Startup India और Make In India अभियान से 2022 में रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

भारत का अभियान, रोजगार सृजन में रचेगा कीर्तिमान!

स्टार्टअप भारत
मुख्य बिंदु

वुहान वायरस के फैलाव के दौरान जब वैश्विक अर्थव्यवस्था ठप पड़ी हुई थी तब भारत में विदेशी निवेश तेजी से उभर रहा था। इस निवेश से भारत की स्टार्टअप कंपनियों को फायदा पहुंचा, जिसका प्रयोग कर यह कंपनियां अपने व्यापार और सुविधाओं का विस्तार कर रही हैं। इसका प्रत्यक्ष असर वर्ष 2022 में देखने को मिलेगा। भारत की स्टार्टअप कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करेंगी। यह हम नहीं Michael Page India and Thailand के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक और आर्थिक मामलों के जानकार निकोलस डमोलिन ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कही है।

StartUp और Make In India से बढ़ेगा रोजगार

उन्होंने कहा है कि बढ़ी हुई व्यावसायिक गतिविधि से मध्य और कनिष्ठ स्तर के दोनों स्तरों पर विस्तार और वृद्धि होगी, जबकि वेतन वृद्धि इस वर्ष 10% से अधिक होगी। अर्थात इस वर्ष कंपनियों में उच्च अधिकारियों की नियुक्ति के साथ ही मध्यम श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति बढ़ने वाली है और पूर्व में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन में भी वृद्धि होने वाली है।

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उन्होंने वर्ष 2021 में रोजगार के विस्तार को रेखांकित करते हुए बताया कि “2021 में कमर्चारियों की हायरिंग 2020 की तुलना में काफी अलग रही है। बाजार में CXO स्तर की हायरिंग में 80-100% और मध्य-स्तर पर 40-50% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।” बता दें कि CXO स्तर पर दी जाने वाली नौकरी से तात्पर्य CEO स्तर की नौकरियों से है। इनमें 80 से 100% की बढ़ोतरी बताती है कि पिछले 1 वर्ष में भारत की व्यवसायिक कंपनियों ने उल्लेखनीय विस्तार किया है।

कोरोना वायरस के फैलाव ने हमारी कार्यपद्धती को ऑनलाइन माध्यमों पर निर्भर कर दिया है। इस कारण इंटरनेट टेक्नोलॉजी की मांग तेजी से बढ़ी है, जिसका असर IT कंपनियों में रोजगार के विस्तार के रूप में देखने को मिला है। निकोलस डमोलिन ने कहा, “हम यहां प्रौद्योगिकी क्षेत्र को आसानी से पहचान सकते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में मांग बढ़ने से हायरिंग बढ़ गई है।  हेल्थकेयर, कंज्यूमर टेक, एडटेक, फिनटेक, आईटीईएस, मैन्युफैक्चरिंग, इंडस्ट्रियल आदि जैसे अन्य क्षेत्रों में भी हायरिंग में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है।”

IT सेक्टर के विस्तार के लिए कमर कस रही है सरकार 

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी रोजगार सृजन बड़े पैमाने पर होगा क्योंकि हर कंपनी यह समझ रही है कि बाजार में प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ गई है, ऐसे में यदि वह क्षमतावान लोगों को पहले नौकरी नहीं देंगे तो यह टैलेंट दूसरी कंपनियों के पास चला जाएगा। इसी दृष्टिकोण के कारण हर कंपनी बड़े पैमाने पर रोजगार देगी। वहीं, सरकार द्वारा Make In India को बढ़ावा देने के कारण मैन्युफैक्चरिंग (भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों दोनों) क्षेत्र के हायरिंग में भी वृद्धि होगी। बता दें कि Make In India स्वदेशी अभियान है, जिसमें अर्थव्यवस्था के कम से कम 25 क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस योजना का एकमात्र मकसद भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलना है।

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मालूम हो कि वर्ष 2021 में भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को 36 बिलियन डॉलर की विदेशी और देसी फंडिंग प्राप्त हुई है। वहीं, टेक्नोलॉजी क्षेत्र का विस्तार तेजी से हो रहा है। टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग के कारण ही भारत सरकार को घरेलू स्तर पर सेमीकंडक्टर के उत्पादन को बढ़ावा देने का निर्णय करना पड़ा है। सेमीकंडक्टर लैपटॉप से लेकर मोबाइल फोन तक हर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का सबसे आवश्यक अवयव होता है। यदि भारत सेमीकंडक्टर के मामले में आत्मनिर्भर बनना चाहता है, तो यह बात स्वतः प्रमाण है कि सरकार अगले 10 वर्षों में टेक्नोलॉजी सेक्टर के विस्तार के लिए कमर कस रही है। अगले 10 वर्षों में ई-कॉमर्स से लेकर एग्रीटेक तक सभी क्षेत्रों में तकनीकी विकास होगा। ऐसे में, IT में बढ़ती नौकरियां, भारत के अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार सृजन का कारण बनेंगी और इसका सकारात्मक प्रभाव सेवा क्षेत्र से लेकर इंडस्ट्री तक, सभी जगह पड़ेगा।

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