशेषज्ञों, डॉग स्क्वायड और सीसीटीवी फुटेज की जांच के आधार पर अब यह स्पष्ट हो गया है कि लड़की घर से अकेली निकली थी और एक ऑटो में अलवर शहर आई थी, जिसमें उसके साथ कोई नहीं था। पुलिस ने बताया कि ऑटो चालक की भी पहचान कर ली गई है और फोरेंसिक टीम द्वारा ऑटो की भी जांच की गई है और “फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम को ऑटो-रिक्शा में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। चालक से पूछताछ की गई और उसके सह-यात्रियों से पूछताछ की जाएगी।”

इस मामले में अलवर पुलिस ने फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर इसे रेप नहीं मानने का फैसला किया है। आपको बतादें कि इस मामले में मालाखेड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया है। SP ने कहा, “जब तक हमें लड़की की सीसीटीवी फुटेज मिली है, वह पूरी तरह से दिखाई दे रही है और कोई भी संदिग्ध उसका पीछा करते नहीं दिख रहा है।”  उन्होंने आगे बताया कि आज मेडिकल बोर्ड ऑफ डॉक्टर्स की विशेषज्ञ टीम की रिपोर्ट प्राप्त हुई है और उन्होंने परीक्षण करने के बाद कहा कि योनि या आंतरिक चोट नहीं है।

आपको बता दें कि इस केस में अचानक बदलाव से यह मामला संदिग्ध हो गया है। दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार मानसिक रूप से विक्षिप्त एक 16 वर्षीय लड़की के साथ मंगलवार रात 11 जनवरी को कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसे एक ओवर ब्रिज पर छोड़ दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची को बेहोशी की हालत में पड़ा देख राहगीर एकत्र हो गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। उसकी हालत गंभीर थी, जिसके बाद उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर कर दिया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों को संदेह हुआ है कि हमलावरों ने लड़की के निजी अंगों में कुछ वस्तु डालकर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक रक्तस्राव हुआ था। पुलिस के मुताबिक बच्ची की उम्र करीब 15-16 साल है और उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। माना जा रहा था कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पीड़िता इस समय बेहद डरी हुई है और बोलने की स्थिति में नहीं है।

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इस बीच विपक्ष ने अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा साझा किए गए एक वीडियो के साथ ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, अलवर के कलेक्टर को उन लड़कियों से पूछताछ करते देखा जा सकता है जो बलात्कार के मामले के विरोध में अपने कार्यालय में आई थीं।

 

उन्होंने आगे कहा कि “एक मासूम के साथ हुई क्रूरता के विरोध में आने वाली बेटियों को अलवर के कलेक्टर धमका रहे हैं और उनके पिता का मोबाइल नंबर मांगकर डराने की कोशिश कर रहे हैं। शेखावत ने लिखा “कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस तरह के संवेदनशील मामले को दबाने की कोशिश तभी करेगा जब सरकार से आदेश प्राप्त होगा।

ऐसे मामले की सीमित मीडिया कवरेज बहुत कुछ कहती है।“लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ” कहने वाली प्रियंका वाडरा काँग्रेस शासित राज्यों में ऐसे मामलों पर मुंह फेर लेती है।

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