मुख्य बिंदु
- IPL से बाहर हुई चीनी कंपनी VIVO अब TATA करेगा IPL को स्पॉन्सर
- सेमीकंडक्टर चिप्स बनाने के लिए TATA ने ताइवान से मिलाया हाथ
- TATA के बढ़ते वैश्विक प्रभाव के बल पर चीन को आर्थिक मोर्चे पर पछाड़ रहा है भारत
भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय रिश्ते पिछले कुछ समय से अपने निचले स्तर पर हैं। भारत गलवान की घटना के बाद से चीन को हर एक मोर्चे पर पछाड़ने की कोशिश कर रहा है। चीन को आर्थिक चोट देने के लिए भारत ने पहले ही कई प्रसिद्ध चीनी सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबन्ध लगा चुका है। वहीं, भारत में सबसे प्रसिद्ध क्रिकेट टूर्नामेंट IPL की स्पॉन्सर रही चीनी मोबाइल कंपनी VIVO को भारत ने आगामी IPL 2022 के समायोजन से पहले ही भारतीय बाज़ार से खदेड़ दिया है।
IPL की स्पॉन्सरशिप से VIVO आउट और TATA इन
दरअसल, हाल ही में TATA समूह ने वर्ष 2022 के सीज़न के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के स्पॉन्सर के रूप में VIVO की जगह ली है। आपको बता दें कि मंगलवार को IPL Governing Council की बैठक में स्पॉन्सरशिप में बदलाव पर फैसला लिया गया। दरअसल, देश में चीन को लेकर विरोध बढ़ने के कारण VIVO ने 2020 में IPL स्पॉन्सरशिप से हाथ खींच लिया था, जिसके बाद ड्रीम-11 IPL 2020 का टाइटल स्पॉन्सर बना था।
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गौरतलब है कि VIVO और BCCI ने 2018 में IPL के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 2200 करोड़ रुपये का करार किया था और ये समझौता IPL 2023 के बाद समाप्त होना था, लेकिन अब दोनों पक्ष समय से पहले अलग हो रहे हैं। इस अनुबंध को लेकर BCCI सचिव जय शाह ने कहा, “यह वास्तव में IPL के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि TATA समूह वैश्विक भारतीय समूह है, जिसका 100 साल से अधिक पुरानी विरासत है और छह महाद्वीपों में 100 से अधिक देशों में संचालन है।
TATA समूह की तरह BCCI अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार भी क्रिकेट की भावना को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है और वैश्विक खेल फ्रेंचाइजी के रूप में IPL की बढ़ती लोकप्रियता BCCI के प्रयासों का प्रमाण है। जय शाह ने आगे कहा “हम वास्तव में खुश हैं कि भारत के सबसे बड़े और सबसे भरोसेमंद व्यापारिक समूहों ने IPL की विकास गाथा में विश्वास किया है और TATA समूह के साथ मिलकर हम भारतीय क्रिकेट और IPL को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने की कोशिश करेंगे।” IPL के चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा, “हां, TATA ग्रुप IPL टाइटल स्पॉन्सर के तौर पर आ रहा है।”
TATA करेगा स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप का निर्माण
इसी क्रम में TATA समूह कथित तौर पर अपनी 300 मिलियन डॉलर की सेमीकंडक्टर चिप बनाने वाली इकाई परियोजना के लिए ताइवान सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय फर्मों के साथ चर्चा कर रहा है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, TATA ने सेमीकंडक्टर चिप के लिए ताइवान स्थित ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी (TSMC) और यूनाइटेड माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन (UMC) के साथ संभावित गठजोड़ किया है। TATA समूह इन दोनों कंपनियों के साथ मिलकर भारत में ही स्वदेशी सेमीकंडक्टर के निर्माण की योजना बना रहा है।
बताते चलें कि अब तक, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना को संयंत्र के लिए संभावित स्थानों के रूप में पहचाना गया है और TATA का लक्ष्य 2022 के अंत तक इसे तैयार करना है। फिच सॉल्यूशंस ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा था कि ताइवान स्थित TSMC जैसे सेमीकंडक्टर फाउंड्री से परिष्कृत सिलिकॉन वेफर्स की सोर्सिंग के बाद यह सुविधा सेमीकंडक्टर चिप्स को असेंबल और टेस्ट करेगी। हालांकि, भारत सरकार प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के द्वारा भी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना पर कार्य कर रही है।
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ऐसे में, देश के सबसे बड़े व्यापारिक समूह TATA ग्रुप देश की तरफ से चीन को आर्थिक मोर्चे पर झटके देने के लिए उसके चिर-प्रतिद्वंदी ताइवान से हाथ मिला चुका है। वहीं, चीन पर वैश्विक दबाव बढ़ गया है और चीन अंदर ही अंदर ये सोचने में लगा है कि भारत से पंगा लेकर उसने कहीं सबसे बड़ी भूल तो नहीं कर दी।