सिक्किम की जलवायु – प्रत्येक मौसम का संक्षिप्त वर्णन

सिक्किम की संस्कृति

सिक्किम अपनी खूबसूरती के कारण जाना जाता है.यह 16 मई, 1975 को आधिकारिक रूप से भारत का हिस्सा बना था. सुंदर पहाड़ों, गहरी घाटियों और जैव विविधता से भरपूर सिक्किम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.सिक्किम बेसिन तिस्ता और उसकी सहायक नदियों, जैसे रंगित, रोंगनीचू, तालुंग व लाछुंग से अपवाहित है. इन नदियों ने पहाड़ों को काटकर गहरी घाटियों का निर्माण किया है. दक्षिण में लगभग उष्णकटिबंधीय जलवायु से लेकर उत्तर से पर्वतीय जलवायु तक सिक्किम की जलवायु में भिन्न है.

ऊँचाई व खुलेपन पर निर्भर सालाना वर्षा 1,270 से 5,080 मिमी तक होती है. ज़्यादातर बारिश दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (मई-जून) के दौरान होती है. भारी वर्षा के कारण यहाँ अक्सर भूस्खलन और हिमस्खलन जैसी विनाशकारी घटनाएँ होती है. भारत से ऑर्किड का सबसे ज़्यादा निर्यात सिक्किम से ही किया जाता है. सिक्किम की जलवायु ऑर्किड एवं अन्य फूलों के लिये बहुत ही उपयुक्त मानी जाती है.

सिक्किम की जलवायु गर्मी के दौरान अप्रैल से जून तक

अगर आप गर्मी में कहीं घूमने की प्लान बना रहें है तो गर्मी के मौसम में सिक्किम जाना अच्छा रहेगा. क्योंकि इस मौसम के दौरान तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस तक रहता देता है. दिन में भले ही गर्म का अहसास होता हो, लेकिन यहां गर्मी में रातें बहुत ठंडी होती हैं. इसलिए यदि यहां जाएं तो अपने साथ रात को पहनने के लिए गर्म कपड़े लेकर जरूर जाएं. गर्मी के मौसम में आप सिक्किम की गुरुडोंगमर झील, यमथांग घाटी और रमटेक मठ एवं अन्य स्थान घूम सकते हैं.

सिक्किम की जलवायु मॉनसून के दौरान-जुलाई से सितंबर तक

सिक्किम अधिक वर्षा वाला क्षेत्र है. इससे तापमान में काफी गिरावट आ जाती है. इस दौरान तापमान 4-15 डिग्री सेल्सियस रहता है. मानसून के मौसम में यहां भूस्खलन का खतरा रहता है.

सिक्किम की जलवायु अक्टूबर से मार्च तक

अगर आप बर्फबारी का आनंद उठाना चाहते हैं तो आपको सर्दी में सिक्किम जाना चाहिए. सिक्किम घूमने के लिए सर्दी का मौसम भी बहुत अच्छा है. इस सीजन में तापमान -5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 7 डिग्री सेल्सियस तक रहता है.

सिक्किम की जलवायु

सिक्किम भारत के उन कुछ राज्यों में से एक है जहाँ नियमित बर्फबारी होती है. मानसून के महीनों के दौरान, राज्य में भारी वर्षा होती है, जिससे भूस्खलन की संख्या बढ़ जाती है. राज्य में ग्यारह दिनों तक लगातार न रुकने वाली सबसे लंबी बारिश का रिकॉर्ड है.

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सिक्किम का जंगल

सिक्किम में, पूरी भौगोलिक भूमि का 81 प्रतिशत हिस्सा सिक्किम के वन विभाग के नियंत्रण में है. ट्रीफ़र्न्स की 8 प्रजातियों के साथ, बम्बोस की 20 प्रजातियाँ, ओक की 11 प्रजातियाँ, फ़र्न की 300 प्रजातियाँ, प्राइमल्स की 40 प्रजातियाँ, और फूलों के पौधों की 400 प्रजातियाँ, सिक्किम में वन निश्चित रूप से `गॉड्स` के बहुत से उदाहरण हैं.

खेती

यह ध्यान देने योग्य बात है कि सिक्किम की कुल भूमि का केवल 12 प्रतिशत ही कृषि योग्य है, जबकि राज्य की 65 प्रतिशत जनसंख्या रोजीरोटी के लिए खेती पर ही निर्भर है. सिक्किम की खेती मूलत: वर्षा आधारित है, केवल 15 प्रतिशत इलाके में ही सिंचाई सुविधाएं हैं. पश्चिमी सिक्किम और दक्षिणी सिक्किम जिले बारिश छाया क्षेत्र में पड़ते हैं और सूखा प्रवण इलाके हैं. सिक्किम राज्य की पर्यावरण रिपोर्ट 2016 के मुताबिक, “सिक्किम की अर्थव्यवस्था में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों का योगदान कम होता जा रहा है. कुल किसानों की आबादी में भी गिरावट आई है.”

सिक्किम के किसानों को डर है कि कहीं बदलती जलवायु की वजह से उन्हें खेती न छोड़नी पड़ जाए.अत: ऐसा भी नहीं है कि राज्य सरकार को सिक्किम की खेती पर जलवायु परिवर्तन या क्लाइमेटचेंज के दुष्प्रभावों की जानकारी नहीं है. अंतत:, जनवरी 2016 में सिक्किम को पूरी तरह से ऑर्गेनिक या जैविक राज्य घोषित कर दिया गया. सिक्किम पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा पाने वाला देश में पहला राज्य था. राज्य सरकार का दावा है कि पिछले कुछ समय में प्रदेश की लगभग 76,000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर जैविक खेती की जा रही है.

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