सोनू सूद की बहन मालविका पंजाब कांग्रेस से लड़ेंगी 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव

सत्ता का चक्कर बाबू भैया..सत्ता का चक्कर!

सोनू सूद की बहन

देश में कोरोना वायरस के फैलाव के समय बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद लोगों की मदद के लिए आगे आए तो उन्हें सभी की ओर से प्रशंसा मिली। हालांकि, कुछ ही समय में सोनू सूद स्वयं को मसीहा घोषित कर बैठे और मदद के सहारे अपनी छवि चमकाने में लग गए। उनके लिए जनसेवा केवल एक बहाना था क्योंकि सोनू सूद राजनीति में प्रवेश करना चाहते थे। इसी क्रम में सोनू सूद स्वयं राजनीति में प्रवेश करने की बजाए अपनी बहन मालविका सूद सच्चर को राजनीति मैदान में उतार रहे हैं।

सोनू सूद की बहन ने की राजनीति में एंट्री 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद सच्चर कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 का ऐलान होने के बाद सोनू सूद की बहन ने बीते शनिवार देर शाम कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली, जिसके बाद से माना जा रहा है कि वह मोगा से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार होंगी। मालविका के कांग्रेस में शामिल होने की पुष्टि कांग्रेस के जिला प्रभारी कमलजीत सिंह बराड़ ने की। वहीं, कुछ समय पहले ही सोनू सूद ने अपनी बहन के राजनीति में एंट्री का ऐलान किया था।

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बता दें कि मालविका और सोनू सूद अपने दिवंगत माता-पिता सरोज बाला सूद एवं शक्ति सागर सूद की स्मृति में सूद फाउंडेशन चलाते हैं। मालविका के पति भी इसी फाउंडेशन से जुड़े हैं और दोनों मिलकर इस फाउंडेशन के चैरिटी का कार्य देखते हैं। स्थानीय स्तर पर समाज सेवा के क्षेत्र में Sood फाउंडेशन की अच्छी छवि है। लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि अगर सोनू सूद को अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति करनी थी, तो उन्हें पहले ही यह बता देना चाहिए था।

अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति चाहते थे सोनू सूद

सोनू सूद को चैरिटी देने वाले लोगों में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो कांग्रेसी नहीं है। ऐसे में, कयास लगाया जा रहा है कि उनके द्वारा दी गई धनराशि का प्रयोग करके सोनू सूद फाउंडेशन समाज सेवा के साथ अब कांग्रेस के राजनीतिक स्वरुप को भी मजबूत करेगा। बताते चलें कि मालविका सूद ने कांग्रेस में शामिल होने से पहले अन्य दलों से भी संपर्क साधा था।

वहीं, सोनू सूद इस क्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मिले फिर उनकी मुलाकात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हुई और उसके बाद उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साथ भी मुलाकात की। लिहाजा, सभी विकल्पों पर विचार करने के बाद सोनू सूद ने शुद्ध राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए कांग्रेस का दामन थामा।

मालूम हो कि सोनू सूद पर वित्तीय अनियमितताओं में संलिप्त होने का आरोप लगा था, जिसके कारण आयकर विभाग ने सोनू सूद से जुड़े ठिकानों पर सर्वे किया था। तीन दिनों तक निरीक्षण करने के बाद यह सामने आया कि सोनू सूद ने 20 करोड़ की कर चोरी की है। टैक्स चोरी और अपनी छवि चमकाने के लिए किया गया PR स्टंट वहीं अब लोगों से दान लेकर राजनीति करना सोनू सूद की पहचान में एक नए पहलू जोड़ेगा।

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हालांकि, इससे स्पष्ट होता है कि सोनू सूद के सारे सामाजिक कार्य उनके वृहत्तर राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए ही थे। लेकिन आम जनता को इस प्रकरण से यही सीख लेनी चाहिए कि किसी भी व्यक्ति को अत्यधिक सम्मान देने से पूर्व यह तय करना आवश्यक होता है कि वह सम्मान के योग्य है अथवा नहीं।

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