आपको क्या लगा था? पंजाब में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े नेता के सुरक्षा में चूक हो जाएगा और इससे जुड़े लोग बैठकर आनंद लेते रहेंगे? बिना जवाबी कार्रवाई किए लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे? जी नहीं! ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल, पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ घटित हुई घटना में पंजाब के आलाकमान से जो भी कोई शामिल था, उसे अब हिसाब मिलना शुरू हो गया है। नेताओं की बयानबाजियां बढ़ती जा रही है, राज्य के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपने ही बयानों में घिरते जा रहे हैं। इस घटना के बाद पंजाब सरकार ने आनन-फानन में शनिवार को सात आईपीएस अधिकारियों और दो पीपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। जिसमें फिरोजपुर SSP भी शामिल हैं। वहीं, पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के बाद डीजीपी पर भी एक्शन लिया गया है।
बीते बुधवार को एक बड़ी सुरक्षा चूक के कारण प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में एक फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसे रहे थे। किसान प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले का मार्ग तब अवरुद्ध कर दिया, जब वह पाकिस्तान के साथ हुसैनीवाला सीमा पर राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए जा रहे थे। प्रधानमंत्री के फिरोजपुर में निर्धारित कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया, जिसमें उन्हें 42,750 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की आधारशिला रखनी थी और एक रैली को भी संबोधित करना था। इस घटना के बाद गृह मंत्रालय ने “इस गंभीर सुरक्षा चूक पर संज्ञान लेते हुए” चूक के लिए पंजाब सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी और “इस चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने तथा सख्त कार्रवाई करने” का निर्देश दिया था।
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फिरोजपुर के SSP का हुआ तबादला
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के कुछ दिनों बाद, पंजाब सरकार ने शनिवार को फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के पद पर तैनात हरमनदीप सिंह हंस का तबादला कर दिया है। 2016 बैच के IPS अधिकारी हरमनदीप सिंह हंस को कमांडेंट थर्ड आईआरबी, लुधियाना का कार्य सौंपा गया है। उन्हें स्थानांतरित करने का निर्णय तब लिया गया, जब गृह मंत्रालय (एमएचए) और राज्य द्वारा अलग-अलग जांच पूरी होनी बाकी है।
खबरों के मुताबिक, हंस को हाल ही में एसएसपी के रूप में पदोन्नत किया गया था और पदोन्नति के बाद फिरोजपुर उनकी पहली पोस्टिंग थी। वो पिछले साल अक्टूबर में शामिल हुए थे और सुरक्षा उल्लंघन के बाद तीन महीने के भीतर ही उन्हें हटना भी पड़ गया है। इसके अलावा SSP भटिंडा, अजय मलूजा से MHA द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने कहा था कि उन्होंने बठिंडा के अधिकार क्षेत्र में पीएम के काफिले को सुचारू रूप से चलाने में मदद की है। कुल मिलाकर, 9 अधिकारियों को पीएम सुरक्षा उल्लंघन पंक्ति में स्थानांतरित किया गया है। कई अधिकारियों के पास अतिरिक्त प्रभार थे, जिन्हें अब हटा दिया गया है, क्योंकि एक अधिकारी उस राज्य में दो पदों पर नहीं रह सकता है जहां चुनाव होने तय हैं। सरकारी आदेश के अनुसार, नरिंदर भार्गव नए एसएसपी फिरोजपुर के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
वीरेश कुमार भावरा होंगे पंजाब के नए DGP
वहीं, दूसरी ओर पंजाब सरकार ने 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी वीरेश कुमार भावरा को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। राज्य सरकार के आदेश में कहा गया कि “संघ लोक सेवा आयोग से प्राप्त पैनल के विचार पर, पंजाब के राज्यपाल, श्री वीरेश कुमार भावरा, आईपीएस, को पुलिस महानिदेशक, पंजाब (पुलिस बल के प्रमुख) के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं। उनका कार्यकाल 3 जुलाई, 2018 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसरण में पदभार ग्रहण करने की तिथि से न्यूनतम दो वर्ष की अवधि के लिए होगा।” भावरा ने कार्यवाहक डीजीपी और राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू की पसंद 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की जगह ली।
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चाय की चुस्कियां ले रहे थे पुलिसकर्मी
बताते चलें कि जिस दिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई, उस दिन पुलिसकर्मी आंदोलनकारियों के साथ चाय की चुस्कियां ले रहे थे। दूसरी ओर भारतीय किसान संघ (क्रांतिकारी) के प्रमुख सुरजीत सिंह फूल, जिनकी यूनियन ने फिरोजपुर में सड़क को अवरुद्ध कर दिया था, उन्होंने भी बताया था कि यह एसएसपी फिरोजपुर थे, जिन्होंने उन्हें सूचित किया था कि नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग से आ रहे हैं, लेकिन “हमने सोचा कि यह सड़क खाली करने के लिए एक धोखा था।” हालांकि, अब एसएसपी का तबादला कर दिया गया है, लेकिन जांच तो जारी रहेगी!
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अति सर्वत्र वर्जयेत! किसी की राजनीतिक कुंठा को पूर्ण करने के चक्कर में कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहिए, जो कायदे से बनाये गए नियमों की अनदेखी करता है, क्योंकि सरकार के पास हर मर्ज का इलाज है।