उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग एक सार्वजनिक यात्री सड़क परिवहन सेक्टर है जो उत्तर प्रदेश के साथ साथ उत्तर भारत के आसपास के राज्यों में सेवाओं का निर्वहन करता है. यह लगभग 1.8 मिलियन लोगों को 4.1 मिलियन किलोमीटर की यात्रा के माध्यम से सेवा प्रदान करती है तथा इसके परिणामस्वरूप प्रतिदिन रु.119.8 मिलियन की आय इसके माध्यम से होती है। यात्रियों को उचित, प्रभावी, सुव्यवस्थित, सुविधाजनक एवं किफायती सड़क परिवहन सेवाएं प्रदान करना एवं साथ ही आत्म जीविका एवं विकास ही हमारा उद्देश्य है
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग इतिहास
उत्तर प्रदेश सरकार रोडवेज़ द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में यात्री सड़क परिवहन सेवा 15 मई, 1947 को लखनऊ-बाराबंकी से बस सेवा का संचालन प्रारंभ किया गया था।इसके बाद चौथी पंच वर्षीय योजना के दौरान, भूतपूर्व उत्तर प्रदेश सरकार ने रोडवेज़ का नाम 1 जून 1972 को सड़क परिवहन अधिनियम, 1950 के अधीन परिवर्तित कर उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम कर दिया गया था।
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उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं:
1.सड़क परिवहन सेक्टर के विकास से व्यापार एवं उद्योग का भी विकास होगा।
2.बाकी परिवहन माध्यमों के साथ सड़क परिवहन सेवा का समन्वय हेतु।
3.जनता को पर्याप्त, किफायती एवं प्रभावी सेवा प्रदान करना।
जिस समय निगम की स्थापना हुई थी।उस समय उनके पास 4253 बसों की फ्लीट थी। जिसका 1123 मार्गों पर संचालन किया जाता था। निगम के द्वारा उस वक्त 228.8 मिलियन किमी का बस संचालन किया जाता था। वहीं यात्रियों की कुल संख्या 251.3 मिलियन थी।दशक के अंत तक निगम की फ्लीट में 5679 बसें समाहित हो गई थीं। जिसके बाद बसों का संचालन 1782 मार्गों पर किया जाने लगा था। जिससे बसों के संचालन में भी बढ़ोत्तरी हुई तथा बसों का कुल संचालन 395.3 मिलियन किलोमीटर तक पहुंच गया एवं यात्रियों की कुल संख्या 449.1 मिलियन तक पहुंच गयी।
ऐसी कई पंच वर्षीय योजना में परिवहन विभाग के कई मॉडल को अलग ढ़ंग से पेश किया गया। वहींबारहवीं पंच वर्षीय योजना में 4866 बसों को शामिल किया गया तथा 2659 बसों को फ्लीट से हटा दिया गया। वर्ष 2016-17 के अंत तक निगम के पास 2400 किराए की बसों के अतिरिक्त निगम के पास बसों की संख्या 9277 हो गयी थी जो पूर्णतः उसके अधीन थीं।
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग का कॉर्पोरेट कार्यालय लखनऊ में स्थापित है। निगम को 30 अक्टूबर 2003 में उत्तरांचल राज्य में सेवाओं के निर्वहन हेतु पुनर्स्थापित किया गया था।इसकी कई ईकाइयों में विभाजित किया गया जिन्हें डिपो कहा जाता है। निगम में कुल 115 डिपो हैं जिसमें कार-सेक्शन भी शामिल हैं। आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, गाजियाबाद, बरेली, कानपुर, सहारनपुर, इलाहाबाद, मुरादाबाद एवं इटावा में 8 टायर रिट्रीडिंग संयंत्रों को स्थापित किया गया है जो इन-हाउस टायर रिट्रीडिंग सुविधा प्रदान करने का कार्य करते हैं.
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प्रबंधन विवरण
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन विभाग का प्रबंधन इसके प्रबंध निदेशक के माध्यम से, जो कि कार्यपालक मुखिया होता है, निदेशक मण्डल द्वारा किया जाता है | इस मण्डल का प्रमुख अध्यक्ष होता है तथा इसमें कम से कम 5 तथा ज्यादा से ज्यादा 17 निदेशक होते हैं। जिसके अंदर एक तिहाई केंद्र सरकार से तथा दो तिहाई राज्य सरकार से होते हैं। निदेशकों की जो नियुक्ति होती है वह राज्य सरकार द्वारा की जाती है |
निगम के कुल स्टाफ़, लगभग 21010 में से प्रथम श्रेणी के 61 अधिकारी, द्वितीय श्रेणी के 187 अधिकारी, 19143 तृतीय श्रेणी कर्मचारी ,1619 चतुर्थ श्रेणी व 13 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं | इसके अतिरिक्त 4 अंशकालिक कर्मचारी भी हैं.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन विभाग के अध्यक्ष-
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन विभाग (यूपीएसआरटीसी) के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव आरके तिवारी को बनाया है।राजेंद्र कुमार तिवारी महोबा जिले के रहने वाले हैं। वह यूपी काडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाले राजेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा बुंदेलखंड के ही जनपद ललितपुर में पूरी हुई है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन मंत्री-
उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया जी हैं। अशोक कटारिया का जन्म 18 दिसंबर 1972 को बिजनौर उत्तर प्रदेश के हींमपुर पृथ्या गांव में हुआ था।
उत्तर प्रदेश का एसटीडी कोड क्या है?
उत्तर प्रदेश का एसटीडी कोड 0522 है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन विभाग का Twitter अकांउट क्या है?
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का टियूटर अकांउट UPSRTCHQ है.
हेल्पलाइन नंबर तथा फैक्स नंबर क्या है?
यदि आपकों उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन विभाग की कुछ जानकारी लेनी है तो आप इसके हेल्पलाइन नंबर 18001802877 पर संपर्क कर सकते हैं तथा फैक्स नंबर 2623578 पर भी फैक्स कर सकते हैं. आशा करते है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा ऐसे ही लेख और न्यूज पढ़ने के लिए कृपया हमारा ट्विटर फॉलो करें.