क्या है रॉकेट बॉयज में ख़ास?
- भारत के अन्तरिक्ष मिशन और परमाणु अभियान पर आधारित है रॉकेट बॉयज
- इस वेब सीरज में डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा और डॉक्टर विक्रम साराभाई के योगदानों को केंद्र में रखा गया है
- ऐसी वेब सीरीज और फिल्मों से भारतीय सिनेमा का नेरेटिव बदलने की दिशा में सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं
“साइकिल से लेकर Sewing Machine तक, सब कुछ तो विदेश से आता है। हम इंडिया में कुछ बनाते ही नहीं है, और मैं इसे बदलना चाहता हूँ!”
यह संवाद भारतीय OTT जगत पर एक महत्वपूर्ण बदलाव का परिचायक है, जो सिद्ध करता है कि अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है। सही जगह पर सही कॉन्टेन्ट हमेशा गुणकारी और लाभकारी ही सिद्ध होता है। हाल ही में, Sony LIV पर ‘रॉकेट बॉयज’ नामक वेब सीरीज़ का ट्रेलर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदर्शित हुआ, जो जल्द ही काफी चर्चा में भी आया। अभय पन्नू द्वारा लिखित और निर्देशित यह वेबसीरीज़ भारत के स्पेस एवं परमाणु अभियान के उदय पर आधारित है, जिसमें डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा और डॉक्टर विक्रम साराभाई के योगदानों को केंद्र में रखा गया है। इन दोनों डॉक्टरों की भूमिका निभा रहे हैं, जिम सारभ और इशवाक सिंह। इस सीरीज में जिम, इश्वक के अलावा रजित कपूर और रेजिना भी नजर आएंगी। ये सीरीज 4 फरवरी 2022 को सोनी लिव पर स्ट्रीम होगी।
रॉकेट बॉयज: विक्रम साराभाई और होमी भाभा की कहानी
रॉकेट बॉयज वेब सीरीज़ इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे विक्रम साराभाई और होमी भाभा को अनेक बाधाओं का सामना करते हुए भारत के परमाणु हथियारों और स्पेस आकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना पड़ा। होमी जहांगीर भाभा ने जहां टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेन्टल रिसर्च के माध्यम से भारत के परमाणु अभियान को बढ़ावा दिया, तो वहीं विक्रम साराभाई ने भारत के अंतरिक्ष संबंधी महत्वाकांक्षाओं को ISRO के माध्यम से उड़ान दी।
इस ट्रेलर के अंत में एक ऐसा सरप्राइज़ है, जिसे देखकर आप भी अचंभित हुए बिना रह नहीं पाएंगे। वैसे भी, आर माधवन इसी दिशा में पहले से ही ‘Rocketry’ जैसे बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट के साथ प्रतीक्षारत हैं। उस फिल्म में उन्होंने नंबी नारायणन की भूमिका निभाई है।
अब रॉकेट बॉयज सीरीज़ अंत में कैसे सिद्ध होगी ये तो भविष्य के गर्भ में है। वहीं, इस ट्रेलर से जो आशा की किरण निकली है, वो OTT जगत के लिए एक नए सवेरे का प्रतीक है। भारत असीमित कॉन्टेन्ट यानि रचना का अनंत सागर है, जिसे दुर्भाग्यवश हम कभी सही से उपयोग में नहीं ला पाए हैं, चाहे बॉलीवुड हो या OTT।
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भारतीय सिनेमा का नेरेटिव बदलने का प्रयास
इसी का प्रमाण है कि जहां एक ओर हर प्रकार के संसाधन होने के बाद भी बॉलीवुड दिन प्रतिदिन रचनात्मकता और मौलिकता के क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय फिल्म उद्योग, यहां तक कि हॉलीवुड भी इस खेल में काफी आगे निकल चुका है। लेकिन जहां भगवान एक द्वार बंद करता है, तो दूसरा खोल भी देता है। भारतीय OTT जगत में जो परिवर्तन हो रहा है, वहाँ पर अब केवल वामपंथी कॉन्टेन्ट का एकछत्र राज्य नहीं हो सकता।
पिछले ही वर्ष ‘द फैमिली मैन’ और ‘स्पेशल ऑप्स 1.5’ ने इस क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रूप से ही सही, परंतु काफी महत्वपूर्ण बदलाव किए। हालांकि अभी भी ‘मुंबई डायरीज़’, ‘महारानी’, और ‘द एम्पायर’ जैसे एजेंडाधारी वेब सीरीज़ बन रहे हैं, परंतु उनके मुकाबले ‘तब्बार’, ‘गुल्लक’, ‘द लीजेंड ऑफ हनुमान’, जैसे भी वेब सीरीज़ बन रहे हैं, जो मनोरंजन भी देते हैं, और साथ ही साथ अनावश्यक एजेंडा से भी मुक्त रहेगा। ‘द ग्रेट इंडियन मर्डर’ के साथ अजय देवगन भी OTT प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ रहे हैं, जो कुछ ही समय बाद स्वयं एक नई वेबसीरीज़ ‘रुद्र’ के माध्यम से स्वयं OTT पर पदार्पण भी करेंगे।
एक तरफ मेजर, Rocketry एवं RRR जैसे बहुप्रतिष्ठित बायोपिक से भारतीय सिनेमा का नेरेटिव बदलने की दिशा में सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं, तो वहीं अब Rocket Boys जैसे प्रोजेक्ट (वेब सीरीज) के जरिए देश के वास्तविक नायकों पर भी प्रकाश डाला जाएगा, जिन्हें देश के नकली इतिहासकारों ने अपने स्वामियों की जयजयकार में पीछे छोड़ दिया था।