फेसबुक ने Instagram के एक नए संस्करण इंस्टाग्राम किड्स के लॉन्च पर रोक लगा दी है। फेसबुक के ग्लोबल हेड ऑफ सिक्योरिटी एन्टीगोन डेविस को अमेरिकी सांसदों की एक समिति के समक्ष बुलाया गया है। समिति फेसबुक से किशोरों पर सोशल मीडिया ऐप के कारण बढ़ रहे नकारात्मक प्रभाव को लेकर प्रश्न करने वाली है। इंस्टाग्राम के कारण विशेष रुप से किशोर युवतियां नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही है, इसलिए अमेरिकी संसद ने मामले का संज्ञान लिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वॉल स्ट्रीट जर्नल ने फेसबुक की अंतरिम समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर हाल ही में एक विस्तृत रिपोर्ट छापी थी, जिसमें यह बताया गया था कि इंस्टाग्राम के कारण किशोर युवतियों पर क्या-क्या प्रभाव पड़ रहा है। युवतियों में अपनी शारीरिक बनावट व चेहरे को लेकर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे हैं।
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इंस्टाग्राम के कारण लोगों को आते हैं आत्महत्या के विचार
रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वे के दौरान हर तीन में से एक लड़की ने यह बात स्वीकार की है कि इंस्टाग्राम के कारण उसके लिए शारीरिक बनावट की चिंता और कठिन हो गई है। किशोर युवतियों के एक बड़े वर्ग ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें इस एप के कारण एंग्जायटी और डिप्रेशन की शिकायत हो रही है। सर्वे के दौरान 13 फीसदी ब्रिटिश महिलाएं और 6 फीसदी अमेरिकी महिलाओं ने यह भी कहा कि उन्हें आत्महत्या के विचार आते हैं और इसका कारण उन्होंने इंस्टाग्राम को बताया है।
कई उपयोगकर्ताओं ने कहा कि उन्हें इस एप्लीकेशन के प्रयोग के बाद यह महसूस होने लगा है कि वह कम आकर्षक हैं। बहुत सी किशोर युवतियों ने बताया कि इंस्टाग्राम के कारण शारीरिक बनावट को लेकर पैदा हुई चिंताओं की वजह से उनके खान-पान के तरीके में नकारात्मक बदलाव हुए। हालांकि, फेसबुक ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है।
फेसबुक ने अपने बचाव में यह तर्क दिया है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में केवल उन्हीं तथ्यों को तवज्जो दी, जो फेसबुक की छवि के लिए नकारात्मक थे। फेसबुक ने इंस्टाग्राम किड्स कि लांच के पीछे यह तर्क दिया है कि छोटे बच्चे भी आज मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे हैं और ऐसे एप्लीकेशन डाउनलोड कर रहे हैं, जो कम आयु के बच्चों के लिए नहीं है। ऐसे में फेसबुक उन बच्चों की मानसिक अवस्था के अनुरूप एप्लीकेशन बनाना चाहता है।
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युवाओं का भविष्य हो रहा बर्बाद
यह सत्य है कि सोशल मीडिया ने हमारे सामाजिक ढांचे पर व्यापक रूप से सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डाला है। एक ओर सोशल मीडिया ने बहुत से वास्तविक तथ्यों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, दूसरी ओर यह फेक न्यूज के तीव्र प्रसार का माध्यम भी है। एक ओर इसने आम व्यक्ति को अपनी बात रखने के लिए मंच दिया है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक एकता और मेल-मिलाप की संस्कृति को तोड़कर व्यक्तिवाद को बढ़ावा दिया है। यह हो सकता है कि इंस्टाग्राम के बचाव में कई तर्क दिए जाएं, लेकिन किसी भी स्थिति में इस एप्लीकेशन को युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने की छूट नहीं दी जा सकती!
ऐसे में सरकार को इंस्टाग्राम के बारे में जांच बैठानी चाहिए। भारत विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है। भारत की युवा आबादी भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ है। भारतीय युवाओं को इंस्टाग्राम के नकारात्मक प्रभाव से बचाना सरकार की जिम्मेदारी है। भारत सरकार को इंस्टाग्राम के विरुद्ध टिक टॉक जैसी कार्रवाई करने की आवश्यकता पड़े, तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए।