केरल में सोने की तस्करी के बाद अब ड्रग्स तस्करी रैकेट बना चिंता का विषय

ड्रग्स तस्करों का घर बन गया है केरल!

तस्करी केरल

Source- Google

कम्युनिस्ट केरल अब सोने के अलावा ड्रग्स तस्करों का घर बनता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में केरल में नशीले पदार्थों की खपत और तस्करी में भारी वृद्धि देखी गई है, जिसमें विशेष रूप से मेथिलेंडियोक्सी मेथामफेटामाइन (MDMA), LSD और हशीश तेल जैसे सिंथेटिक ड्रग्स शामिल हैं। खबरों के अनुसार केरल में जब्त सिंथेटिक दवाओं का एक बड़ा हिस्सा कर्नाटक, गोवा और तमिलनाडु जैसे स्थानों से लाया गया था, जबकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से गांजा और हशीश तेल की तस्करी हुई थी। स्थानीय खपत के अलावा केरल मुख्य रूप से हवाई अड्डों के माध्यम से मालदीव और श्रीलंका जैसे स्थानों के लिए भी एक पारगमन बिंदु (Transit Point) के रूप में उभरा है। केरल की लंबी तटरेखा नशीले पदार्थों की तस्करी को सुगम बनाती है, जो मछली पकड़ने की आड़ में होती हैं। विशाखापट्टनम के तटीय इलाकों से कोच्चि तक फैले मादक तस्करों का एक नेटवर्क काफी प्रभावशाली है। नशीली दवाओं की तस्करी के लिए पकड़े गए कई लोग कोच्चि से विशाखापत्तनम के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में नशीली दवाओं की तस्करी के आरोपियों के संपर्क में पाए गए हैं।

और पढ़ें: तस्करों का प्रवेश द्वार बना केरल, राज्य सरकार हुई तस्करी रोकने में हुई विफल

केरल में बढ़ी है नशीले पदार्थों की मांग

पिछले कुछ वर्षों में राज्य में कुछ प्रमुख ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिनके आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने वाले अंतरराष्ट्रीय रैकेट के साथ संबंध थे। इस साल की शुरुआत में भारतीय तटरक्षक बल ने एक नाव से लगभग 300 किलोग्राम मादक पदार्थ, पांच AK-47 और गोला-बारूद जब्त किया था। बताया जा रहा था कि नाव ईरान से आई थी और श्रीलंका की ओर जा रही थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ले ली, क्योंकि इसमें आतंकी लिंक शामिल थे। प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि केरल में वर्ष 2016 में शराब की बिक्री पर रोक से भी नशीले पदार्थों की मांग बढ़ने लगी है।

केरल में मादक द्रव्यों के सेवन में यह उछाल प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा दर्ज मामलों की संख्या में भी परिलक्षित होता है। पुलिस से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, राज्य ने वर्ष 2016 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत 5,924 मामले दर्ज किए, जो वर्ष 2019 तक बढ़कर 9,245 हो गए थे। कई रेव पार्टियों में अच्छी पृष्ठभूमि के युवा भी शामिल थे। यहां तक ​​कि केरल सीपीएम नेता कोडियेरी बालकृष्णन के बेटे बिनीश कोडियेरी पर भी बेंगलुरु स्थित ड्रग तस्करी रैकेट के साथ वित्तीय संबंधों के आरोपों का सामना करना पड़ा था।

हाल ही में ऐसे ही एक मामले में कोच्चि (केरल) में एक ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ हुआ और पुलिस ने एक करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है। पुलिस ने दो महिलाओं समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए ड्रग तस्करों में मुहम्मद अजमल, फैसल, मुहम्मद फैबाज, मुहम्मद अफसल, तैयबा, जादूगर और श्रीमन हैं। नशीली दवाओं का धंधा कोच्चि के एक फ्लैट में चलाया जाता था। हाल के घटनाओं में केरल में नशीली दवाओं के व्यापार के लिए गैर-मुसलमानों का उपयोग करने का एक नया पैटर्न अब विकसित हो रहा है। केरल में एक बिशप द्वारा की गई नारकोटिक्स जिहाद की टिप्पणी के बाद एक बड़ा विवाद पैदा हो चुका है। अब इस्लामवादी अपने मादक जिहाद व्यवसाय में गैर-मुसलमानों को शामिल करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

और पढ़ें: केरल में आपका स्वागत है: यौन उत्पीड़न मामले में बिशप फ्रेंको मुलक्कल को मिली जमानत

सोने के तस्करों का ड्रग्स कनेक्शन

इस नए मॉडल के साथ एक नया पैटर्न भी निकल कर सामने आया है। केरल के सोने की तस्करी मामले की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने पिछले साल 28 अगस्त को बेंगलुरु में पकड़े गए एक ड्रग रैकेट के साथ तस्करों के मजबूत संबंध पाए हैं। विवरण के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) से संपर्क किया गया है। पिछले कुछ महीनों में एर्नाकुलम ग्रामीण पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के कई प्रयासों को विफल किया है। उन्होंने 9 नवंबर को अंगमाली के पास करुकुट्टी में दो कारों में 225 किलोग्राम गांजा की तस्करी करने की कोशिश करते हुए एक महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा पिछले साल जून में, 2 किलोग्राम एमडीएमए जब्त किया गया था और चेन्नई के एक मूल निवासी को गिरफ्तार किया गया था, जो ड्रग सौदे का बिचौलिया था।

ड्रग्स के नशे में फंस रहे हैं केरल के युवा

बताते चलें कि मेथिलेंडियोक्सी मेथामफेटामाइन और अन्य सिंथेटिक दवाएं बहुत शक्तिशाली तथा उत्तेजक हैं, जिसका दुष्प्रभाव मानव शरीर पर खतरनाक हैं। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। एनसीबी की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके निरंतर उपयोग से दिल का दौरा, यादाश्त में कमी, मतिभ्रम और दौरे जैसी समस्याएं हो सकती हैं। एक कहावत है- ‘किसी देश को अगर अंदर से खोखला करना है, तो वहां के युवाओं को ड्रग्स की लत लगा दो।’ ध्यान देने वाली बात है कि केरल के पढ़े लिखे युवा ड्रग्स के नशे में फंसते जा रहें है और विजयन सरकार सो रही है। ड्रग्स तस्कर, सोने के तस्कर, आतंकवादी फंडिंग, नारकोटिक्स जिहाद, इस्लामी उन्माद और विजयन सरकार का संरक्षण केरल को एक सुरक्षित पनाहगाह बना देता है, जिसे शीघ्रताशीघ्र तोड़ना अत्यंत आवश्यक है!

और पढ़ें: केरल में चल रहा था पत्नियों की अदला-बदली का घिनौना खेल, अब हुआ गिरोह का पर्दाफाश

Exit mobile version