भारत सरकार देश में खेलों के उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है। न केवल पारंपरिक खेल, बल्कि राष्ट्र उन खेलों में भी हाथ आजमा रहा है जिसके बारे में लोग कम जानते हैं, लेकिन वैसे खेल विश्व मंच पर हावी हैं। इसी तरह नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जनता की प्रतिक्रिया के लिए ‘राष्ट्रीय वायु खेल नीति (NASP)’ का एक मसौदा जारी किया है। मसौदा नीति आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। जिस पर लोग 31 जनवरी 2022, शाम 17:00 बजे तक सुझाव दे सकते हैं। नीति में एरोबेटिक्स, एरोमॉडलिंग, बैलूनिंग, ड्रोन और विंटेज विमान जैसे खेल शामिल होंगे। इन खेलों के सीमित दर्शक और सीमित खिलाड़ी हैं, लेकिन यह नीति इन खेलों को राष्ट्र में विस्तार करने में मदद करेगी।
राष्ट्रीय वायु खेल नीति का मसौदा नीति निर्माताओं, एयर स्पोर्ट्स प्रैक्टिशनर्स और बड़े पैमाने पर जनता से प्राप्त इनपुट के आधार पर तैयार किया गया है। यह एक विकसित और विस्तृत दस्तावेज है। इसे समय-समय पर संशोधित किया जाएगा, ताकि इसकी उपयोगिता और प्रासंगिकता बनी रहे। राष्ट्रीय वायु खेल नीति का उद्देश्य देश के ‘हवाई खेल’ क्षेत्र को सुरक्षित, वहनीय, सुलभ, आनंददायक और टिकाऊ बनाकर बढ़ावा देना है।
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एयर स्पोर्ट्स का हब बन सकता है भारत
भारत की जनसांख्यिकी विविध है। इसका विशाल भौगोलिक विस्तार, विविध स्थलाकृति और उचित मौसम, एयर स्पोर्ट्स के विस्तार के लिए एकदम अनुकूल है। राष्ट्रीय वायु खेल नीति जैसी उचित योजना के साथ भारत हवाई खेलों की दुनिया में अग्रणी देश बन सकता है। एयर स्पोर्ट्स एडवेंचर, स्पोर्ट्स और एविएशन को बांधता है तथा आज का युवा इन तीनों क्षेत्रों की ओर आकर्षित है। भारत में एयर स्पोर्ट्स के विस्तार से यात्रा, पर्यटन, बुनियादी ढांचे और स्थानीय रोजगार के विकास के मामले में विशेष रूप से देश के पहाड़ी क्षेत्रों को कई लाभ होंगे। मुख्य लाभ हवाई खेल गतिविधियों से प्रत्यक्ष राजस्व की प्राप्ति से होगा। धीरे-धीरे देश भर में एयर स्पोर्ट्स हब के निर्माण के साथ यह मसौदा दुनिया भर के कई एयर स्पोर्ट्स पेशेवरों और पर्यटकों के लिए भारत का दरवाजा खोलेगा।
इसलिए भारत सरकार की योजना देश के वायु खेल सेक्टर को सुरक्षित, किफायती, सुलभ, आनंददायक और टिकाऊ बनाकर इसे बढ़ावा देने की है। राष्ट्रीय वायु खेल नीति सरल और पारदर्शी तरीके से इस खेल के प्रणालियों और प्रक्रियाओं को बनाने पर गौर करेगी। साथ ही गुणवत्ता, संरक्षा और संरक्षा और सुरक्षा पर फोकस बढ़ाए जाने की आवश्यकता है और बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और जागरूकता निर्माण में निवेश को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय वायु खेल नीति के मसौदे की मुख्य विशेषताएं
राष्ट्रीय वायु खेल नीति (NASP-2022) में एरोबेटिक्स, एरोमॉडलिंग, शौकिया निर्मित और प्रायोगिक विमान, बैलूनिंग, ड्रोन, ग्लाइडिंग, हैंग ग्लाइडिंग, पैरा ग्लाइडिंग, पैरा मोटरिंग,स्काइ डाइविंग और विंटेज विमान जैसे खेल शामिल हैं। एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (ASFI) को सर्वोच्च शासी निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक हवाई खेल के लिए संघ दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को संभालेंगे। हवाई खेल संघ नियामक और निरीक्षण के संबंध में ASFI के प्रति जवाबदेह होंगे।
एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनेल (AFI) और हवाई खेलों से संबंधित अन्य वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेगा। साथ ही वैश्विक हवाई खेल आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों की अधिक भागीदारी और सफलता को सुगम बनाया जाएगा। वायु खेल उपकरण के घरेलू डिजाइन, विकास और निर्माण को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अनुरूप बढ़ावा दिया जाएगा।
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AFI के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही आयोजित होगी प्रतियोगिताएं
फेडरेशन एरोनॉटिक इंटरनेशनेल (AFI) का मुख्यालय लुसाने, स्विट्जरलैंड में है और यह हवाई खेलों के लिए विश्व शासी निकाय है। भारत में हवाई खेलों की सभी प्रतियोगिताएं AFI द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार आयोजित की जाएगी। नियमित विमान उड़ाने की तुलना में हवाई खेलों में उच्च स्तर का जोखिम शामिल होता है। राष्ट्रीय वायु खेल नीति (NASP-2022) सुरक्षा के मामले में अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। हवाई खेल संघ द्वारा सुरक्षा मानकों को लागू करने में असमर्थता से वित्तीय दंड, निलंबन या बर्खास्तगी सहित ऐसे संघ के खिलाफ ASFI द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
हवाई खेल सेवाएं प्रदान करने वाले सभी व्यक्तियों और संस्थाओं को संबंधित हवाई खेल संघों के सदस्यों के रूप में पंजीकरण करना आवश्यक होगा। हवाई खेलों के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रमुख उपकरण भी संबंधित एयर स्पोर्ट्स एसोसिएशन के साथ पंजीकृत किए जाएंगे। DGCA के DigitalSky प्लेटफॉर्म पर भारत के हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रकाशित किया गया है। नक्शा भारत के पूरे हवाई क्षेत्र को रेड ज़ोन, येलो ज़ोन और ग्रीन ज़ोन में विभाजित करता है। गृह मंत्रालय (MHA), रक्षा मंत्रालय (MOD), राज्य सरकार और स्थानीय हवाई यातायात नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा एक निश्चित स्थान जैसे हिमाचल प्रदेश में बीर-बिलिंग, सिक्किम में गंगटोक, महाराष्ट्र में हडपसर या केरल में वागामोन के आसपास के क्षेत्र हवाई खेलों के लिए ‘नियंत्रण क्षेत्र’ भी घोषित किए जा सकते हैं।