मुख्य बिंदु
- मौलाना तौकीर रजा खान का अभद्र बयान, कहा “जो बाटला हाउस में मरे वो आतंकी नहीं शहीद थे”
- 20 लाख मुसलमानों की भीड़ को संबोधित करते हुए, कट्टरपंथी इस्लामवादी ने भारत में हिंदुओं को खुलेआम दी थी धमकी
- कांग्रेस ने मौलाना तौकीर रजा खान के साथ 2009 में किया था गठबंधन
इत्तिहाद-ए-मिल्लत परिषद पार्टी के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने बुधवार को कहा कि बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों को ‘शहीद’ का दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2009 में सत्ता में आने के बाद मामले की जांच का वादा किया था। उन्होंने कहा, “अगर जांच होती तो पूरी दुनिया को पता होता कि आतंकवादियों के रूप में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।”
खान ने खुलासा किया कि उन्हें कांग्रेस पार्टी के साथ लंबे समय से समस्या थी और उन्होंने 2009 में केवल बाटला हाउस मामले की जांच के लिए कोंग्रस समर्थन किया था। उन्होंने कहा, “2009 के चुनावों के दौरान, कांग्रेस ने मुझसे कहा था कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो वे बाटला हाउस मुठभेड़ की जांच करेंगे लेकिन उन्होंने जांच नहीं किया। इस बात को मुसलमान कभी नहीं भूलेंगे।” उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस ने तब अपने ही अधिकारियों को मार डाला था और निर्दोष मुसलमानों को बेवजह मौत के घाट उतार दिया गया था। उन्होंने कांग्रेस पर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई न करके 20 करोड़ मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया।
मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा ‘शहीद का दर्जा मिले’
उन्होंने यह बयान देने से एक दिन पहले कहा था कि उन्हें लगता है कि केवल कांग्रेस ही मुसलमानों का विकास सुनिश्चित कर सकती है। यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय लल्लू के साथ कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, खान ने यूपी चुनाव 2022 में सबसे पुरानी पार्टी को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और कहा था कि केवल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ‘धर्मनिरपेक्ष’ नेता हैं।
गौरतलब है कि खान ने 8 जनवरी को उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हिंदुओं के खिलाफ मुसलमानों को भड़काया था। 20 लाख मुसलमानों की भीड़ को संबोधित करते हुए, कट्टरपंथी इस्लामवादी ने भारत में हिंदुओं को खुलेआम धमकी दी थी और कहा था कि “मैं अपने मुस्लिम युवाओं के भीतर गुस्सा देखता हूं और मुझे डर है कि उस दिन यह गुस्सा फूटेगा, जिस दिन मैं उन पर नियंत्रण खो दूंगा।” उन्होंने हिंदुओं के प्रति अपनी अत्यधिक नफरत को प्रदर्शित करते हुए कहा, “मैं अपने हिंदू भाइयों को चेतावनी देना चाहता हूं कि मुझे डर है कि जिस दिन मेरे मुस्लिम युवाओं को मजबूर किया जाएगा उस दिन आपको भारत में कहीं भी छिपने की जगह नहीं मिलेगी।”
रिपब्लिक टीवी के माध्यम से तौकीर रजा खान ने कहा “उस समय, जितने भी एनकाउंटर और बम विस्फोट हुए, वे फर्जी थे, उन्हें मुसलमानों की छवि खराब करने के लिए और हिंदुओं के दिलों में समुदाय के खिलाफ एक तरह का डर पैदा करने के लिए अंजाम दिया गया। इस्लामिक मौलवी ने आगे कहा, “मैं सिर्फ बाटला हाउस की बात नहीं कर रहा हूं, अगर सभी मामलों की स्वतंत्र जांच हो तो यह साबित हो जाएगा कि वे आतंकवादी नहीं थे, शहीद थे।”
बाटला हाउस एनकाउंटर पर सोनिया गांधी के आँसू
आपको बता दें कि कांग्रेस ने मौलाना तौकीर रजा खान के साथ 2009 में गठबंधन किया था। पार्टी ने 2009 में घोषणा की थी कि अखिल भारतीय इत्तिहाद-ए-मिल्लत परिषद लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का समर्थन करने के लिए सहमत हो गई है, जिसके बदले में परिषद की उत्तर प्रदेश के 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे की व्यवस्था होगी।
गौरतलब है कि बाटला हाउस में आतंकियों के मारे जाने से कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी भी खफा थीं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी एक रैली में कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मारे गए आतंकवादियों की तस्वीरें देखकर फूट-फूट कर रोई थीं। खुर्शीद ने कहा था कि “जब हमने सोनिया गांधी को ‘घटना’ की तस्वीरें दिखाईं तो वह फूट-फूट कर रोने लगीं और हाथ जोड़कर कहा, कृपया मुझे ये तस्वीरें न दिखाएं। तुरंत जाकर प्रधानमंत्री (डॉ मनमोहन सिंह) से बात करें और मामले पर चर्चा करें। मैंने पीएम से बात की और यह तय किया गया कि मामले की आगे जांच की जाएगी।” ऐसे में, मौलाना तौकीर रजा खान और कांग्रेस की सांठगांठ के बाद इस तरह के बयान सामने आना आतंकवादियों को बढ़ावा देना है, जोकि कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।