जो काम किसी को और करना चाहिए था, वो कोई और कर रहा है। भारतीय सिनेमा का प्रतीक जिस उद्योग को बनना चाहिए था, उसकी जगह उस उद्योग ने ली है, जिसकी चर्चा तो सभी करते हैं पर वह प्रारंभ में उतना प्रभावशाली नहीं था, जितना भारतीय सिनेमा का प्रमुख उद्योग यानी बॉलीवुड था। हम बात कर रहे हैं तेलुगु फिल्म उद्योग यानी टॉलीवुड (Tollywood) की, जिसने अब भारतीय सिनेमा में झंडे गाड़ने प्रारंभ कर दिए हैं और अब बॉलीवुड को भी लोकप्रियता और रचनात्मकता में मीलों पीछे छोड़ दिया है।
टॉलीवुड ने पिछले कुछ हफ्तों में क्या धमाल मचाया है, इसके लिए किसी विशेष शोध की आवश्यकता नहीं है। अल्लू अर्जुन अभिनीत ‘पुष्पा’ ने बॉक्स ऑफिस पर 350 करोड़ से अधिक की कमाई की है, जिसमें से लगभग 90 करोड़ इस मूवी ने अकेले हिन्दी में डब किए गए संस्करण से कमाए हैं। यही नहीं, अल्लू अर्जुन की एक सफल फिल्म ‘आला वैकुंठपुरामलू’ (Ala Vaikunthapurramloo) का डब संस्करण जल्द ही सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने हेतु तैयार है।
तेलुगु फिल्म उद्योग में हर वो चीज मिलेगी, जो एक दर्शक पसंद करता है। हर प्रकार की फिल्में, चाहे जिस भी विषय पर हो, आपको तेलुगु फिल्म उद्योग में किसी चीज़ की कमी देखने को नहीं मिलेगी। इस वेरायटी की कमी बॉलीवुड में कई दशकों से है, जिसे पूरा करने के लिए बॉलीवुड प्रयास तक नहीं कर रहा है, लेकिन टॉलीवुड में इसके प्रयास काफी पहले ही शुरु हो गए थे, जो अब मूवी में भी दिखने लगे हैं।
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तेलुगु फिल्म उद्योग को मिल रही है ‘फुल इज्जत’
गौरतलब है कि तेलुगु फिल्म उद्योग अभी से नही, भारत में कई दशकों से लोकप्रिय रहा है। जब तेलुगु फिल्म उद्योग को बॉलीवुड जितना धनबल और समर्थन नहीं मिलता था, तब भी यह इंडस्ट्री केवल डब किए गए संस्ककरणों के सहारे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहता था। तमिल उद्योग भी इस मामले में तेलुगु उद्योग का कट्टर प्रतिद्वंदी था, लेकिन वह अधिकतम एक या दो सितारों, जैसे रजनीकांत, कमल हासन इत्यादि पर ही निर्भर रहता था, इसलिए तमिल उद्योग संपूर्ण भारत में आज भी पूरी तरह लोकप्रिय नहीं हो पाया।
लेकिन तेलुगु इंडस्ट्री को लेकर खेल बदला 2015 में, जब एस एस राजामौली ‘बाहुबली’ लेकर आए। मूल रूप से तेलुगु में बनी यह फिल्म अन्य संस्करणों में भी लोकप्रिय रही, परंतु Bollywood का वर्चस्व फिर भी कायम था। लेकिन 2017 में जब ‘बाहुबली’ का सीक्वल आया, तो मानो सब कुछ बदल गया। इस फिल्म ने लगभग हर रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए लगभग 1000 करोड़ से अधिक रुपये की कमाई की थी। यदि ‘दंगल’ फिल्म की सर्वाधिक कमाई चीन में नहीं होती, तो ‘बाहुबली’ वित्तीय तौर पर कुल राजस्व में भारत की सबसे सफल फिल्म सिद्ध होती, जिसने वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर लगभग 1900 करोड़ रुपये कमाए थे।
तेलुगु और कन्नड़ इंडस्ट्री लहरा रहे परचम
ध्यान देने वाली बात है कि यह रीति यहीं खत्म नहीं हुई। अगले वर्ष दो छोटे बजट के फिल्मों ने भारत भर में केवल अपनी कहानी के दम पर तहलका मचा दिया और जो बॉलीवुड कभी क्षेत्रीय उद्योग से सीधे मुंह बात नहीं करता, वो उन्हीं के फिल्मों की अंधाधुंध रीमेक बनाने लगा। एक थी मराठी में नागराज मंजुले की सुप्रसिद्ध ‘सैराट’ और दूसरी थी तेलुगु फिल्म ‘अर्जुन रेड्डी’, जो बाद में जाकर सुप्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म ‘कबीर सिंह’ में परिवर्तित हुई। इसके निर्देशक भी संदीप रेड्डी वंगा थे, जिन्होंने मूल फिल्म को निर्देशित किया।
अब बाहुबली के नेतृत्व में जब तेलुगु उद्योग ने ये सिलसिला प्रारंभ किया, तो कन्नड़ उद्योग कैसे पीछे रहता? अगले ही वर्ष 2018 में कोलार स्वर्ण खदान के गोरखधंधों पर आधारित ‘KGF’ का प्रथम संस्करण प्रदर्शित हुआ। कन्नड़ स्टार नवीन राज गौड़ा उर्फ ‘यश’ के नेतृत्व में यह फिल्म न केवल पूरे भारत में प्रदर्शित हुई, अपितु उसने उसी दिन भारत में प्रदर्शन का निर्णय लिया, जिस दिन शाहरुख ख़ान की बहुप्रतीक्षित ‘जीरो’ प्रदर्शित होने को तैयार थी। ‘KGF’ ने अपेक्षाओं के विपरीत न केवल ‘ज़ीरो’ की नैया डुबोई, अपितु 250 करोड़ से अधिक कमाकर एक अलग पहचान भी बनाई और आज दर्शक KGF के दूसरे संस्करण के लिए बॉलीवुड के बड़े से बड़े फिल्म से भी अधिक प्रतीक्षारत हैं।
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भारत की सबसे सफल फिल्म इंडस्ट्री है तेलुगु
बता दें कि अब तेलुगु फिल्म उद्योग भारत के सबसे सफल फिल्म उद्योगों में से एक है और ये बात स्वयं तरण आदर्श जैसे प्रखर फिल्म विश्लेषक भी मानते हैं। उनके अनुसार, “मेरे मायने में तेलुगु ज्यादा महत्वपूर्ण उद्योग है। जिस प्रकार की फिल्में, बजट, प्रोफेशनल व्यवहार और रिलीज़ पैटर्न इनके पास है, वो निस्संदेह प्रशंसनीय है। जो अखिल भारतीय फिल्में ये प्लान करते हैं, उनका कोई तोड़ नहीं है। इसे कहना अनुचित होगा कि दक्षिण भारतीय सिनेमा बॉलीवुड की तुलना में कमतर है। मैं तो कहूँगा कि तेलुगु का सिक्का इस समय ज्यादा चल रहा है”।
ध्यान देने वाली बात है कि अभी तेलुगु फिल्म उद्योग थमने का नाम नहीं ले रही है। उनके आगे के प्रोजेक्ट केवल व्यावसायिक रूप से ही नहीं, अपितु वैचारिक और सांस्कृतिक रूप से भी काफी संपन्न हैं। उदाहरण के लिए प्रसिद्ध अभिनेता नवीन राज उर्फ नानी अपने प्रसिद्ध सीरीज़ ‘HIT’ का नया संस्करण लेकर आ रहे हैं, जिसमें आदिवि सेश प्रमुख भूमिका में हैं। ये वही ‘HIT’ सीरीज़ है, जिसका प्रथम संस्करण काफी चर्चा में रहा है और उसके हिन्दी रीमेक में राजकुमार राव और सान्या मल्होत्रा प्रमुख भूमिकाओं में होंगे।
मजे की बात यह है कि आदिवि सेश एक और पैन इंडिया प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे हैं, जिसका नाम है ‘मेजर’। तेलुगु और हिन्दी में निर्मित हो रही इस फिल्म में आदिवि मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की भूमिका को आत्मसात करेंगे। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जो काम बॉलीवुड को करना चाहिए, वो आज टॉलीवुड कर रहा है।