कनाडा में ट्रक ड्राइवरों का आंदोलन जस्टिन ट्रूडो की राजनीति के लिए Waterloo के समान है

सब कर्मों का खेल है भैया!

कनाडा ट्रक

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दुनिया में कई ऐसे योद्धा हुए हैं, जिनका नाम इतिहास में हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गया है। फ्रांस के महान बादशाह कहे जाने वाले नेपोलियन बोनापार्ट भी उनमें से एक हैं। उन्होंने दुनिया के एक बड़े हिस्से पर राज किया। एक आम आदमी से बादशाह की गद्दी तक का नेपोलियन की जिंदगी का सफर बेहद ही दिलचस्प रहा था। नेपोलियन बोनापार्ट को इतिहास में दुनिया के सबसे महान सेनापतियों में गिना जाता है। लेकिन दुनिया के एक बड़े हिस्से पर शासन करने वाला नेपोलियन आखिर हारा कहां? आपको जानकर आश्चर्य होगा कि फ्रांस से कुछ ही दूरी पर स्थित बेल्जियम के वाटरलू में 1815 में नेपोलियन को हार का सामना करना पड़ गया था। मौजूदा समय में कनाडा में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो बड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अब हालत ऐसी हो गई है कि कनाडा के राष्ट्रपति को पीठ दिखाकर भागना पड़ रहा है। यह हार कहीं और नहीं कनाडा के ओंटारियो में हुई है।

जानें क्या है पूरा मामला?

दरअसल, कनाडा के ओंटारियो में पार्लियामेंट हिल पर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हो गए हैं और कोविड-19 वैक्सीन की अनिवार्यता और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिबंधों को समाप्त करने का आह्वान कर दिया है। बताया जा रहा है कि कनाडा में कोरोना वैक्सीन को अनिवार्य करने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। सूत्रों ने सीबीसी न्यूज को बताया कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और उनके परिवार को सुरक्षा चिंताओं के बीच एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है। प्रदर्शनकारियों, जिनमें ज्यादातर ट्रक चालक हैं, वे देश के लगभग सभी क्षेत्रों से पैदल प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हुए।

सीबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड -19 महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की निंदा करते हुए वे सभी शनिवार को संसदीय परिसर में एकत्रित हुए। संभावित हिंसा के लिए पुलिस हाई अलर्ट पर है। स्थानीय पुलिस ने बीते बुधवार को कहा कि वह विरोध करने वाले नेताओं के संपर्क में हैं, जिन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शनों की पुष्टि की है। उप प्रमुख स्टीव बेल ने “समानांतर समूहों” की उपस्थिति के बारे में चिंता जताई है।

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पीएम और उनका परिवार अब रिड्यू कॉटेज में अपने घर पर नहीं हैं। उनका आधिकारिक निवास विरोध के केंद्र से लगभग चार किलोमीटर दूर है। हालांकि, बताया जा रहा है कि वह “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र” में ही हैं। इधर, पीएम कार्यालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए ट्रूडो के स्थानांतरण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। सरकारी बयान के अनुसार, ट्रूडो अपने एक बच्चे के कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद क्वारंटीन में हैं।

कनाडा में आजादी की मांग

गौरतलब है कि कनाडा सरकार और पीएम जस्टिन ट्रूडो से सबसे ज्यादा नाराज ट्रक चालक हैं और उत्तरी अमेरिका में ट्रक चालक मतलब देश के सबसे ताकतवर लॉबी से आना। अब जस्टिन के एक फैसले से ट्रक चालक एकदम गुस्से में है। जब प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवर पार्लियामेंट हिल में जुटे तो उनके समर्थन में ट्रक ड्राइवरों ने पूरे शहर में बिना रुके अपने एयर हॉर्न बजाए। वे उन पैदल प्रदर्शनकारियों से जुड़े हुए थे, जिन्होंने कनाडा के बैनर लहराए और “आजादी” की मांग की है।

कनाडा का संसद भवन सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की निंदा करने वाले बैनरों से सजा हुआ था। प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ नारे लगाते हुए देखा गया, क्योंकि लोगों ने न केवल कोविड-19 प्रतिबंधों पर अपना गुस्सा जताया, बल्कि सरकार के खिलाफ व्यापक असंतोष भी दिखाया है। डेली मेल यूके की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को चार्टर ऑफ राइट्स एंड फ्रीडम की प्रतियां ले जाते हुए देखा गया, जबकि अन्य लोगों ने ‘ईश्वर हमारी भूमि को गौरवशाली और स्वतंत्र बनाए रखें’, ‘कनाडा को फिर से महान बनाएं’ और ‘हम यहां अपनी आजादी के लिए हैं’ के प्लेकार्ड लिए हुए थे।

ट्रक चालकों को मिल रहा आम जनता का समर्थन

COVID-19 वैक्सीन जनादेश का विरोध करने के लिए ट्रक ड्राइवरों और समर्थकों के एक बड़े काफिले का बीते मंगलवार को विन्निपेग के बाहरी इलाके में समर्थकों की भीड़ ने स्वागत किया। ट्रक वालों के धीरे-धीरे चलते रहे और कुछ ने तो संकेत भी दिखाए। इन सबके बीच जनता चालकों के साथ है, उन्होंने चालकों को सैंडविच, स्नैक्स और पानी दिया। ब्रिटिश कोलंबिया में शुरू हुआ चालकों के  काफिला पूर्व की ओर जाते-जाते बड़ा हो गया है। पुलिस ने बताया कि सोमवार रात तक करीब 1,200 ट्रक और अन्य वाहन थे।

सरकार के इस फैसले से गुस्से में हैं लोग

दरअसल, कनाडा में जस्टिन ट्रूडो सरकार ने वैक्सीन को अनिवार्य कर दिया है और लोगों को लगता है कि टीकाकरण (Vaccination in Canada) अनिवार्य करना स्वास्थ्य से संबंधित नहीं है, बल्कि यह सरकार द्वारा ‘चीजों को नियंत्रित’ करने का एक पैंतरा है। जिसे लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। ध्यान देने वाली बात है कि विश्व की प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसियों ने लगातार संदेश दिया है कि टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं, लेकिन विरोध में शामिल कई लोगों का कहना है कि वे टीके पर भरोसा नहीं करते हैं। डॉसन क्रीक के एक ट्रक चालक डॉन रॉस ने कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से RNA टीकाकरण से सहमत नहीं हूं या जिसे वे टीकाकरण कहते हैं।” RNA टीकाकरण नहीं होने का मतलब है कि रॉस सीमा पार नहीं कर सकते हैं। कनाडा के कुछ हिस्सों में वैक्सीन पासपोर्ट आवश्यकताओं के साथ, रॉस अब रेस्तरां में भी नहीं जा सकते हैं। उन्होंने कहा,“मैं रेस्तरां में भी नहीं जा सकता। मैं बाथरूम में नहीं जा सकता। मैं सड़क पर हूं।”

“सब कर्मों का खेल है”

बताते चलें कि भारत में जब किसान आंदोलन के नाम पर सड़कों पर गुंडागर्दी हो रही थी, तब यही जस्टिन ट्रूडो बहुत ज्ञान दे रहे थे। यह वही ट्रूडो हैं, जो खालिस्तानियों के दबाव में आकर भारत के संदर्भ में बड़े-बड़े अलोकतांत्रिक बयान दे रहे थे। आपको बता दें कि दिसंबर 2020 में ट्रूडो किसानों के विरोध के समर्थन में सामने आए थे। भारत ने तब इसे “गैर-सूचित” और “अनुचित” करार दिया था। अब उत्तरी अमेरिकी ट्रकिंग व्यवसाय में एक ‘प्रेरक शक्ति’ माने जाने वाले सिख ड्राइवर भी कनाडा के कोविड जनादेश के विरोध में शामिल हो गए हैं।

इस खबर के बाहर आते ही जनता ने मजे लेना शुरू कर दिया है। पत्रकार अमीश देवगन ने एक ट्वीट में कहा कि सब कर्मों का खेल है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि “ट्रूडो ने पिछले साल 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर रैली का समर्थन किया था और अब जस्टिन ट्रूडो और उनका परिवार सुरक्षा खतरे के कारण गुप्त स्थान पर भाग गया है। कनाडा में #TruckersFreedomProtests तेज हो गया है, लाखों लोग सड़कों पर हैं।”

वहीं, मेजर सुरेंद्र पूनिया ने ट्वीट करते हुए कहा, “कर्मा रिटर्न! कनाडा में ट्रक ड्राइवरों का विरोध तेज, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो और उनका परिवार सुरक्षा आशंकाओं के कारण गुप्त स्थान के लिए रवाना हो गए। ट्रूडो ने दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टरों का समर्थन किया, जो अब अपने ही देश #TruckersForFreedom2022 में उसी का सामना कर रहे हैं।”

एक अन्य ट्विटर यूजर ने जस्टिन ट्रूडो को टैग करते हुए पूछा कि ठंड तो नहीं लग रही? उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ट्रूडो ने भारत में किसान विरोध को प्रोत्साहित किया था और अब उसी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि सब कर्मों का खेल है। ट्रूडो का व्यवहार अब उनकी ही परेशानियां बढ़ा रहा है.

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