सुशील कुमार रिंग में एक आक्रमक खिलाड़ी और वास्तविक जीवन में एक शैतान हैं

क्या से क्या हो गए देखते-देखते!

सुशील कुमार हत्या
मुख्य बिंदु

भारत में कुश्ती की एक अलग शैली है। इसे पहलवानी भी कहा जाता है, जो कुश्ती को एक जीवन शैली और एक अवधारणा के रूप में परिभाषित करता है। भारत में कुश्ती के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम सुशील कुमार का है, जिन्होंने देश के लिए 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक और 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता और वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने। वहीं, सुशील कुमार का जीवन उनकी उपलब्धि के साथ-साथ कई कुकृत्य से भी लिप्त है। दरअसल, सुशील कुमार को सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था।

सुशील कुमार पर है हत्या का आरोप

सुशील कुमार लगभग एक दशक पहले भारतीय खेल प्रेमियों में बहुत लोकप्रिय थे। आपको बता दें कि मई 2021 में, जब सुशील कुमार को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था तब इससे अधिकांश भारतीय खेल प्रशंसकों को बहुत धक्का पहुंचा था। वहीं, सुशील और कुछ अन्य लोगों पर दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के बाहर हुए विवाद में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या का आरोप का लगा था। लड़ाई के परिणामस्वरूप धनखड़ की मौत हो गई और सुशील घटना के बाद से फरार था। वहीं, इस मामले की जांचकर रही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के हरिनगर इलाके से 24 मई को सुशील कुमार को गिरफ्तार किया।

इसी क्रम में, सुशील कुमार ने अपने कुकृत्यों को जारी रखते हुए, जब छत्रसाल स्टेडियम पहुंचे तो कुछ कुत्ते उनपर भौंकने लगे। इसके बाद सुशील कुमार ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से उन पर गोली चला दी। उनके इस कुकृत्य का खुलासा सागर धनकड़ हत्याकांड के सहारोपी राहुल ने पुलिस के समकक्ष किया।

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राष्ट्रीय नायक से खलनायक में बनने की कहानी

राहुल ने अपने बयान में कहा, “सुशील और मेरे साथ एक और साथी था। हम लोग जब स्‍टेडियम पहुँचे तो देखा कि वहाँ कुछ कोच और पहलवान मौजूद हैं। जैसे हम आए कुछ कुत्ते सुशील को देख भौंकने लगे। सुशील उस वक्‍त बेहद गुस्‍से में था, उसने कुत्‍तों पर गोलियाँ चला दी। इसके बाद सुशील ने पहलवानों को वहाँ से निकलने के लिए बोला तो विकास नाम के एक रेसलर ने उससे पूछा- पहलवान जी क्‍या हुआ? इसके बाद सुशील ने विकास पर हमला किया और उसका फोन छीनकर उसके पीछा भागा।”

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ऐसे में, सुशील कुमार की कहानी बहुत ही दिलचस्प रही है। पहले तो उन्होंने गरीबी से निकलकर देश का मान बढ़ाया और फिर हत्या के आरोप में उन्होंने जेल की सलाखों में बंद होना पड़ा। सुशील कुमार पर एक गंभीर अपराध का मुकदमा चल रहा है और उनकी आगे की ज़िंदगी का फैसला अदालत तय करेगी पर इस बात से पीड़ा होती है कि जो व्यक्ति देश के लिए विश्व चैम्पियनशिप और ओलंपिक पदक लाता था, आज उसी व्यक्ति की पहचान एक धूर्त और क्रूर अपराधी के तौर पर उजागर हुई है। जो अपनी अकड़ में कुछ भी कर सकता है। यह एक राष्ट्रीय नायक के अचानक खलनायक में बदल जाने की कहानी है।

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