‘सिद्धार्थ और बुल्ली’ जैसे मुद्दे पर बेबाक बोलने वाली स्मृति ईरानी 2014 वाले ‘मूड’ में वापस आ गई हैं

महिला अधिकारों की मुखर समर्थक रही हैं स्मृति ईरानी!

ईरानी स्मृति

भारतीय राजनीति में स्मृति ईरानी की कुशलता का परिणाम ही है, उन्होंने हिंदू धर्म की शाख को बचाने के लिए वामपंथियों से मुकाबला किया। वहीं, अब सिद्धार्थ और बुल्ली कांड पर अपने सीधे विचारों से स्मृति ईरानी ने कड़ा प्रहार किया है। दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस के ई-अड्डा कार्यक्रम के दौरान भारत की महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इंटरनेट पर चल रही महिला विरोधी गतिविधियों की स्पष्ट रूप से निंदा की।

उन्होंने राजनेताओं से महिलाओं के सम्मान और अखंडता की रक्षा के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा “मैं इस मंच का उपयोग यह कहने के लिए करना चाहती हूं कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर, राजनीति को छोड़, हमें एक साथ आने की जरूरत है।” द इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के कार्यकारी निदेशक अनंत गोयनका और द इंडियन एक्सप्रेस की नेशनल ओपिनियन एडिटर वंदिता मिश्रा से बात करते हुए, श्रीमती ईरानी ने बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल पर अभद्र टिपण्णी करने के लिए अभिनेता सिद्धार्थ को फटकार लगाई।

और पढ़ें: भारत को रेप कैपिटल बोलना राहुल को पड़ा भारी, स्मृति ईरानी और अन्य महिला सांसदों ने जमकर धोया

महिलाओं की गरिमा को लेकर ईरानी के बोल

वहीं, जब एंकर ने उनसे ऐप के माध्यम से एक विशिष्ट धर्म (इस्लाम) की महिलाओं को निशाना बनाने के बारे में पूछा, तो ईरानी ने स्पष्ट रूप से धार्मिक एंगल पर बात करने से इनकार कर दिया। इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, “महिलाओं को, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी गरिमा से वंचित किया गया है। मैं आभारी हूं कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि जो लोग दोषी हैं उसे सज़ा मिलेगी।” 

ईरानी ने कहा, “क्या महिलाओं को केवल एक ऐप के माध्यम से स्पष्ट रूप से आपत्तियां मिलती हैं? नहीं, उन्होंने आगे कहा कि एक तथाकथित लोकप्रिय अभिनेता द्वारा देश को सम्मान प्रदान करने वाली साइना नेहवाल को उनकी राजनीतिक सोंच के लिए अपमानित किया गया ,क्या यह सही है? सुश्री नेहवाल के बारे में जो बोला गया वह अपमानित और आपत्तिजनक था। क्या ऐसे लोगों को भी न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए?”

श्रीमती स्मृति ईरानी का साक्षात्कार काफी विस्तृत और खुलासा करने वाला था। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के कल्याण से संबंधित लगभग हर मुद्दे पर जवाब दिया। उन्होंने इस साक्षात्कार में बताया कि वर्तमान में भारत में सात लाख यौन उत्पीड़न के आरोपी हैं। उन्होंने इस अफवाह को खारिज कर दिया कि विवाह के लिए कानूनी उम्र बढ़ाने के बाद विवाह को अपराध घोषित कर दिया जाएगा। ईरानी ने इस संदर्भ में कहा, “मुझे लगता है कि यह सबसे बड़ी अफवाहों में से एक है जिसे फैलाया जा रहा है। जो लोग महिलाओं को समानता के अधिकार से वंचित करना चाहते हैं, वे इस झूठ का प्रचार कर रहे हैं।”

महिला अधिकारों की मुखर समर्थक रही हैं स्मृति ईरानी

उन्होंने आगे कहा, “एक महिला के लिए एक पुरुष के समान विवाह करने का अधिकार कैसे आपराधिक है?” उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए विभिन्न NFHS डेटा का भी हवाला दिया। मुस्लिम उत्पीड़न प्रचार (बुली बाई कांड) के मामले में उन्होंने स्पष्ट किया कि इंटरनेट पर महिलाओं को परेशान करने से पहले लोग धर्म नहीं देखते हैं। आपको ज्ञात हो कि स्मृति ईरानी हमेशा से महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों की मुखर समर्थक रही हैं। बता दें कि 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले को लेकर महिलाओं ने उनका लगातार समर्थन किया, जिसके बाद राजनीतिक परिवेश में उनका प्रभाव भी बढ़ा। परिणामस्वरूप, वह 2014 के चुनावों में भाजपा की प्रसिद्द महिला चेहरे के रूप में उभरीं।

और पढ़ें: स्मृति ईरानी ने आज वो कर दिखाया जो गांधी परिवार पिछले 2 दशकों से नहीं कर पाया

आपको बता दें कि 2019 में, उन्होंने कांग्रेस का गढ़ रहे अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से राहुल गांधी को हराया। उन्होंने दिखाया कि वास्तव में यह राष्ट्रवादी ताकतें हैं, जो सही मायने में महिलाओं की गरिमा को बनाए रखना जानती हैं। ध्यान देने योग्य है कि समाज के हर वर्ग की महिलाएं साइबर बुलिंग की शिकार होती हैं। जब भी इंटरनेट पर लोग महिलाओं के खिलाफ तार्किक रूप से गलत बोलते हैं, तब वे व्यक्तिगत हमलों का सहारा लेते हैं। ऐसे में, स्मृति ईरानी ने स्पष्ट कर दिया है कि महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के मामले वह वर्ष 2014 से राजनीति में आने के बाद हमेशा से मुखर रही हैं और आगे भी रहेगीं।

Exit mobile version