केरल में चल रहा था पत्नियों की अदला-बदली का घिनौना खेल, अब हुआ गिरोह का पर्दाफाश

कहने को तो देश का सबसे शिक्षित राज्य है केरल !

वाइफ स्वैपिंग रैकेट

Source- TFIPOST

वामपंथियों के गढ़ केरल में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, प्रदेश में एक बड़े वाइफ स्वैपिंग रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें पुलिस को 1000 से अधिक जोड़ो के शामिल होने का अंदेशा है। वाइफ स्वैपिंग का अर्थ होता है, अपनी पत्नी को किसी दूसरे पुरुष के साथ संभोग करने पर मजबूर करना, बदले में दूसरे पुरुष की पत्नी के साथ स्वयं संभोग करना। यह चलन प्रायः यूरोप में था किंतु पश्चिम का यह दोष भारत में विष की तरह फैल रहा है तथा देश का सबसे शिक्षित राज्य और लिबरलों एवं वामपंथियों का कथित मॉडल कहा जाने वाला केरल इस मामले में सबसे आगे है।

केरल पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरा मामला तब सामने आया, जब चंगनासेरी की एक महिला ने कोट्टायम जिले में करुकाचल कस्बे में मामला दर्ज कराया। महिला जो एक गृहणी है, उसने अपने पति के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया कि वो कपल शेयरिंग ग्रुप का हिस्सा है और उसने महिला पर पराए पुरुष के साथ संभोग करने का दबाव बनाया।

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पूरे नेटवर्क का हुआ भंडाफोड़

शिकायत के बाद जब पुलिस ने महिला के पति और उसके मित्र को गिरफ्तार किया, तब पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने कहा कि सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था, 25 से अधिक लोग निगरानी में हैं और अगले कुछ दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस के अनुसार अब तक जितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनका संबंध तीन अलग-अलग जिलों से है। इस कारण पुलिस का अनुमान है कि वाइफ स्वैपिंग रैकेट केवल 3 जिलों तक सीमित न होकर पूरे राज्य में फैला हो सकता है। पुलिस के अनुसार, इसमें 1000 से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “काम करने का तरीका यह है कि पहले टेलीग्राम और मैसेंजर समूहों में शामिल होना होता है तथा फिर दो या तीन जोड़े समय-समय पर मिलते हैं। उसके बाद महिलाओं का आदान-प्रदान किया जाता है और यहां तक ​​​​कि कई मामलों में एक समय में तीन पुरुषों द्वारा एक महिला को साझा किए जाने के भी उदाहरण थे। वाइफ स्वैपिंग रैकेट में पैसों का भी आदान प्रदान हुआ, क्योंकि कुछ सिंगल सदस्यों को, पैसों के बदले शादीशुदा पुरुषों द्वारा अपनी पत्नि को एक दिन के लिए शारीरिक संबंध बनाने हेतु सौंपा गया।”

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दयनीय होती जा रही है केरल की स्थिति

बताते चलें कि केरल पुलिस ने 2019 में कायमकुलम जिले में भी इसी प्रकार के एक ग्रुप का भंडाफोड़ किया था। केरल सरकार द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए कि बार-बार इस प्रकार के समूह कैसे सक्रिय हो जा रहे हैं और इनके पीछे कौन-कौन से असामाजिक तत्व सक्रिय हैं। देश के सबसे शिक्षित राज्य होने का दंभ भरने वाले केरल में सामाजिक कुरीतियां महिलाओं पर अत्याचार के नए आयाम छू रही हैं। कभी उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों पर महिला उत्पीड़न के आरोप लगते थे, लेकिन अब केरल ने इन राज्यों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। देश में सबसे अधिक दहेज केरल में लिया जाता है। महिलाओं की सबसे कम उम्र में शादी केरल में होती है। अब कपल शेयरिंग का चलन बताता है कि देश के सबसे शिक्षित राज्य केरल में महिलाओं को केवल यौन इच्छा की पूर्ति का साधन समझा जाता है।

ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि देश के सबसे शिक्षित राज्य का तमगा अपने पास रखने वाले केरल की स्थिति दिन प्रतिदिन इतनी दयनीय क्यों होती जा रही है। जहां के लोग सबसे ज्यादा पढ़े लिखे हैं, वहां के लोगों की सोच इतनी गई गुजरी कैसे हो सकती है, लोग अपनी संस्कृति और पहचान से विमुख कैसे हो सकते हैं। ध्यान देने वाली बात है कि केरल में कुरीतियां, महिलाओं पर अत्याचार और भ्रष्टाचार के मामले चरम पर हैं। राज्य में क्राइम रेट का ग्राफ काफी ऊपर है, बेरोजगारी दर 40.5% के पार है, इस्लामिक कट्टरपंथ के लिए जन्नत का माहौल है, दहेज जैसी कुप्रथाओं का आज भी बोलबाला है! ऑनर किलिंग के मामले बताते हैं कि प्रदेश में सामाजिक भेदभाव बहुत अधिक है, ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि वामपंथियों ने केरल के पास ऐसा क्या शेष छोड़ा है, जिसपर राज्य गर्व कर सके!

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