दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में छह आरोपी व्यक्तियों को जमानत दे दी है। इस मामलें में आरोप लगाया गया था कि कट्टरपंथियों की एक भीड़ ने तोड़फोड़ की थी और मिठाई की दुकान में आग लगा दी जिसके परिणामस्वरूप जलने की चोट से एक 22 वर्षीय लड़के दिलबर नेगी की मौत हो गई थी।
अब इस मामले में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने मोहम्मद ताहिर, शाहरुख, मो. फैजल, मो. शोएब, राशिद और परवेज को जमानत दे दी है।
कौन था दिलबर नेगी?
दिलबर नेगी केवल 22 साल का था l दिल्ली दंगों से छह महीने पहले ही वह उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से दिल्ली आया था और शिव विहार स्थित एक मिठाई की दुकान पर काम करता था।
24 फरवरी को, दिल्ली में जिहादियों द्वारा अमानवीय रूप से उसकी हत्या कर दी गई, हथियार से पहले उसके हाथ और पैरों को काट दिया गया और फिर उसके शव को जला दिया गया था।
दिलबर नेगी सेना में भर्ती होना चाहता था लेकिन परिवार बहुत गरीब था इसलिए उनकी मदद करने के लिए, वह दिल्ली आया और शिव विहार में एक मिठाई की दुकान पर काम कर रहा था।
उसने 24 फरवरी की रात को अपने चचेरे भाई को आखिरी बार फोन किया था। हादसे के दो दिन तक लोगों को लगा वह लापता हो गया है और 26 तारीख को उसका शव दुकान के एक कमरे से मिला। जब उसने आखिरी बार कॉल की तो उसने बताया था कि वह फंसा हुआ है और बाहर भीड़ है।
दिलबर के करीबी श्याम सिंह ने बताया कि 23 फरवरी की शाम शाहदरा इलाके में कुछ दंगाइयों ने प्रवेश किया था। दंगाइयों ने नेगी को अपना पहला निशाना बनाया। उन्होंने उसके हाथ-पैर काट दिए थे। फिर उन्होंने उसके शरीर को मिठाई की दुकान में आग लगा दिया।
26 फरवरी को जब मिठाई की दुकान के मालिक अनिल पाल पुलिस के साथ अपनी दुकान का हाल जानने मौके पर पहुंचे तो उन्हें मृतक दिलबर नेगी का शव दूसरी मंजिल पर सीढ़ी के पास मिला।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली और बाद में मामले की आगे की जांच क्राइम ब्रांच की SIT को ट्रांसफर कर दी गई।जांच के दौरान मामले में 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। जांच के बाद 4 जून 2020 को चार्जशीट दाखिल की गई।
सार्वजनिक गवाहों के बयानों के अनुसार, यह कहा गया कि एक दंगा हुआ था जहां दंगाइयों ने पथराव किया, हिंदू विरोधी नारे लगाए, कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी और एक इमारत में घुसकर मृतक को मार डाला, जो वहां छिपा हुआ था और उसके शरीर को इमारत के साथ ही जला दिया।
इस जघन्य अपराध में दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों के दौरान गोकुलपुरी में दिलबर नेगी की हत्या के सिलसिले में छह आरोपियों को जमानत दे दी है।
चार्जशीट के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की भीड़ पूर्वोत्तर दिल्ली के बृजपुरी पुलिया से आई और हिंदू संपत्तियों को निशाना बनाकर हिंसा शुरू कर दी और भीड़ 24 फरवरी की देर रात तक आग लगाती रही। पुलिस ने कहा कि भीड़ ने एक दुकान में आग लगा दी थी। हत्या के समय नेगी दोपहर के भोजन और आराम करने के लिए दुकान के गोदाम में गया था, जहां दंगाइयों ने उसकी हत्या कर दी थी।
आपको बताते चलें कि फरवरी 2020 में, पूर्वोत्तर दिल्ली में तीन दिनों के हिंदू विरोधी दंगों में कम से कम 53 लोगों की जान चली गई, जबकि 200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।