पाकिस्तान के विरुद्ध भारत और UAE आये साथ

UAE में ड्रोन अटैक करा, पाकिस्तान ने दिया अपनी बर्बादी को न्योता!

UAE के अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) पर ड्रोन टेरर अटैक हुआ है। हमले में तीन लोग मारे गए हैं, जिसमें दो भारतीय नागरिक और एक पाकिस्तानी नागरिक शामिल है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस घटना की खूब आलोचना हो रही है। इस हमलें पर भारत ने कहा है कि वह संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी में कई विस्फोटों को अंजाम देने वालों तक पहुंचने में “हर संभव सहायता” प्रदान करेगा। यमन में हौथी विद्रोहियों द्वारा दावा कर दिया किया गया है कि उन्होंने यह हमला कराया है जिसमें दो भारतीय और एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। विस्फोट “छोटी उड़ने वाली वस्तुओं”, संभवतः ड्रोन के कारण हुआ है, जिससे अबू धाबी के तीन पेट्रोलियम टैंकरों को उड़ा दिया गया।

यूएई ने देश में नागरिक प्रतिष्ठानों और क्षेत्रों को लक्षित करने वाले हौथी आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है और तय किया है कि यह हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

भारत UAE आये साथ-

UAE के विदेश मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “यूएई इन आतंकवादी हमलों और इस पापपूर्ण आपराधिक वृद्धि की जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। UAE इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानूनों के उल्लंघन में हौथी मिलिशिया द्वारा किए गए जघन्य अपराध के रूप में वर्णित करता है।” मंत्रालय ने नागरिकों और नागरिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने वाले इन आतंकवादी कृत्यों की निंदा की। मंत्रालय ने इस आपराधिक हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के परिवारों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।

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संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन कर खाड़ी देश में हुए आतंकी हमले में भारतीय लोगों के मारे जाने पर शोक व्यक्त किया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ट्वीट में बताया, “उन्होंने कल संयुक्त अरब अमीरात में हुए आतंकी हमले में मारे गए भारतीय लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।”संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री ने जयशंकर के साथ हमले का विवरण साझा किया और कहा, “अपनी ओर से, जयशंकर ने कड़े शब्दों में आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस समय काल में, निर्दोष नागरिकों पर इस तरह का हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है और सभी सभ्य मानदंडों के खिलाफ है। विदेश मंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रदान की गई तत्काल सहायता की सराहना की है।”

भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने इस तरह के हमले का सामना करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत की मजबूत एकजुटता से दुनिया को अवगत कराया है। विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अपनी सैद्धांतिक स्थिति को देखते हुए भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यूएई के साथ खड़ा रहेगा।

आपको बताते चलें कि यूएई 2015 की शुरुआत से यमन में युद्ध में है और सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन का एक प्रमुख सदस्य है। यद्यपि संयुक्त अरब अमीरात ने जमीन पर अपने सैनिकों की संख्या में कमी की है लेकिन यह देश सक्रिय रूप से युद्ध में लगा हुआ है और हौथियों से लड़ने वाले प्रमुख मिलिशिया का समर्थन करता है। यह यमन में आतंकवाद विरोधी अभियानों में संयुक्त राज्य अमेरिका का साथी है।

पाकिस्तान के विरुद्ध  भरता UAE आये साथ-

अब सम्भावनाएं हैं कि भारत पर भी ऐसे हमलें हो सकते हैं और यह हमले पाकिस्तान करा सकता है। सशस्त्र ड्रोन से हमले 2020 के अजरबैजान-आर्मेनिया संघर्ष के बाद से खबर बना रहे हैं जिसने पहली बार मानव रहित प्लेटफार्मों की घातक क्षमताओं को दिखाया है।

UAE में भी ड्रोन से हमला हुआ है। भारत भी अपनी मजबूत सुरक्षा के लिए इस प्रकार के सशस्त्र ड्रोन के लिए विश्व स्तरीय उपकरण बना रहा है।

इस बीच खबर आई है कि पाकिस्तान भी अपना काम कर रहा है। यह वही कर रहा है जो वह सबसे अच्छा करता है- सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना। समाचार रिपोर्टों की माने तो भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि पाकिस्तान चीनी ड्रोन खरीद रहा है और भारत में हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए उनका इस्तेमाल करना चाहता है।

साथ ही पाकिस्तान की जासूस एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी समूहों को भी हथियारों से लैश करना चाहती है। खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि पाकिस्तान यूएई की तर्ज पर भारत में ड्रोन हमले करने की योजना बना सकता है।

लेकिन इस सब के बीच एक महत्त्वपूर्ण बात यह भी है कि संयुक्त अरब अमीरात अब भारत के साथ सहयोग करना उचित समझता है। एक समय था जब पाकिस्तान को अपने नापाक कश्मीर एजेंडे में अरब जगत से समर्थन मिलता था लेकिन आज स्थिति थोड़ी अलग है।

बीतें कुछ महीनों में, भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर ने और UAE ने मजबूत व्यापारिक संबंध बनाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। UAE भारत को केंद्र शासित प्रदेश में औद्योगिक पार्कों, सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ जम्मू और कश्मीर को विकसित करने में मदद कर रहा है।

यूएई भारत को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के संकट से दूर रखने में मदद करन चाहता है। सम्भवतः हौथी लड़ाकों को हथियार सप्लाई भी पाकिस्तान ने किया है और अगर आने वाले समय में यह चीज सिद्ध हो जाती है तो भारत और UAE मिलकर पाकिस्तान को तबाह करेंगे।

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