केसर की खेती – बुवाई, कटाई, खाद, पैदावार से जुड़ी जानकारी

केसर की खेती करते लोग

दरअसल केसर की खेती का प्रोसेस काफी मुश्किल होता है. वहीं बाजार में बिकने वाली डिब्बियों तक आने तक इस केसर के पीछे काफी मेहनत की जाती है. जैसी इसकी कमाई लाखों में है, वैसी ही बाजार में इसके भाव सोने के समान है. केसर का मूल्य अधिक होने के चलते इसे लाल सोना (Red Gold) भी कहा जाता है. केसर का इस्तेमाल अनेक तरह की औषधियों के रुप में भी किया जाता है. केसर का उपयोग खाने की कई तरह की चीजों में किया जाता है. इसके अंदर कई तरह के अत्यंत गुणकारी तत्व मौजूद है. केसर सेहत के लिए काफी लाभदायक है.

केसर की खेती से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी

केसर की खेती कैसे होती है?

केसर की खेती मुख्य रूप से यूरोप और एशियाई भागों में की जाती है. ईरान और स्पेन जैसे यह देश पूरी दुनिया का 80% तक केसर का उत्पादन करते है. यह समुद्र तल से 1000 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है.इसकी खेती के लिए बर्फीले प्रदेशो को अच्छा माना गया है. लगभग 20 डिग्री के तापमान पर इसके पौधे अच्छे से वृद्धि करते है, तथा 10 से 20 डिग्री के तापमान पर इसके पौधे फूल बनने लगते है. इन्ही फूलो में केसर लगता है.

पैदावार काफी कम

केसर की खेती में काफी लंबी दूरी में खेती करने के बाद भी काफी कम मात्रा की पैदावार होती है. अगर हम 5-साढ़े 5 हजार स्कवायरफीट में खेती करेंगे तो सिर्फ 50 ग्राम केसर ही मिल पाएगा. वहीं एक किलो केसर पाने के लिए काफी लंबी जमीन में खेती करनी पड़ती है.

केसर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

रेतीली चिकनी बलुई और दोमट मिट्टी केसर की खेती के लिए अच्छी मानी जाती है. लेकिन आज के समस में इसकी खेती को राजस्थान जैसे शुष्क राज्यों में भी किया जा रहा है. केसर की खेती के लिए जहां पानी भर जाता हो ऐसी जगह नहीं होनी चाहिए. क्योंकि जलभराव के कारण इसके बीज सड़कर नष्ट हो जाते है. इसकी खेती के लिए भूमि का P.H. मान सामान्य होना चाहिए.

15 साल से तक चलता है बीज

15 सालों में एक ही बार केसर के बीज की बुआई करनी होती है.क्योंकि एक बार बीज डाल देने पर हर साल इसमें फूल आ जाते हैं. 15 साल बाद फिर से बीज को निकालना होता हैं. उसके बाद हर बीज में कई बीज और भी बन जाते हैं.

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केसर की उन्नत किस्में

आज के समय में केसर की दो ही किस्मे मौजूद है. यह केसर कश्मीरी और अमेरिकन नाम से जानी जाती है, भारत में अमेरिकन केसर को अधिक मात्रा में उगाया जाता है. केसर की किस्मों की जानकारी इस प्रकार है:-

कश्मीरी मोंगरा केसर 

दुनियाभर में इस केसर की कीमत 3 लाख रूपए प्रति किलो से भी अधिक है.जिसके कारण यह केसर सबसे महंगी केसर मानी जाती है. इसकी खेती जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ और पंपोर में की जाती है. इसके पौधे 20 से 25 सेंटीमीटरऊचाई तक बढ़ते है. लगभग 75 हज़ार फूलों से 450 ग्राम ही केसर प्राप्त होता है.

अमेरिकन केसर American Saffron

इस किस्म के केसर को जम्मू-कश्मीर के अलावा कई जगहों पर किया जा रहा है. इसकी किमत कश्मीरी मोंगरा केसर की तुलना में कम होती है. इसके पौधों को किसी खास तरह की जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है. केसर की यह किस्म राजस्थान जैसी शुष्क क्षेत्रों में उगाई जा रही है. इसके पौधे चार से पांच फिट तक की उचाई तक बढ़ते है.

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केसर की पैदावार

कश्मीरी मोंगरा केसर तक़रीबन 1,50,000 फूलों से एक किलो केसर प्राप्त होती है. जो काफी मेहनत का काम है. वही अमेरिकन केसर की बात करे तो वह इसकी पैदावार से अधिक पैदावार करती है. अमेरिकी केसर एक बीघा खेत में एक किलो तक केसर प्राप्त होता है, किन्तु दोनों के बाजार भाव में काफी अंतर देखने को मिलता है.

कब होती है केसर की खेती?

केसर के बीजों को बारिश का मौसम ख़त्म होने के बाद जुलाई से लेकर सितम्बर माह तक लगा देना चाहिए. अगस्त महीने के शुरुआत में इन बीजों को लगाना सबसे अच्छा माना जाता है. अगस्त के मौसम में बीजों को लगा देने के बाद सर्दियों के शुरुआती मौसम में इसके पौधे केसर देने के लिए तैयार हो जाते है, जिससे ज्यादा सर्दी में केसर के ख़राब होने का खतरा नहीं होता है.

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खेत जुताई का तरीका

केसर की खेती के लिए गहरी तरह से जुताई करनी होती है, तथा खेत को अच्छी तरह से जोतकर उचित मात्रा में उवर्रक मिलाकर खेत को अच्छी तरह से तैयार करना होता है, क्योंकि इसके पौधे एक बार लग जाने पर कई बार फसल देते है.

इसके लिए खेत में गोबर की खाद डालना चाहिए. इसके बाद खेत में पानी लगा दें और जमीन को हल्का सूखने दें. जमीन सूख जाने के बाद उसमे N.P.K. की पर्याप्त मात्रा को मिलाकर रोटावेटर चलवा दे. जिससे खेत बिलकुल समतल और मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी और खेत में जलभराव की समस्या भी नहीं होगी.

तुड़ाई और सुखाई कैसे करे

केसर के पौधे को खेत में रोपने के तीन से चार माह पश्चात केसर देने लायक हो जाते है. पौधों में लगे फूलों पर जब पंखुडिया लाल व भगवा दिखाई देने लगे तब उन्हें तोड़ लें. इसके बाद इन पंखुड़ियों को किसी छायादार स्थान पर सूखा लें.

केसर का मूल्य

कश्मीरी मोंगरा केसर की कीमत तीन लाख के आसपास होती है, वहीं अमेरिकन केसर की बात करे तो केसर की गुणवत्ता के अनुसार 50 हजार से 2 लाख तक के मूल्य में बेचा जाता है. आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा एवं ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमारा ट्विटर पेज फॉलो करें.

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