- न्यू यॉर्क टाइम्स का भ्रामक लेख
- NYT के प्रोपेगेंडा लेख का हुआ पर्दाफाश
- भारत को नीचा दिखाने में व्यस्त है चीन की कठपुतली
वर्ष 1965 में रिलीज हुई डायरेक्टर यश चोपड़ा की फिल्म ‘वक्त’ में राजकुमार का डायलॉग बहुत प्रसिद्ध हुआ था, “चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के बने होते हैं वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते…” यह डायलॉग आज भी काफी मशहूर है। लगता है कि यह डायलॉग न्यू यॉर्क टाइम्स ने नहीं सुना है। हो तो यह भी सकता है कि न्यू यॉर्क टाइम्स के लिए लिखने वाले करन दीप सिंह ने भी यह डायलॉग नहीं सुना हो। तभी तो एक तरफ अपने राष्ट्र में कोविड महामारी संभल नहीं रही और न्यू यॉर्क टाइम्स को भारत के लोगों की चिंता हो रही है। हुआ यह कि हाल ही में न्यू यॉर्क टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है। उस लेख में बकायदे भारत सरकार और भारतीय जनता की भर्त्सना की गई है तथा भारत सरकार के काम काज के तरीके पर भी सवाल उठाया गया है।
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NYT का प्रोपेगेंडा लेख
न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया कि “पिछले साल भारत में डेल्टा वेरिएंट की वजह से कोविड की घातक लहर कम होने लगी थी, पर भारत में मास्क पहनना भी कम हो गया था।” प्रकाशित रिपोर्ट में भारत के मौजूदा चुनाव को लेकर भी न्यू यॉर्क टाइम्स तंज कसता दिख रहा है। इस मामले में अमेरिकी अखबार ने कहा, “जैसे ही भारतीय शहरों में कोरोनो वायरस के मामले बढ़ने लगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को सतर्क रहने के लिए कहा और वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अन्य उपायों के साथ कर्फ्यू लगा दिया। लेकिन जैसे ही भारत में चुनाव का मौसम आया दोनों दल के नेताओं को उन राज्यों में प्रचार करते देखा गया है, जहां चुनाव होने वाले हैं और उन रैलियों में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ रही है, जिनमें से बहुत से लोग बिना मास्क के हैं।”
न्यू यॉर्क टाइम्स भारत में COVID के मामलों में हुए उछाल को अजीब तरह से प्रदर्शित कर रहा है। वहीं, इस संदर्भ में अमेरिकी अखबार ने कहा, “भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को 179,723 नए कोविड मामलों की सूचना दी, जो मई के बाद से सबसे अधिक है और ओमिक्रोन वेरिएंट के लगभग 410 नए मामलों की पहचान की गई है।”
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आखिर यह कैसा विरोधाभास है? न्यू यॉर्क टाइम्स भारत में मामलों की संख्या को लेकर चिंतित है, जबकि अमेरिका ने खुद सोमवार को 1.35 मिलियन कोरोना के मामले दर्ज किए हैं। रॉयटर्स टैली के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को 13 लाख 50 हजार नए कोरोना वायरस संक्रमणों की सूचना दी है, जो दुनिया के किसी भी देश के लिए उच्चतम दैनिक मामलों से अधिक है, क्योंकि अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रोन संस्करण के प्रसार में धीमा होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है।
यह बीते दिन बुधवार का ही विश्व रिकार्ड है। इससे पहले 3 जनवरी को 1.03 मिलियन मामले सामने आए थे, जो कि अमेरिका में ही था। अमेरिका में मौतें औसतन 1,700 प्रति दिन हैं, जो पहले 1400 के करीब थी। ऐसे में न्यूयॉर्क टाइम्स ने जो किया है उसको पूर्वांचल में कहा जाता है, “फटे तो फटे लेकिन नवाबी ना घटे!” भारत के प्रति न्यू यॉर्क टाइम्स के इस लेख से उसके प्रोपेगेंडा की खतरनाक बू आती है। किसी का स्तर इतना नीचे कैसे गिर सकता है? क्या चीन की इस कठपुतली के पास इतना समय नहीं है कि वह अपने ही देश में बेकाबू हो गए कोविड पर लेख लिख सके और सरकार पर सवाल उठा सके?
NYT के प्रोपेगेंडा की निकली हवा
न्यूयार्क टाइम्स का लेख उसके एजेंडे से भरा हुआ है। लेख में ऐसी कई गलतियां हैं, जिनका जवाब देना आवश्यक है। लेख में बताया गया है कि भारत में टीकाकरण प्रभावित हो रही है या प्रभावित हो सकती है। लेकिन सच्चाई यह है कि भारत वह देश है, जिसने 28 जुलाई 2021 को ही वैक्सीन लगाने के मामले में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उस समय कहा कि भारत अब तक दी गई कोविड वैक्सीन की कुल खुराक के मामले में अमेरिका से आगे निकल गया है। उस समय तक भारत में कुल 32,36,63,297 खुराकें लग गई थी, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने 32,33,27,328 खुराक ही लगे थे। आपको बता दें कि भारत को 100 करोड़ कोविड वैक्सीन खुराक देने में सिर्फ 281 दिन लगे। जिस गति से टीकाकरण किया गया वह अद्वितीय है, क्योंकि भारत को क्रमशः टीबी और पोलियो टीकाकरण के लिए 100 करोड़ के मील के पत्थर तक पहुंचने में क्रमश: 32 साल और 20 साल लग गए थे।
सरकार के अनुसार, भारत में जापान से पांच गुना अधिक, जर्मनी से नौ गुना अधिक और फ्रांस की तुलना में दस गुना अधिक खुराक लग चुके हैं। जहां पहली 10 करोड़ खुराक देने में 85 दिन लगे, वहीं अंतिम 10 करोड़ खुराक को केवल 19 दिनों में पूरा किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 21 जून के बाद से प्रति दिन औसत खुराक बढ़कर 60 लाख हो गई है, जब केंद्र ने वैक्सीन की खरीद और आपूर्ति को संभाला था। पहले यह 18 लाख प्रतिदिन था। कोविड वैक्स के अनुसार, भारत में टीकाकरण की गति सबसे तेज है, देश में प्रति दिन 35 लाख खुराक लगाया जा रहा है, जो अमेरिका से 22 लाख और जापान से 28 लाख अधिक है।
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75 फीसदी से ज्यादा लोगों को लग गया है टीका
लेख में बहुत चतुराई से लिखा है कि लगभग आधे लोगों को वैक्सीन लग गया है। नींद से जागो भैया! भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को घोषणा करते हुए स्पष्ट किया था कि भारत की 61 प्रतिशत से अधिक आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की दोनों खुराक लग गई है। पीएम मोदी ने कहा था कि “भारत की 61 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को टीके की दोनों खुराक मिल चुकी हैं। इसी तरह, लगभग 90 प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन की एक खुराक दी गई है।” उसी दिन उन्होंने 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए भारत के टीकाकरण कार्यक्रम के विस्तार की भी घोषणा की, साथ ही स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के साथ-साथ 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण के लिए एक बूस्टर डोज की बात भी कही थी।
न्यू यॉर्क टाइम्स के लेख में बताया गया कि भारत में बेड की भारी कमी है, जबकि हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि देश में अस्पताल के 7.2 लाख बिस्तर हैं और यह मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। उन्होंने 4.94 लाख ऑक्सीजन समर्थित बेड, 64,000 बाल चिकित्सा बेड, 1.39 लाख आईसीयू बेड और 24,000 बाल चिकित्सा आईसीयू बेड की सूची का भी दावा किया। वरिष्ठ स्वास्थ्य प्रशासकों ने कहा कि केंद्र के आपातकालीन कोविड -19 राहत पैकेज के हिस्से के रूप में, अस्पताल के संसाधनों को अतिरिक्त 96,000 ऑक्सीजन बेड, 20,000 आईसीयू बेड और 9,500 बाल चिकित्सा बेड के माध्यम से भी बढ़ाया जाएगा।
NYT को मिला करारा जवाब
न्यू यॉर्क टाइम्स के इस कारनामें पर सोशल मीडिया पर लोग बिफर पड़े और उसे करारा जवाब भी दिया। ट्विटर यूजर अंशुल सक्सेना ने लिखा, “न्यू यॉर्क टाइम्स ने बताया कि भारत में कोविड के मामले बढ़ने के बावजूद लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। मास्क महत्वपूर्ण हैं। चिंता के लिए धन्यवाद। इसी बीच, US ने वैश्विक रिकॉर्ड तोड़ दिया, 24 घंटों में 1.35 मिलियन कोविड मामले दर्ज किए। संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए NYT द्वारा समान चिंता दिखाने की प्रतीक्षा की जा रही है।”
New York Times (NYT) reported that in India, people are not wearing masks despite Covid cases increasing
Masks are important. Thanks for concern.
Meanwhile, USA shattered global record, reported 1.35 million Covid cases in 24 hours.
Waiting for NYT to show same concern for USA
— Anshul Saxena (@AskAnshul) January 11, 2022
एक दूसरे यूजर ने भी तंज कसा और कहा कि “क्या निरपेक्ष बकवास और पूर्वाग्रह से ग्रसित लेख है! अमेरिका में अधिकांश लोग मास्क नहीं पहनते हैं और टीकाकरण से इनकार करते हैं। एक दिन में 1.4 मिलियन मामले, अमेरिकी सरकार (@POTUS) का दावा है कि वह COVID को नियंत्रित नहीं कर सकता है, वहां रिकार्ड मौतें हो रही हैं और अस्पताल में लोगों की संख्या क्षमता से कही अधिक है लेकिन @nytimes भारत का जिक्र करता है अमेरिका का नहीं।”
What absolute nonsence & prejudiced article. In US most don't wear masks & refuse vaccinations. 1.4 million cases a day, @POTUS claims he cannot control COVID, deaths at record high, hospitals filled beyond capacity.
And @nytimes has the gall to mention India
A Chinese owned rag https://t.co/FjcptjxTaj— Maj Gen Harsha Kakar (@kakar_harsha) January 11, 2022
एक अन्य यूजर ने लिखा, “प्रिय @nytimes, भारत अच्छा कर रहा है। भारत के बारे में चिंता न करें, बल्कि अपने देश अमेरिका पर ध्यान दें, जो हर दिन नए COVID-19 मामलों में विश्व रिकॉर्ड बना रहा है! तो बेहतर है कि रिपोर्ट करें!”
Dear @nytimes , India is doing fine .
Don't worry about India but focus on your own country US that is making world record everyday about new COVID 19 cases !
So better report that ! https://t.co/FeAp1Hvjby— THE BONE DOCTOR OF J&K Dr Vikas Padha🇮🇳 (@DrVikasPadha) January 11, 2022
तो पूरा मामला यह है कि न्यू यॉर्क टाइम्स पूर्वाग्रह से ग्रसित है। वह अपने देश के बजाय भारत पर बिना मतलब का ध्यान दे रहा है और अफवाहें फैला रहा है। भारत को लेकर न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा रिपोर्ट की गई लगभग सारी बातें गलत हैं! भारत पूरी तरह से कोरोना को रोकने में कामयाब रहा है। यहां वैक्सीनेशन की रफ्तार दुनिया में सबसे बेहतर है। ध्यान देने वाली बात है कि भारत अपनी कमजोरियों को जानता है और उसपर काम भी कर रहा है। ऐसे में न्यू यॉर्क टाइम्स के लिए फायदेमंद यही होगा कि वह भारत की चिंता करने के बजाय अमेरिका की चिंता करे!