तस्करों का प्रवेश द्वार बना केरल, राज्य सरकार हुई तस्करी रोकने में हुई विफल

केरल बना तस्करों का घर!

केरल तस्करी

केरल के हवाई अड्डे विशेष रूप से कोझीकोड हवाई अड्डा सोने के तस्करों का मुख्य ठिकाना बने हुए हैं। इस साल नवंबर तक केरल राज्य में 232 किलोग्राम का अवैध सोना जब्त किया गया है। देश के इस सबसे साक्षर राज्य में ये हाल तब है जब कोविड प्रतिबंधों के कारण सीमित उड़ान सेवाओं को ही संचालित किया जा रहा हैl इस महीने संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल जब्त किए गए सोने की मात्रा के मामले में कोझीकोड हवाई अड्डा देश में दूसरे स्थान पर है। इस साल नवंबर तक कोझिकोड हवाई अड्डे पर जब्त किया गया सोना 128.170 किलोग्राम था, जो चेन्नई हवाई अड्डे के बाद दूसरा है जहां 130.109 किलोग्राम का सोना जब्त किया गया था। इस साल नवंबर तक कोच्चि हवाईअड्डे पर जहां 62.281 किलोग्राम तस्करी का सोना जब्त किया गया, वहीं कन्नूर हवाईअड्डे पर 28.939 किलोग्राम सोना जब्त किया गया ।

तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर कोरोना महामारी के कारण सोने की जब्ती की घटनाओं में भारी गिरावट देखी जा रही है, इसके बावजूद इस साल नवंबर तक 12.820 किलोग्राम सोना जब्त किया जा चुका है। 2020 में लगभग 300 किलोग्राम सोना बरामद किया गया। एक वरिष्ठ सीमा शुल्क अधिकारी ने कहा- “कोझीकोड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तस्करी की घटनाएं सीमा शुल्क के लिए प्रमुख चिंता का विषय हैं। लॉकडाउन अवधि के दौरान भी, राज्य के अन्य हवाई अड्डों की तुलना में कोझिकोड हवाई अड्डे के माध्यम से तस्करी के सोने का प्रवाह अधिक था।”

पिछले साल तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे से  150 किलोग्राम सोना बरामद किया गया था, तो वहीं इस साल 11 महीनों में हवाई अड्डे पर जब्त की गई सोने मात्रा लगभग 130 किलोग्राम थी। अधिकारी ने कहा, “उत्साहजनक बात यह है कि तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर सोने की जब्ती कम हो रही है। परन्तु, आंकड़ों को देख कर लगता है केरल के अन्य हवाई अड्डे पर तस्करी के मामले बढ़ रहें है।”

केरल के अलावा पड़ोसी राज्यों के हवाई अड्डों पर भी इस साल बड़ी मात्रा में सोना बरामद हुआ है। नवंबर तक पूरे देश में चेन्नई हवाईअड्डे पर सबसे अधिक सोने की तस्करी देखी गई जिसमें 130.11 किलोग्राम सोना जब्त किया गया। त्रिची अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे ने 78.451 किलोग्राम सोना जब्त किया, जबकि कोयंबटूर और मदुरै हवाईअड्डों में क्रमश: 19.131 किलोग्राम और 6.390 किलोग्राम सोना जब्त किया गया।

बेंगलुरु हवाई अड्डे पर 25.602 किलोग्राम और मंगलुरु हवाई अड्डे पर 13.863 किलोग्राम तस्करी का सोना जब्त किया गया। अब 60% से अधिक बरामदगी में मिश्रित सोने की तस्करी सबसे ज्यादा की जाती है। जब सोना मिश्रित रूप में होता है तो उसका पता लगाना बहुत कठिन होता है। सीमा शुल्क ने इस मामले में खुफिया जानकारी जुटाई है जिसके परिणामस्वरूप सोने की तस्करी की कई बरामदगी हुई हैं।

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एक अधिकारी ने कहा, “हमें यह भी संदेह है कि पड़ोसी राज्यों के हवाई अड्डों पर सोने की जब्ती केरल में तस्करी रैकेट से जुड़ी हुई है। हमारे पास केरल में कुछ मामले थे जिनमें तमिलनाडु के हवाई अड्डों पर उतरा सोना रेल और सड़क मार्गों के माध्यम से लाया गया था।”

5 जुलाई, 2020, रविवार को, दिल्ली में उच्चायुक्त के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी और वाणिज्य दूतावास के अधिकारी की उपस्थिति में तस्करी के सोने का खुलासा करने के लिए बैग खोला गया, जिसका वजन लगभग 30 किलोग्राम था। सोने को बाथरूम के उपकरणों से युक्त बैगेज में छुपाया गया था ।

30 जून, 2020 को, एक गुमनाम टिप पर कार्रवाई करते हुए, त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों ने तस्करी के संदेह में दुबई से एक राजनयिक सामान को हिरासत में लिया। पर चूंकि समान राजनयिक का था, अतः इसे छोड़ दिया गया। केरल सोने के तस्करों का घर बन गया है। दुबई से लेकर अन्य खड़ी देशों में सोना करमुक्त है जिस कारण सोने की कीमतें काफी कम है। अतः, एक विशेष समुदाय के लोग दुबई और खाडी देशों से सोने की तस्करी में आगे हैं और मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण साम्यवादी पिनाराई सरकार उन्हें बोलना तो दूर, मदद और करती है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हित के लिए अत्यंत घातक है। केंद्र सरकार को इस संवेदनशील मुद्दे से निपटने के लिए निर्णायक रणनीति बनानी चाहिए।

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